2. उस ने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उस में उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उस ने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुण्ड भी खोदा; तब उस ने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं।।
2. And I made a hedge round it, and dug a trench, and planted a choice vine, and built a tower in the midst of it, and dug a place for the wine vat in it; and I waited [for it] to bring forth grapes, and it brought forth thorns.