7. क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल का घराना, और उसका मनभाऊ पौधा यहूदा के लोग है; और उस ने उन में न्याय की आशा की परन्तु अन्याय देख पड़ा; उस ने धर्म की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी!
7. For the vineyard of Jehovah of hosts is the house of Israel, and the men of Judah the plant of his delight: and he looked for justice, and behold, blood-shedding; for righteousness, and behold, a cry.