25. इस कारण यहोवा का क्रोध अपनी प्रजा पर भड़का है, और उस ने उनके विरूद्ध हाथ बढ़ाकर उनको मारा है, और पहाड़ कांप उठे; और लोगों की लोथें सड़कों के बीच कूड़ा सी पड़ी हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है।।
25. Therefore is the wrath of the LORD kindled also against his people, and he shaketh his hand at them: yea he shall smite so, that the hills shall tremble. And their carcasses shall lie in the open streets, like mire. After all this, the wrath of God shall not cease, but he shall stretch his hand wider.