Isaiah - यशायाह 41 | View All

1. हे द्वीपों, मेरे साम्हने चुप रहो; देश देश के लोग नया बल प्राप्त करें; वे समीप आकर बोलें; हम आपस में न्याय के लिये एक दूसरे के समीप आएं।।

2. किस ने पूर्व दिशा से एक को उभारा है, जिसे वह धर्म के साथ अपने पांव के पास बुलाता है? वह जातियों को उसके वश में कर देता और उसको राजाओं पर अधिकारी ठहराता है; उसकी तलवार वह उन्हें धूल के समान, और उसके धनुष से उड़ाए हुए भूसे के समान कर देता है।

प्रकाशितवाक्य 16:12 और छठवें ने अपना कटोरा बड़ी नदी फुरात पर उंडेल दिया और उसका पानी सूख गया कि पूर्व दिशा के राजाओं के लिये मार्ग तैयार हो जाए।

3. वह उन्हें खदेड़ता और ऐसे मार्ग से, जिस पर वह कभी न चला था, बिना रोक टोक आगे बढ़ता है।

4. कि ने यह काम किया है और आदि से पीढ़ियों को बुलाता आया है? मैं यहोवा, जो सब से पहिला, और अन्त के समय रहूंगा; मैं वहीं हूं।।

प्रकाशितवाक्य 1:4-8 यूहन्ना की ओर से आसिया की सात कलीसियाओं के नाम: उस की ओर से जो है, और जो था, और जो आनेवाला है; और उन सात आत्माओं की ओर से, जो उसके सिंहासन के साम्हने है।और यीशु मसीह की ओर से, जो विश्वासयोग्य साक्षी और मरे हुओं में से जी उठनेवालों में पहिलौठा, और पृथ्वी के राजाओं का हाकिम है, तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे: जो हम से प्रेम रखता है, और जिस ने अपने लोहू के द्वारा हमें पापों से छुड़ाया है।और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन।देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है; और हर एक आंख उसे देखेगी, बरन जिन्हों ने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हां। आमीन।।प्रभु परमेश्वर वह जो है, और जो था, और जो आनेवाला है; जो सर्वशक्तिमान है: यह कहता है, कि मैं ही अल्फा और ओमिगा हूं।।

प्रकाशितवाक्य 4:8 और चारों प्राणियों के छ: छ: पंख हैं, और चारों ओर, और भीतर आंखे ही आंखे हैं; और वे रात दिन बिना विश्राम लिए यह कहते रहते हैं, कि पवित्रा, पवित्रा, पवित्रा प्रभु परमेश्वर, सर्वशक्तिमान, जो था, और जो है, और जो आनेवाला है।

प्रकाशितवाक्य 16:5 और मैं ने पानी के स्वर्गदूत को यह कहते सुना, कि हे पवित्रा, जो है, और जो था, तू न्यायी है और तू ने यह न्याय किया।

5. द्वीप देखकर डरते हैं, पृथ्वी के दूर देश कांप उठे और निकट आ गए हैं।

6. वे एक दूसरे की सहायता करते हैं और उन में से एक अपने भाई से कहता है, हियाव बान्ध!

7. बढ़ई सोनार को और हथौड़े से बराबर करनेवाला निहाई पर मारनेवाले को यह कहकर हियाव बन्धा रहा है, जोड़ तो अच्छी है, सो वह कील ठोंक ठोंककर उसको ऐसा दृढ़ करता है कि वह स्थिर रहे।।

8. हे मेरे दास इस्राएल, हे मेरे चुने हुए याकूब, हे मेरे प्रेमी इब्राहीम के वंश;

याकूब 2:23 और पवित्रा शास्त्रा का यह वचन पूरा हुआ, कि इब्राहीम ने परमेश्वर की प्रतीति की, और यह उसके लिये धर्म गिना गया, और वह परमेश्वर का मित्रा कहलाया।

लूका 1:54 उस ने अपने सेवक इस्राएल को सम्भाल लिया।

इब्रानियों 2:16 क्योंकि वह तो स्वर्गदूतों को नहीं बरन इब्राहीम के वंश को संभालता है।

9. तू जिसे मैं ने पृथ्वी के दूर दूर देशों से लिया और पृथ्वी की छोर से बुलाकर यह कहा, तू मेरा दास है, मैं ने तुझे चुला है और तजा नहीं;

मत्ती 12:18-21 कि देखो, यह मेरा सेवक है, जिसे मैं ने चुना है; मेरा प्रिय, जिस से मेरा मन प्रसन्न है: मैं अपना आत्मा उस पर डालूंगा; और वह अन्यजातियों को न्याय का समाचार देगा।वह न झगड़ा करेगा, और न धूम मचाएगा; और न बाजारों में कोई उसका शब्द सुनेगा।वह कुचले हुए सरकण्डे को न तोड़ेगा; और धूआं देती हुई बत्ती को न बुझाएगा, जब तक न्याय को प्रबल न कराए।और अन्यजातियां उसके नाम पर आशा रखेंगी।

लूका 1:54 उस ने अपने सेवक इस्राएल को सम्भाल लिया।

इब्रानियों 2:16 क्योंकि वह तो स्वर्गदूतों को नहीं बरन इब्राहीम के वंश को संभालता है।

10. मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा।।

प्रेरितों के काम 18:9-10 और प्रभु ने रात को दर्शन के द्वारा पौलुस से कहा, मत डर, बरन कहे जा, और चुप मत रह।क्योंकि मैं तेरे साथ हूं: और कोई तुझ पर चढ़ाई करके तेरी हाति न करेगा; क्योंकि इस नगर में मेरे बहुत से लोग हैं।

11. देख, जो तुझ से क्रोधित हैं, वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से झगड़ते हैं उनके मुंह काले होंगे और वे नाश होकर मिट जाएंगे।

12. जो तुझ से लड़ते हैं उन्हें ढूंढने पर भी तू न पएगा; जो तुझ से युद्ध करते हैं वे नाश होकर मिट जाएंगे।

13. क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दहिना हाथ पकड़कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा।।

14. हे कीड़े सरीखे याकूब, हे इस्राएल के मनुष्यों, मत डरो! यहोवा की यह वाणी है, मैं तेरी सहयता करूंगा; इस्राएल का पवित्रा तेरा छुड़ानेवाला है।

15. देख, मैं ने तुझे छुरीवाले दांवने का एक नया और चोखा यन्त्रा ठहराया है; तू पहाड़ों को दांय दांयकर स्ूक्ष्म धूलि कर देगा, और पहाड़ियों को तू भूसे के समान कर देगा।

16. तू उनको फटकेगा, और पवन उन्हें उड़ा ले जाएगी, और आंधी उन्हें तितर- बितर कर देगी। परन्तु तू यहोवा के कारण मगन होगा; और इस्राएल के पवित्रा के कारण बड़ाई मारेगा।।

17. जब दी और दरिद्र लोग जल ढूंढ़ने पर भी न पायें और उनका तालू प्यास के मारे सूख जाये; मैं यहोवा उनकी बिनती सुनूंगा, मैं इस्राएल का परमेश्वर उनको त्याग न दूंगां

18. मैं मुण्डे टीलों से भी नदियां और मैदानों के बीच में सोते बहऊंगा; मैं जंगल को ताल और निर्जल देश को सोते ही सोते कर दूंगा।

19. मैं जंगल में देवदार, बबूल, मेंहदी, और जलपाई उगाऊंगा; मैं अराबा में सनौवर, तिधार वृक्ष, और सीधा सनौबर इकट्ठे लगाऊंगा;

20. जिस से लोग देखकर जान लें, और सोचकर पूरी रीति से समझ लें कि यह यहोवा के हाथ का किया हुआ और इस्राएल के पवित्रा का सृजा हुआ है।।

21. यहोवा कहता है, अपना मुक मा लड़ो; याकूब का राजा कहता है, अपने प्रमाण दो।

22. वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएं बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, जिस से हम उन्हें सोचकर जान सकें कि भविष्य में उनका क्या फल होगा; वा होनेवाली घटनाएं हम को सुना दो।

23. भविष्य में जो कुछ घटेगा वह बताओ, तब हम मानेंगे कि तुम ईश्वर हो; भला वा बुरा; कुछ तो करो कि हम देखकर एक चकित को जाएं।

24. देखो, तुम कुछ नहीं हो, तुम से कुछ नहीं बनता; जो कोई तुम्हें जानता है वह घृणित है।।

25. मैं ने एक को उत्तर दिशा से उभारा, वह आ भी गया है; वह पूर्व दिशा से है और मेरा नाम लेता है; जैसा कुम्हार गिली मिट्टी को लताड़ता है, वैसा ही वह हाकिमों को कीच के समान लताड़ देगा।

प्रकाशितवाक्य 16:12 और छठवें ने अपना कटोरा बड़ी नदी फुरात पर उंडेल दिया और उसका पानी सूख गया कि पूर्व दिशा के राजाओं के लिये मार्ग तैयार हो जाए।

26. किस ने इस बात को पहिले से बताया था, जिस से हम यह जानते? किस ने पूर्वकाल से यह प्रगट किया जिस से हम कहें कि वह सच्चा है? कोई भी बतानेवाला नहीं, कोई भी सुनानेवाला नहीं, तुम्हारी बातों का कोई भी सुनानेवाला नहीं है।

27. मैं ही ने पहिले सिरयोन से कहा, देख, उन्हें देख, और मैं ने यरूशलेम को एक शुभ समाचार देनेवाला भेजा।

28. मैं ने देखने पर भी किसी को न पाया; उन में से कोई मन्त्री नहीं जो मेरे पूछने पर कुछ उत्तर दे सके।

29. सुनो, उन सभों के काम अनर्थ हैं; उनके काम तुच्छ हैं, और उनकी ढली हुई मूत्तियां वायु और मिथ्या हैं।।



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