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Updated Bible (2006)
Voice In Wilderness (2006)
World English Bible
Wycliffe Bible (1395)
Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. बुरे लोगों के विषय में डाह न करना, और न उसकी संगति की चाह रखना;
1. Be not envious of evil men, nor desire to be with them,
2. क्योंकि वे उपद्रव सोचते रहते हैं, और उनके मुंह से दुष्टता की बात निकलती है।
2. for their hearts devise violence, and their lips talk of trouble.
3. घर बुद्धि से बनता है, और समझ के द्वारा स्थिर होता है।
3. By wisdom a house is built, and by understanding it is established;
4. ज्ञान के द्वारा कोठरियां सब प्रकार की बहुमूल्य और मनभाऊ वस्तुओं से भर जाती हैं।
4. by knowledge the rooms are filled with all precious and pleasant riches.
5. बुद्धिमान पुरूष बलवान् भी होता है, और ज्ञानी जन अधिक शक्तिमान् होता है।
5. A wise man is full of strength, and a man of knowledge enhances his might,
6. इसलिये जब तू युद्ध करे, तब युक्ति के साथ करना, विजय बहुत से मन्त्रियों के द्वारा प्राप्त होती है।
6. for by wise guidance you can wage your war, and in abundance of counselors there is victory.
7. बुद्धि इतने ऊंचे पर है कि मूढ़ उसे पा नहीं सकता; वह सभा में अपना मुंह खोल नहीं सकता।।
7. Wisdom is too high for a fool; in the gate he does not open his mouth.
8. जो सोच विचार के बुराई करता है, उसको लोग दुष्ट कहते हैं।
8. Whoever plans to do evil will be called a schemer.
9. मूर्खता का विचार भी पाप है, और ठट्ठा करनेवाले से मनुष्य घृणा करते हैं।।
9. The devising of folly is sin, and the scoffer is an abomination to mankind.
10. यदि तू विपत्ति के समय साहस छोड़ दे, तो तेरी शक्ति बहुत कम है।
10. If you faint in the day of adversity, your strength is small.
11. जो मार डाले जाने के लिये घसीटे जाते हैं उनको छुड़ा; और जो घात किए जाने को हैं उन्हें मत पकड़ा।
11. Rescue those who are being taken away to death; hold back those who are stumbling to the slaughter.
12. यदि तू कहे, कि देख मैं इसको जानता न था, तो क्या मन का जांचनेवाला इसे नहीं समझता? और क्या तेरे प्राणों का रक्षक इसे नहीं जानता? और क्या वह हर एक मनुष्य के काम का फल उसे न देगा?मत्ती 16:27, रोमियों 2:6, 2 तीमुथियुस 4:14, 1 पतरस 1:17, प्रकाशितवाक्य 2:23, प्रकाशितवाक्य 20:12-13, प्रकाशितवाक्य 22:12
12. If you say, 'Behold, we did not know this,' does not he who weighs the heart perceive it? Does not he who keeps watch over your soul know it, and will he not repay man according to his work?
13. हे मेरे पुत्रा तू मधु खा, क्योंकि वह अच्छा है, और मधु का छत्ता भी, क्योंकि वह तेरे मुंह में मीठा लगेगा।
13. My son, eat honey, for it is good, and the drippings of the honeycomb are sweet to your taste.
14. इसी रीति बुद्धि भी तुझे वैसी ही मीठी लगेगी; यदि तू उसे पा जाए तो अन्त में उसका फल भी मिलेगा, और तेरी आशा न टूटेगी।।
14. Know that wisdom is such to your soul; if you find it, there will be a future, and your hope will not be cut off.
15. हे दुष्ट, तू धर्मी के निवास को नाश करने के लिये घात को न बैठ; ओर उसके विश्रामस्थान केा मत उजाड़;
15. Lie not in wait as a wicked man against the dwelling of the righteous; do no violence to his home;
16. क्योंकि धर्मी चाहे सात बार गिरे तौभी उठ खड़ा होता है; परन्तु दुष्ट लोग विपत्ति में गिरकर पड़े ही रहते हैं।
16. for the righteous falls seven times and rises again, but the wicked stumble in times of calamity.
17. जब तेरा शत्रु गिर जाए तब तू आनन्दित न हो, और जब वह ठोकर खाए, तब तेरा मन मगन न हो।
17. Do not rejoice when your enemy falls, and let not your heart be glad when he stumbles,
18. कहीं ऐसा न हो कि यहोवा यह देखकर अप्रसन्न हो और अपना क्रोध उस पर से हटा ले।।
18. lest the LORD see it and be displeased, and turn away his anger from him.
19. कुकर्मियों के कारण मत कुढ़ दुष्ट लोगों के कारण डाह न कर;
19. Fret not yourself because of evildoers, and be not envious of the wicked,
20. क्योंकि बुरे मनुष्य को अन्त में कुछ फल न मिलेगा, दुष्टों का दिया बुझा दिया जाएगा।।
20. for the evil man has no future; the lamp of the wicked will be put out.
21. हे मेरे पुत्रा, यहोवा और राजा दोनों का भय मानना; और बलवा करनेवालों के साथ न मिलना;1 पतरस 2:17
21. My son, fear the LORD and the king, and do not join with those who do otherwise,
22. क्योंकि उन पर विपत्ति अचानक आ पड़ेगी, और दोनों की ओर से आनेवाली आपत्ति को कौन जानता है?
22. for disaster from them will rise suddenly, and who knows the ruin that will come from them both?
23. बुद्धिमानों के वचन यह भी हैं।। न्याय में पक्षपात करना, किसी रीति भी अच्छा नहीं।
23. These also are sayings of the wise. Partiality in judging is not good.
24. जो दुष्ट से कहता है कि तू निर्दोष है, उसको तो हर समाज के लोग शाप देते और जाति जाति के लोग धमी देते हैं;
24. Whoever says to the wicked, 'You are in the right,' will be cursed by peoples, abhorred by nations,
25. परन्तु जो लोग दुष्ट को डांटते हैं उनका भला होता है, और उत्तम से उत्तम आशीर्वाद उन पर आता है।
25. but those who rebuke the wicked will have delight, and a good blessing will come upon them.
26. जो सीधा उत्तर देता है, वह होठों को चूमता है।।
26. Whoever gives an honest answer kisses the lips.
27. अपना बाहर का कामकाज ठीक करना, और खेत में उसे तैयार कर लेना; उसके बाद अपना घर बनाना।।
27. Prepare your work outside; get everything ready for yourself in the field, and after that build your house.
28. व्यर्थ अपने पड़ोसी के विरूद्ध साक्षी न देना, और न उसको फुसलाना।
28. Be not a witness against your neighbor without cause, and do not deceive with your lips.
29. मत कह, कि जैसा उस ने मेरे साथ किया वैसा ही मैं भी उसके साथ करूंगा; और उसको उसके काम के अनुसा पलटा दूंगा।।
29. Do not say, 'I will do to him as he has done to me; I will pay the man back for what he has done.'
30. मैं आलसी के खेत के पास से और निर्बुद्धि मनुष्य की दाख की बारी के पास होकर जाता था,
30. I passed by the field of a sluggard, by the vineyard of a man lacking sense,
31. तो क्या देखा, कि वहां सब कहीं कटीले पेड़ भर गए हैं; और वह बिच्छू पेड़ों से ढंप गई है, और उसके पत्थर का बाड़ा गिर गया है।
31. and behold, it was all overgrown with thorns; the ground was covered with nettles, and its stone wall was broken down.
32. तब मैं ने देखा और उस पर ध्यानपूर्वक विचार किया; हां मैं ने देखकर शिक्षा प्राप्त की।
32. Then I saw and considered it; I looked and received instruction.
33. छोटी सी नींद, एक और झपकी, थोड़ी देर हाथ पर हाथ रख के और लेटे रहना,
33. A little sleep, a little slumber, a little folding of the hands to rest,
34. तब तेरा कंगालपन डाकू की नाई, और तेरी घटी हथियारबन्द के समान आ पड़ेगी।।
34. and poverty will come upon you like a robber, and want like an armed man.