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Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. बुरे लोगों के विषय में डाह न करना, और न उसकी संगति की चाह रखना;
1. Do not be envious of evil men, Nor desire to be with them;
2. क्योंकि वे उपद्रव सोचते रहते हैं, और उनके मुंह से दुष्टता की बात निकलती है।
2. For their heart devises violence, And their lips talk of troublemaking.
3. घर बुद्धि से बनता है, और समझ के द्वारा स्थिर होता है।
3. Through wisdom a house is built, And by understanding it is established;
4. ज्ञान के द्वारा कोठरियां सब प्रकार की बहुमूल्य और मनभाऊ वस्तुओं से भर जाती हैं।
4. By knowledge the rooms are filled With all precious and pleasant riches.
5. बुद्धिमान पुरूष बलवान् भी होता है, और ज्ञानी जन अधिक शक्तिमान् होता है।
5. A wise man [is] strong, Yes, a man of knowledge increases strength;
6. इसलिये जब तू युद्ध करे, तब युक्ति के साथ करना, विजय बहुत से मन्त्रियों के द्वारा प्राप्त होती है।
6. For by wise counsel you will wage your own war, And in a multitude of counselors [there is] safety.
7. बुद्धि इतने ऊंचे पर है कि मूढ़ उसे पा नहीं सकता; वह सभा में अपना मुंह खोल नहीं सकता।।
7. Wisdom [is] too lofty for a fool; He does not open his mouth in the gate.
8. जो सोच विचार के बुराई करता है, उसको लोग दुष्ट कहते हैं।
8. He who plots to do evil Will be called a schemer.
9. मूर्खता का विचार भी पाप है, और ठट्ठा करनेवाले से मनुष्य घृणा करते हैं।।
9. The devising of foolishness [is] sin, And the scoffer [is] an abomination to men.
10. यदि तू विपत्ति के समय साहस छोड़ दे, तो तेरी शक्ति बहुत कम है।
10. [If] you faint in the day of adversity, Your strength [is] small.
11. जो मार डाले जाने के लिये घसीटे जाते हैं उनको छुड़ा; और जो घात किए जाने को हैं उन्हें मत पकड़ा।
11. Deliver [those who] are drawn toward death, And hold back [those] stumbling to the slaughter.
12. यदि तू कहे, कि देख मैं इसको जानता न था, तो क्या मन का जांचनेवाला इसे नहीं समझता? और क्या तेरे प्राणों का रक्षक इसे नहीं जानता? और क्या वह हर एक मनुष्य के काम का फल उसे न देगा?मत्ती 16:27, रोमियों 2:6, 2 तीमुथियुस 4:14, 1 पतरस 1:17, प्रकाशितवाक्य 2:23, प्रकाशितवाक्य 20:12-13, प्रकाशितवाक्य 22:12
12. If you say, 'Surely we did not know this,' Does not He who weighs the hearts consider [it?] He who keeps your soul, does He [not] know [it?] And will He [not] render to [each] man according to his deeds?
13. हे मेरे पुत्रा तू मधु खा, क्योंकि वह अच्छा है, और मधु का छत्ता भी, क्योंकि वह तेरे मुंह में मीठा लगेगा।
13. My son, eat honey because [it is] good, And the honeycomb [which is] sweet to your taste;
14. इसी रीति बुद्धि भी तुझे वैसी ही मीठी लगेगी; यदि तू उसे पा जाए तो अन्त में उसका फल भी मिलेगा, और तेरी आशा न टूटेगी।।
14. So [shall] the knowledge of wisdom [be] to your soul; If you have found [it,] there is a prospect, And your hope will not be cut off.
15. हे दुष्ट, तू धर्मी के निवास को नाश करने के लिये घात को न बैठ; ओर उसके विश्रामस्थान केा मत उजाड़;
15. Do not lie in wait, O wicked [man,] against the dwelling of the righteous; Do not plunder his resting place;
16. क्योंकि धर्मी चाहे सात बार गिरे तौभी उठ खड़ा होता है; परन्तु दुष्ट लोग विपत्ति में गिरकर पड़े ही रहते हैं।
16. For a righteous [man] may fall seven times And rise again, But the wicked shall fall by calamity.
17. जब तेरा शत्रु गिर जाए तब तू आनन्दित न हो, और जब वह ठोकर खाए, तब तेरा मन मगन न हो।
17. Do not rejoice when your enemy falls, And do not let your heart be glad when he stumbles;
18. कहीं ऐसा न हो कि यहोवा यह देखकर अप्रसन्न हो और अपना क्रोध उस पर से हटा ले।।
18. Lest the LORD see [it,] and it displease Him, And He turn away His wrath from him.
19. कुकर्मियों के कारण मत कुढ़ दुष्ट लोगों के कारण डाह न कर;
19. Do not fret because of evildoers, Nor be envious of the wicked;
20. क्योंकि बुरे मनुष्य को अन्त में कुछ फल न मिलेगा, दुष्टों का दिया बुझा दिया जाएगा।।
20. For there will be no prospect for the evil [man;] The lamp of the wicked will be put out.
21. हे मेरे पुत्रा, यहोवा और राजा दोनों का भय मानना; और बलवा करनेवालों के साथ न मिलना;1 पतरस 2:17
21. My son, fear the LORD and the king; Do not associate with those given to change;
22. क्योंकि उन पर विपत्ति अचानक आ पड़ेगी, और दोनों की ओर से आनेवाली आपत्ति को कौन जानता है?
22. For their calamity will rise suddenly, And who knows the ruin those two can bring?
23. बुद्धिमानों के वचन यह भी हैं।। न्याय में पक्षपात करना, किसी रीति भी अच्छा नहीं।
23. These [things] also [belong] to the wise: [It is] not good to show partiality in judgment.
24. जो दुष्ट से कहता है कि तू निर्दोष है, उसको तो हर समाज के लोग शाप देते और जाति जाति के लोग धमी देते हैं;
24. He who says to the wicked, 'You [are] righteous,' Him the people will curse; Nations will abhor him.
25. परन्तु जो लोग दुष्ट को डांटते हैं उनका भला होता है, और उत्तम से उत्तम आशीर्वाद उन पर आता है।
25. But those who rebuke [the wicked] will have delight, And a good blessing will come upon them.
26. जो सीधा उत्तर देता है, वह होठों को चूमता है।।
26. He who gives a right answer kisses the lips.
27. अपना बाहर का कामकाज ठीक करना, और खेत में उसे तैयार कर लेना; उसके बाद अपना घर बनाना।।
27. Prepare your outside work, Make it fit for yourself in the field; And afterward build your house.
28. व्यर्थ अपने पड़ोसी के विरूद्ध साक्षी न देना, और न उसको फुसलाना।
28. Do not be a witness against your neighbor without cause, For would you deceive with your lips?
29. मत कह, कि जैसा उस ने मेरे साथ किया वैसा ही मैं भी उसके साथ करूंगा; और उसको उसके काम के अनुसा पलटा दूंगा।।
29. Do not say, 'I will do to him just as he has done to me; I will render to the man according to his work.'
30. मैं आलसी के खेत के पास से और निर्बुद्धि मनुष्य की दाख की बारी के पास होकर जाता था,
30. I went by the field of the lazy [man,] And by the vineyard of the man devoid of understanding;
31. तो क्या देखा, कि वहां सब कहीं कटीले पेड़ भर गए हैं; और वह बिच्छू पेड़ों से ढंप गई है, और उसके पत्थर का बाड़ा गिर गया है।
31. And there it was, all overgrown with thorns; Its surface was covered with nettles; Its stone wall was broken down.
32. तब मैं ने देखा और उस पर ध्यानपूर्वक विचार किया; हां मैं ने देखकर शिक्षा प्राप्त की।
32. When I saw [it,] I considered [it] well; I looked on [it and] received instruction:
33. छोटी सी नींद, एक और झपकी, थोड़ी देर हाथ पर हाथ रख के और लेटे रहना,
33. A little sleep, a little slumber, A little folding of the hands to rest;
34. तब तेरा कंगालपन डाकू की नाई, और तेरी घटी हथियारबन्द के समान आ पड़ेगी।।
34. So shall your poverty come [like] a prowler, And your need like an armed man.