4. तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी कि प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, वा पृथ्वी पर, वा पृथ्वी के जल में है।
4. ' You shall not make for yourself a carved image, or any likeness [of anything] that [is] in heaven above, or that [is] in the earth beneath, or that [is] in the water under the earth;
5. तू उनको दण्डवत् न करना, और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मै तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर रखते है, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूं,
यूहन्ना 9:2
5. you shall not bow down to them nor serve them. For I, the LORD your God, [am] a jealous God, visiting the iniquity of the fathers on the children to the third and fourth [generations] of those who hate Me,
10. परन्तु सातवां दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये विश्रामदिन है। उस में न तो तू किसी भांति का काम काज करना, और न तेरा बेटा, न तेरी बेटी, न तेरा दास, न तेरी दासी, न तेरे पशु, न कोई परदेशी जो तेरे फाटकों के भीतर हो।
मत्ती 12:2, लूका 23:56, लूका 13:14
10. but the seventh day [is] the Sabbath of the LORD your God. [In it] you shall do no work: you, nor your son, nor your daughter, nor your male servant, nor your female servant, nor your cattle, nor your stranger who [is] within your gates.
11. For [in] six days the LORD made the heavens and the earth, the sea, and all that [is] in them, and rested the seventh day. Therefore the LORD blessed the Sabbath day and hallowed it.
17. तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्त्री का लालच करना, और न किसी के दास- दासी, वा बैल गदहे का, न किसी की किसी वस्तु का लालच करना।।
17. ' You shall not covet your neighbor's house; you shall not covet your neighbor's wife, nor his male servant, nor his female servant, nor his ox, nor his donkey, nor anything that [is] your neighbor's.'
18. और सब लोग गरजने और बिजली और नरसिंगे के शब्द सुनते, और धुआं उठते हुए पर्वत को देखते रहे, और देखके, कांपकर दूर खड़े हो गए;
इब्रानियों 12:18-19
18. Now all the people witnessed the thunderings, the lightning flashes, the sound of the trumpet, and the mountain smoking; and when the people saw [it,] they trembled and stood afar off.
19. और वे मूसा से कहने लगे, तू ही हम से बातें कर, तब तो हम सुन सकेंगे; परन्तु परमेश्वर हम से बातें न करे, ऐसा न हो कि हम मर जाएं।
19. Then they said to Moses, 'You speak with us, and we will hear; but let not God speak with us, lest we die.'
20. मूसा ने लोगों से कहा, डरो मत; क्योंकि परमेश्वर इस निमित्त आया है कि तुम्हारी परीक्षा करे, और उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे, कि तुम पाप न करो।
20. And Moses said to the people, 'Do not fear; for God has come to test you, and that His fear may be before you, so that you may not sin.'
24. मेरे लिये मिट्टी की एक वेदी बनाना, और अपनी भेड़- बकरियों और गाय- बैलों के होमबलि और मेलबलि को उस पर चढ़ाना; जहां जहां मैं अपने नाम का स्मरण कराऊं वहां वहां मैं आकर तुम्हें आशीष दूंगा।
24. 'An altar of earth you shall make for Me, and you shall sacrifice on it your burnt offerings and your peace offerings, your sheep and your oxen. In every place where I record My name I will come to you, and I will bless you.