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Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. हे परमेश्वर, मेरा उद्धार कर, मैं जल में डूबा जाता हूं।
1. Save me, O God, for the waters have almost taken my life.
2. मैं बड़े दलदल में धसा जाता हूं, और मेरे पैर कहीं नहीं रूकते; मैं गहिरे जल में आ गया, और धारा में डूबा जाता हूं।
2. I have gone down into deep mud and there is no place to put my feet. I have come into deep waters and a flood comes over me.
3. मैं पुकारते पुकारते थक गया, मेरा गला सूख गया है; अपने परमेश्वर की बाट जोहते जोहते, मेरी आंखे रह गई हैं।।
3. I have cried until I am tired. My mouth is dry. My eyes become weak while I wait for my God.
4. जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे गिनती में मेरे सिर के बालों से अधिक हैं; मेरे विनाश करनेवाले जो व्यर्थ मेरे शत्रु हैं, वे सामर्थीं हैं, इसलिये जो मैं ने लूटा नहीं वह भी मुझ को देना पड़ा है।यूहन्ना 15:25
4. Those who hate me, without a reason, are more than the hairs on my head. Those who want to destroy me are powerful. I am made to return things that I did not steal.
5. हे परमेश्वर, तू तो मेरी मूढ़ता को जानता है, और मेरे दोष तुझ से छिपे नहीं हैं।।
5. O God, You know how foolish I am. My sins are not hidden from You.
6. हे प्रभु, हे सेनाओं के यहोवा, जो तेरी बाट जोहते हैं, उनकी आशा मेरे कारण न टूटे; हे इस्राएल के परमेश्वर, जो तुझे ढूंढते हैं उनका मुंह मेरे कारण काला न हो।
6. May those who wait for You not be put to shame because of me, O Lord God of All. May those who look for You not lose respect because of me, O God of Israel.
7. तेरे ही कारण मेरी निन्दा हुई है, और मेरा मुंह लज्जा से ढंपा है।
7. I have been put to shame because of You. Shame has covered my face.
8. मैं अपने भाइयों के साम्हने अजनबी हुआ, और अपने सगे भाइयों की दृष्टि में परदेशी ठहरा हूं।।
8. I have become a stranger to my brothers, a stranger to my mother's sons.
9. क्योंकि मैं तेरे भवन के निमित्त जलते जलते भस्म हुआ, और जो निन्दा वे तेरी करते हैं, वही निन्दा मुझ को सहनी पड़ी है।यूहन्ना 2:17, रोमियों 15:3, इब्रानियों 11:26
9. For the strong desire for Your house has burned me up. And the bad things said about You have fallen on me.
10. जब मैं रोकर और उपवास करके दु:ख उठाता था, तब उस से भी मेरी नामधराई ही हुई।
10. When I cried and went without food, I was put to shame.
11. और जब मैं टाट का वस्त्रा पहिने था, तब मेरा दृष्टान्त उन में चलता था।
11. When I put on clothes made from hair, they made fun of me.
12. फाटक के पास बैठनेवाले मेरे विषय बातचीत करते हैं, और मदिरा पीनेवाले मुझ पर लगता हुआ गीत गाते हैं।
12. Those who sit by the gate talk about me. And I am the song of those who drink too much.
13. परन्तु हे यहोवा, मेरी प्रार्थना तो तेरी प्रसन्नता के समय में हो रही है; हे परमेश्वर अपनी करूणा की बहुतायात से, और बचाने की अपनी सच्ची प्रतिज्ञा के अनुसार मेरी सुन ले।
13. But as for me, my prayer is to You at the right time, O Lord. Answer me with Your saving truth in Your great loving-kindness, O God.
14. मुझ को दलदल में से उबार, कि मैं धंस न जाऊं; मैं अपने बैरियों से, और गहिरे जल में से बच जाऊं।
14. Take me out of the mud and do not let me go down in it. Take me away from those who hate me and from the deep waters.
15. मैं धारा में डूब न जाऊं, और न मैं गहिरे जल में डूब मरूं, और न पाताल का मुंह मेरे ऊपर बन्द हो।।
15. Keep the flood water from covering me. Do not let the sea swallow me up. Do not let the deep hole close its mouth over me.
16. हे यहोवा, मेरी सुन ले, क्योंकि तेरी करूणा उत्तम है; अपनी दया की बहुतायत के अनुसार मेरी ओर ध्यान दे।
16. Answer me, O Lord, for Your loving-kindness is good. Turn to me because of Your great loving-pity.
17. अपने दास से अपना मुंह न मोड़; क्योंकि मैं संकट में हूं, फुर्ती से मेरी सुन ले।
17. Do not hide Your face from Your servant, for I am in trouble. Hurry to answer me.
18. मेरे निकट आकर मुझे छुड़ा ले, मेरे शत्रुओं से मुझ को छुटकारा दे।।
18. Come near to me and save me. Pay the price to set me free from those who hate me.
19. मेरी नामधराई और लज्जा और अनादर को तू जानता है: मेरे सब द्रोही तेरे साम्हने हैं।
19. You know how I have been put to shame by the bad things said about me. All those who hate me are before You.
20. मेरा हृदय नामधराई के कारण फट गया, और मैं बहुत उदास हूं। मैं ने किसी तरस खानेवाले की आशा तो की, परन्तु किसी को न पाया, और शान्ति देनेवाले ढूंढ़ता तो रहा, परन्तु कोई न मिला।
20. Being put to shame has broken my heart, and I feel very sick. I looked for pity but there was none. I looked for someone to comfort me but there was no one.
21. और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया।।मत्ती 27:34-38, मरकुस 15:23-36, लूका 23:36, यूहन्ना 19:28-29
21. They gave me bitter drink in my food. And because I was thirsty they gave me sour wine.
22. उनको भोजन उनके लिये फन्दा हो जाए; और उनके सुख के समय जाल बन जाए।रोमियों 11:9-10
22. May their table in front of them become a net. May it become a trap when they are in peace.
23. उनकी आंखों पर अन्धेरा छा जाए, ताकि वे देख न सकें; और तू उनकी कटि को निरन्तर कंपाता रह।रोमियों 11:9-10
23. May their eyes grow dark so they cannot see. And may their backs always shake.
24. उनके ऊपर अपना रोष भड़का, और तेरे क्रोध की आंच उनको लगे।प्रकाशितवाक्य 16:1
24. Pour out Your anger on them. May Your burning anger catch up with them.
25. उनकी छावनी उजड़ जाए, उनके डेरों में कोई न रहे।प्रेरितों के काम 1:20
25. May their place of living be empty and may no one live in their tents.
26. क्योंकि जिसको तू ने मारा, वे उसके पीछे पड़े हैं, और जिनको तू ने घायल किया, वे उनकी पीड़ा की चर्चा करते हैं।मत्ती 27:34, मरकुस 15:23, यूहन्ना 19:29
26. For they have made it hard for the one You have punished. And they talk about the pain of those You have hurt.
27. उनके अधर्म पर अधर्म बढ़ा; और वे तेरे धर्म को प्राप्त न करें।
27. Let their sins add up, and may they not become right with You.
28. उनका नाम जीवन की पुस्तक में से काटा जाए, और धर्मियों के संग लिखा न जाए।।फिलिप्पियों 4:3, प्रकाशितवाक्य 3:5, प्रकाशितवाक्य 13:8, प्रकाशितवाक्य 17:8, प्रकाशितवाक्य 20:12-15, प्रकाशितवाक्य 21:27
28. May they be taken out of the book of life, and not be written down with those who are right with You.
29. परन्तु मैं तो दु:खी और पीड़ित हूं, इसलिये हे परमेश्वर तू मेरा उद्धार करके मुझे ऊंचे स्थान पर बैठा।
29. But I am suffering and in pain. O God, may You save me and set me up on high.
30. मैं गीत गाकर तेरे नाम की स्तुति करूंगा, और धन्यवाद करता हुआ तेरी बड़ाई करूंगा।
30. I will praise the name of God with song. And I will give Him great honor with much thanks.
31. यह यहोवा को बैल से अधिक, वरन सींग और खुरवाले बैल से भी अधिक भाएगा।
31. This will please the Lord more than any ox or young bull with horns and hoofs.
32. नम्र लोग इसे देखकर आनन्दित होंगे, हे परमेश्वर के खोजियों तुम्हारा मन हरा हो जाए।
32. Those without pride will see it and be glad. You who look for God, let your heart receive new strength.
33. क्योंकि यहोवा दरिद्रों की ओर कान लगाता है, और अपने लोगों को जो बन्धुए हैं तुच्छ नही जानता।।
33. For the Lord hears those who are in need, and does not hate His people in prison.
34. स्वर्ग और पृथ्वी उसकी स्तुति करें, और समुद्र अपने सब जीव जन्तुओं समेत उसकी स्तुति करे।
34. Let heaven and earth and the seas and all the things that move in them give thanks to Him.
35. क्योंकि परमेश्वर सिरयोन का उद्धार करेगा, और यहूदा के नगरों को फिर बसाएगा; और लोग फिर वहां बसकर उसके अधिकारी हो जाएंगे।
35. For God will save Zion and build the cities of Judah. Then His people may live there and have it for their own.
36. उसके दासों को वंश उसको अपने भाग में पाएगा, और उसके नाम के प्रेमी उस में वास करेंगे।।
36. And the children of those who obey Him will have it given to them. Those who love His name will live there.