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Cross Reference Bible
1. हे परमेश्वर, मेरा उद्धार कर, मैं जल में डूबा जाता हूं।
1. TO THE CHOIRMASTER: ACCORDING TO LILIES. OF DAVID. Save me, O God! For the waters have come up to my neck.
2. मैं बड़े दलदल में धसा जाता हूं, और मेरे पैर कहीं नहीं रूकते; मैं गहिरे जल में आ गया, और धारा में डूबा जाता हूं।
2. I sink in deep mire, where there is no foothold; I have come into deep waters, and the flood sweeps over me.
3. मैं पुकारते पुकारते थक गया, मेरा गला सूख गया है; अपने परमेश्वर की बाट जोहते जोहते, मेरी आंखे रह गई हैं।।
3. I am weary with my crying out; my throat is parched. My eyes grow dim with waiting for my God.
4. जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे गिनती में मेरे सिर के बालों से अधिक हैं; मेरे विनाश करनेवाले जो व्यर्थ मेरे शत्रु हैं, वे सामर्थीं हैं, इसलिये जो मैं ने लूटा नहीं वह भी मुझ को देना पड़ा है।यूहन्ना 15:25
4. More in number than the hairs of my head are those who hate me without cause; mighty are those who would destroy me, those who attack me with lies. What I did not steal must I now restore?
5. हे परमेश्वर, तू तो मेरी मूढ़ता को जानता है, और मेरे दोष तुझ से छिपे नहीं हैं।।
5. O God, you know my folly; the wrongs I have done are not hidden from you.
6. हे प्रभु, हे सेनाओं के यहोवा, जो तेरी बाट जोहते हैं, उनकी आशा मेरे कारण न टूटे; हे इस्राएल के परमेश्वर, जो तुझे ढूंढते हैं उनका मुंह मेरे कारण काला न हो।
6. Let not those who hope in you be put to shame through me, O Lord GOD of hosts; let not those who seek you be brought to dishonor through me, O God of Israel.
7. तेरे ही कारण मेरी निन्दा हुई है, और मेरा मुंह लज्जा से ढंपा है।
7. For it is for your sake that I have borne reproach, that dishonor has covered my face.
8. मैं अपने भाइयों के साम्हने अजनबी हुआ, और अपने सगे भाइयों की दृष्टि में परदेशी ठहरा हूं।।
8. I have become a stranger to my brothers, an alien to my mother's sons.
9. क्योंकि मैं तेरे भवन के निमित्त जलते जलते भस्म हुआ, और जो निन्दा वे तेरी करते हैं, वही निन्दा मुझ को सहनी पड़ी है।यूहन्ना 2:17, रोमियों 15:3, इब्रानियों 11:26
9. For zeal for your house has consumed me, and the reproaches of those who reproach you have fallen on me.
10. जब मैं रोकर और उपवास करके दु:ख उठाता था, तब उस से भी मेरी नामधराई ही हुई।
10. When I wept and humbled my soul with fasting, it became my reproach.
11. और जब मैं टाट का वस्त्रा पहिने था, तब मेरा दृष्टान्त उन में चलता था।
11. When I made sackcloth my clothing, I became a byword to them.
12. फाटक के पास बैठनेवाले मेरे विषय बातचीत करते हैं, और मदिरा पीनेवाले मुझ पर लगता हुआ गीत गाते हैं।
12. I am the talk of those who sit in the gate, and the drunkards make songs about me.
13. परन्तु हे यहोवा, मेरी प्रार्थना तो तेरी प्रसन्नता के समय में हो रही है; हे परमेश्वर अपनी करूणा की बहुतायात से, और बचाने की अपनी सच्ची प्रतिज्ञा के अनुसार मेरी सुन ले।
13. But as for me, my prayer is to you, O LORD. At an acceptable time, O God, in the abundance of your steadfast love answer me in your saving faithfulness.
14. मुझ को दलदल में से उबार, कि मैं धंस न जाऊं; मैं अपने बैरियों से, और गहिरे जल में से बच जाऊं।
14. Deliver me from sinking in the mire; let me be delivered from my enemies and from the deep waters.
15. मैं धारा में डूब न जाऊं, और न मैं गहिरे जल में डूब मरूं, और न पाताल का मुंह मेरे ऊपर बन्द हो।।
15. Let not the flood sweep over me, or the deep swallow me up, or the pit close its mouth over me.
16. हे यहोवा, मेरी सुन ले, क्योंकि तेरी करूणा उत्तम है; अपनी दया की बहुतायत के अनुसार मेरी ओर ध्यान दे।
16. Answer me, O LORD, for your steadfast love is good; according to your abundant mercy, turn to me.
17. अपने दास से अपना मुंह न मोड़; क्योंकि मैं संकट में हूं, फुर्ती से मेरी सुन ले।
17. Hide not your face from your servant; for I am in distress; make haste to answer me.
18. मेरे निकट आकर मुझे छुड़ा ले, मेरे शत्रुओं से मुझ को छुटकारा दे।।
18. Draw near to my soul, redeem me; ransom me because of my enemies!
19. मेरी नामधराई और लज्जा और अनादर को तू जानता है: मेरे सब द्रोही तेरे साम्हने हैं।
19. You know my reproach, and my shame and my dishonor; my foes are all known to you.
20. मेरा हृदय नामधराई के कारण फट गया, और मैं बहुत उदास हूं। मैं ने किसी तरस खानेवाले की आशा तो की, परन्तु किसी को न पाया, और शान्ति देनेवाले ढूंढ़ता तो रहा, परन्तु कोई न मिला।
20. Reproaches have broken my heart, so that I am in despair. I looked for pity, but there was none, and for comforters, but I found none.
21. और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया।।मत्ती 27:34-38, मरकुस 15:23-36, लूका 23:36, यूहन्ना 19:28-29
21. They gave me poison for food, and for my thirst they gave me sour wine to drink.
22. उनको भोजन उनके लिये फन्दा हो जाए; और उनके सुख के समय जाल बन जाए।रोमियों 11:9-10
22. Let their own table before them become a snare; and when they are at peace, let it become a trap.
23. उनकी आंखों पर अन्धेरा छा जाए, ताकि वे देख न सकें; और तू उनकी कटि को निरन्तर कंपाता रह।रोमियों 11:9-10
23. Let their eyes be darkened, so that they cannot see, and make their loins tremble continually.
24. उनके ऊपर अपना रोष भड़का, और तेरे क्रोध की आंच उनको लगे।प्रकाशितवाक्य 16:1
24. Pour out your indignation upon them, and let your burning anger overtake them.
25. उनकी छावनी उजड़ जाए, उनके डेरों में कोई न रहे।प्रेरितों के काम 1:20
25. May their camp be a desolation; let no one dwell in their tents.
26. क्योंकि जिसको तू ने मारा, वे उसके पीछे पड़े हैं, और जिनको तू ने घायल किया, वे उनकी पीड़ा की चर्चा करते हैं।मत्ती 27:34, मरकुस 15:23, यूहन्ना 19:29
26. For they persecute him whom you have struck down, and they recount the pain of those you have wounded.
27. उनके अधर्म पर अधर्म बढ़ा; और वे तेरे धर्म को प्राप्त न करें।
27. Add to them punishment upon punishment; may they have no acquittal from you.
28. उनका नाम जीवन की पुस्तक में से काटा जाए, और धर्मियों के संग लिखा न जाए।।फिलिप्पियों 4:3, प्रकाशितवाक्य 3:5, प्रकाशितवाक्य 13:8, प्रकाशितवाक्य 17:8, प्रकाशितवाक्य 20:12-15, प्रकाशितवाक्य 21:27
28. Let them be blotted out of the book of the living; let them not be enrolled among the righteous.
29. परन्तु मैं तो दु:खी और पीड़ित हूं, इसलिये हे परमेश्वर तू मेरा उद्धार करके मुझे ऊंचे स्थान पर बैठा।
29. But I am afflicted and in pain; let your salvation, O God, set me on high!
30. मैं गीत गाकर तेरे नाम की स्तुति करूंगा, और धन्यवाद करता हुआ तेरी बड़ाई करूंगा।
30. I will praise the name of God with a song; I will magnify him with thanksgiving.
31. यह यहोवा को बैल से अधिक, वरन सींग और खुरवाले बैल से भी अधिक भाएगा।
31. This will please the LORD more than an ox or a bull with horns and hoofs.
32. नम्र लोग इसे देखकर आनन्दित होंगे, हे परमेश्वर के खोजियों तुम्हारा मन हरा हो जाए।
32. When the humble see it they will be glad; you who seek God, let your hearts revive.
33. क्योंकि यहोवा दरिद्रों की ओर कान लगाता है, और अपने लोगों को जो बन्धुए हैं तुच्छ नही जानता।।
33. For the LORD hears the needy and does not despise his own people who are prisoners.
34. स्वर्ग और पृथ्वी उसकी स्तुति करें, और समुद्र अपने सब जीव जन्तुओं समेत उसकी स्तुति करे।
34. Let heaven and earth praise him, the seas and everything that moves in them.
35. क्योंकि परमेश्वर सिरयोन का उद्धार करेगा, और यहूदा के नगरों को फिर बसाएगा; और लोग फिर वहां बसकर उसके अधिकारी हो जाएंगे।
35. For God will save Zion and build up the cities of Judah, and people shall dwell there and possess it;
36. उसके दासों को वंश उसको अपने भाग में पाएगा, और उसके नाम के प्रेमी उस में वास करेंगे।।
36. the offspring of his servants shall inherit it, and those who love his name shall dwell in it.