11. कि राजा के सब कर्मचारियों, वरन राजा के प्रान्तों के सब लोगों को भी मालूम है, कि क्या पुरूष क्या स्त्री कोई क्यों न हो, जो आज्ञा बिना पाए भीतरी आंगन में राजा के पास जाएगा उसके मार डालने ही की आज्ञा है; केवल जिसकी ओर राजा सोने का राजदणड बढ़ाए वही बचता है। परन्तु मैं अब तीस दिन से राजा के पास नहीं बुलाई गई हूँ।
11. 'All servants of the king, and people of the provinces of the king, do know that any man and woman, who cometh in unto the king, unto the inner court, who is not called -- one law [of] his [is] to put [them] to death, apart from him to whom the king holdeth out the golden sceptre, then he hath lived; and I -- I have not been called to come in unto the king these thirty days.'