Esther - एस्तेर 4 | View All

1. जब मोर्दकै ने जान लिया कि क्या क्या किया गया है तब मोर्दकै वस्त्रा फाड़, टाट पहिन, राख डालकर, नगर के मध्य जाकर ऊंचे और दुखभरे शब्द से चिल्लाने लगा;
मत्ती 11:21

1. When Mordecai learned all that had been done, he tore his clothes, put on sackcloth and ashes, and went out into the midst of the city and wailed loudly and bitterly.

2. और वह राजभवन के फाटक के साम्हने पहुंचा, परन्तु टाट पहिने हुए राजभवन के फाटक के भीतर तो किसी के जाने की आज्ञा न थी।

2. He went as far as the king's gate, for no one was to enter the king's gate clothed in sackcloth.

3. और एक एक प्रान्त में, जहां जहां राजा की आज्ञा और नियम पहुंचा, वहां वहां यहूदी बड़ा विलाप करने और उपवास करने और रोने पीटने लगे; वरन बहुतेरे टाट पहिने और राख डाले हुए पड़े रहे।

3. In each and every province where the command and decree of the king came, there was great mourning among the Jews, with fasting, weeping and wailing; and many lay on sackcloth and ashes.

4. और एस्तेर रानी की सहेलियों और खोजों ने जाकर उसको बता दिया, तब रानी शोक से भर गई; और मोर्दकै के पास वस्त्रा भेजकर यह कहलाया कि टाट उतारकर इन्हें पहिन ले, परन्तु उस ने उन्हें न लिया।

4. Then Esther's maidens and her eunuchs came and told her, and the queen writhed in great anguish. And she sent garments to clothe Mordecai that he might remove his sackcloth from him, but he did not accept [them].

5. तब एस्तेर ने राजा के खोजों में से हताक को जिसे राजा ने उसके पास रहने को ठहराया था, बुलवाकर आज्ञा दी, कि मोर्दकै के पास जाकर मालूम कर ले, कि क्या बात है और इसका क्या कारण है।

5. Then Esther summoned Hathach from the king's eunuchs, whom the king had appointed to attend her, and ordered him [to go] to Mordecai to learn what this [was] and why it [was].

6. तब हताक नगर के उस चौक में, जो राजभवन के फाटक के साम्हने था, मोर्दकै के पास निकल गया।

6. So Hathach went out to Mordecai to the city square in front of the king's gate.

7. मोर्दकै ने उसको सब कुछ बता दिया कि मेरे ऊपर क्या क्या बीता है, और हामान ने यहूदियों के नाश करने की अनुमति पाने के लिये राजभणडार में कितनी चान्दी भर देने का वचन दिया है, यह भी ठीक ठीक बतला दिया।

7. Mordecai told him all that had happened to him, and the exact amount of money that Haman had promised to pay to the king's treasuries for the destruction of the Jews.

8. फिर यहूदियों को विनाश करने की जो आज्ञा शूशन में दी गई थी, उसकी एक नकल भी उस ने हताक के हाथ में, एस्तेर को दिखाने के लिये दी, और उसे सब हाल बताने, और यह आज्ञा देने को कहा, कि भीतर राजा के पास जाकर अपने लोगों के लिये गिड़गिड़ाकर बिनती करे।

8. He also gave him a copy of the text of the edict which had been issued in Susa for their destruction, that he might show Esther and inform her, and to order her to go in to the king to implore his favor and to plead with him for her people.

9. तब हताक ने एस्तेर के पास जाकर मोर्दकै की बातें कह सुनाई।

9. Hathach came back and related Mordecai's words to Esther.

10. तब एस्तेर ने हताक को मोर्दकै से यह कहने की आज्ञा दी,

10. Then Esther spoke to Hathach and ordered him [to reply] to Mordecai:

11. कि राजा के सब कर्मचारियों, वरन राजा के प्रान्तों के सब लोगों को भी मालूम है, कि क्या पुरूष क्या स्त्री कोई क्यों न हो, जो आज्ञा बिना पाए भीतरी आंगन में राजा के पास जाएगा उसके मार डालने ही की आज्ञा है; केवल जिसकी ओर राजा सोने का राजदणड बढ़ाए वही बचता है। परन्तु मैं अब तीस दिन से राजा के पास नहीं बुलाई गई हूँ।

11. 'All the king's servants and the people of the king's provinces know that for any man or woman who comes to the king to the inner court who is not summoned, he has but one law, that he be put to death, unless the king holds out to him the golden scepter so that he may live. And I have not been summoned to come to the king for these thirty days.'

12. एस्तेर की ये बातें मोर्दकै को सुनाई गई।

12. They related Esther's words to Mordecai.

13. तब मोर्दकै ने एस्तेर के पास यह कहला भेजा, कि तू मन ही मन यह विचार न कर, कि मैं ही राजभवन में रहने के कारण और सब यहूदियों में से बची रहूंगी।

13. Then Mordecai told [them] to reply to Esther, 'Do not imagine that you in the king's palace can escape any more than all the Jews.

14. क्योंकि जो तू इस समय चुपचाप रहे, तो और किसी न किसी उपाय से यहूदियों का छुटकारा और उठ्ठार हो जाएगा, परन्तु तू अपने पिता के घराने समेत नाश होगी। फिर क्या जाने तुझे ऐसे ही कठिन समय के लिये राजपद मिल गया हो?

14. 'For if you remain silent at this time, relief and deliverance will arise for the Jews from another place and you and your father's house will perish. And who knows whether you have not attained royalty for such a time as this?'

15. तब एस्तेर ने मोर्दकै के पास यह कहला भेजा,

15. Then Esther told [them] to reply to Mordecai,

16. कि तू जाकर शूशन के सब यहूदियों को इकट्ठा कर, और तुम सब मिलकर मेरे निमित्त उपवास करो, तीन दिन रात न तो कुछ खाओ, और न कुछ पीओ। और मैं भी अपनी सहेलियों सहित उसी रीति उपवास करूंगी। और ऐसी ही दशा में मैं नियम के विरूद्ध राजा के पास भीतर जाऊंगी; और यदि नाश हो गई तो हो गई।

16. 'Go, assemble all the Jews who are found in Susa, and fast for me; do not eat or drink for three days, night or day. I and my maidens also will fast in the same way. And thus I will go in to the king, which is not according to the law; and if I perish, I perish.'

17. तब मोर्दकै चला गया और एस्तेर की आज्ञा के अनुसार ही उस ने किया।

17. So Mordecai went away and did just as Esther had commanded him.



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