9. कि यदि तलवार या मरी अथवा अकाल वा और कोई विपत्ति हम पर पड़े, तौभी हम इसी भवन के साम्हने और तेरे साम्हने (तेरा नाम तो इस भवन में बसा है) खड़े होकर, अपने क्लेश के कारण तेरी दोहाई देंगे और तू सुनकर बचाएगा।
9. If, {when} evil cometh upon us, {as} the sword, judgment, or pestilence, or famine, we stand before this house, and in thy presence, (for thy name {is} in this house,) and cry to thee in our affliction, then thou wilt hear and help.