11. आताद के खलिहान में के विलाप को देखकर उस देश के निवासी कनानियों ने कहा, यह तो मिस्त्रियों का कोई भारी विलाप होगा, इसी कारण उस स्थान का नाम आबेलमि ैम पड़ा, और वह यरदन के पार है।
11. And when the people of the land, the people of Canaan, at the grain-floor of Atad, saw their grief, they said, Great is the grief of the Egyptians: so the place was named Abel-mizraim, on the other side of Jordan.