4. जब उसके विलाप के दिन बीत गए, तब यूसुफ फिरौन के घराने के लोगों से कहने लगा, यदि तुम्हारी अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो तो मेरी यह बिनती फिरौन को सुनाओ,
4. When the days of mourning for him were past, Joseph spoke to the household of Pharaoh, saying, 'If now I have found favor in your sight, please speak to Pharaoh, saying,