Numbers - गिनती 4 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,

1. Then the LORD spoke to Moses and to Aaron, saying,

2. लेवियों में से कहातियों की, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार, गिनती करो,

2. 'Take a census of the descendants of Kohath from among the sons of Levi, by their families, by their fathers' households,

3. अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्थावालों की सेना में, जितने मिलापवाले तम्बू में कामकाज करने को भरती हैं।

3. from thirty years and upward, even to fifty years old, all who enter the service to do the work in the tent of meeting.

4. और मिलापवाले तम्बू में परमपवित्रा वस्तुओं के विषय कहातियों का यह काम होगा,

4. 'This is the work of the descendants of Kohath in the tent of meeting, [concerning] the most holy things.

5. अर्थात् जब जब छावनी का कूच हो तब तब हारून और उसके पुत्रा भीतर आकर, बीचवाले पर्दे को उतार के उस से साक्षीपत्रा के सन्दूक को ढंाप दें;

5. 'When the camp sets out, Aaron and his sons shall go in and they shall take down the veil of the screen and cover the ark of the testimony with it;

6. तब वे उस पर सूइसों की खालों का ओहार डालें, और उसके ऊपर सम्पूर्ण नीले रंग का कपड़ा डालें, और सन्दूक में डण्डों को लगाएं।

6. and they shall lay a covering of porpoise skin on it, and shall spread over [it] a cloth of pure blue, and shall insert its poles.

7. फिर भेंटवाली रोटी की मेज़ पर नीला कपड़ा बिछाकर उस पर परातों, धूपदानों, करवों, और उंडेलने के कटोरों को रखें; और नित्य की रोटी भी उस पर हो;

7. 'Over the table of the bread of the Presence they shall also spread a cloth of blue and put on it the dishes and the pans and the sacrificial bowls and the jars for the drink offering, and the continual bread shall be on it.

8. तब वे उन पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसको सुइसों की खालों के ओहार से ढ़ापे, और मेज़ के डण्डों को लगा दें।

8. 'They shall spread over them a cloth of scarlet [material], and cover the same with a covering of porpoise skin, and they shall insert its poles.

9. फिर वे नीले रंग का कपड़ा लेकर दीपकों, गलतराशों, और गुलदानों समेत उजियाला देनेवाले दीवट को, और उसके सब तेल के पात्रों को जिन से उसकी सेवा टहल होती है ढांपे;

9. 'Then they shall take a blue cloth and cover the lampstand for the light, along with its lamps and its snuffers, and its trays and all its oil vessels, by which they serve it;

10. तब वे सारे सामान समेत दीवट को सूइसों की खालों के ओहार के भीतर रखकर डण्डे पर धर दें।

10. and they shall put it and all its utensils in a covering of porpoise skin, and shall put it on the carrying bars.

11. फिर वे सोने की वेदी पर एक नीला कपड़ा बिछाकर उसको सूइसों की खालों के ओहार के भीतर रखकर डण्डे पर धर दें।

11. 'Over the golden altar they shall spread a blue cloth and cover it with a covering of porpoise skin, and shall insert its poles;

12. तब वे सेवा टहल के सारे सामान को लेकर, जिस से पवित्रास्थान में सेवा टहल होली है, नीले कपड़े के भीतर रखकर सूइसों की खालों के ओहार से ढांपे, और डण्डे पर धर दें।

12. and they shall take all the utensils of service, with which they serve in the sanctuary, and put them in a blue cloth and cover them with a covering of porpoise skin, and put them on the carrying bars.

13. फिर वे वेदी पर से सब राख उठाकर वेदी पर बैंजनी रंग का कपड़ा बिछाएं;

13. 'Then they shall take away the ashes from the altar, and spread a purple cloth over it.

14. तब जिस सामान से वेदी पर की सेवा टहल होती है वह सब, अर्थात् उसके करछे, कांटे, फावड़ियां, और कटोरे आदि, वेदी का सारा सामान उस पर रखें; और उसके ऊपर सूइसों की खालों का ओहार बिछाकर वेदी में डण्डों को लगाएं।

14. 'They shall also put on it all its utensils by which they serve in connection with it: the firepans, the forks and shovels and the basins, all the utensils of the altar; and they shall spread a cover of porpoise skin over it and insert its poles.

15. और जब हारून और उसके पुत्रा छावनी के कूच के समय पवित्रास्थान और उसके सारे सामान को ढंाप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएं, पर किसी पवित्रा वस्तु को न छुएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएं हैं।

15. 'When Aaron and his sons have finished covering the holy [objects] and all the furnishings of the sanctuary, when the camp is to set out, after that the sons of Kohath shall come to carry [them], so that they will not touch the holy [objects] and die. These are the things in the tent of meeting which the sons of Kohath are to carry.

16. और जो वस्तुएं हारून याजक के पुत्रा एलीजार को रक्षा के लिये सौंपी जाएं वे ये हैं, अर्थात् उजियाला देने के लिये तेल, और सुगन्धित धूप, और नित्य अन्नबलि, और अभिषेक का तेल, और सारे निवास, और उस में की सब वस्तुएं, और पवित्रास्थान और उसके कुल समान।।

16. 'The responsibility of Eleazar the son of Aaron the priest is the oil for the light and the fragrant incense and the continual grain offering and the anointing oil-- the responsibility of all the tabernacle and of all that is in it, with the sanctuary and its furnishings.'

17. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,

17. Then the LORD spoke to Moses and to Aaron, saying,

18. कहातियों के कुलों के गोत्रियों को लेवियों में से नाश न होने देना;

18. 'Do not let the tribe of the families of the Kohathites be cut off from among the Levites.

19. उसके साथ ऐसा करो, कि जब वे परमपवित्रा वस्तुओं के समीप आएं तब न मरें परन्तु जीवित रहें; अर्थात् हारून और उसके पुत्रा भीतर आकर एक एक के लिये उसकी सेवकाई और उसका भार ठहरा दें,

19. 'But do this to them that they may live and not die when they approach the most holy [objects]: Aaron and his sons shall go in and assign each of them to his work and to his load;

20. और वे पवित्रा वस्तुओं के देखने को क्षण भर के लिये भी भीतर आने न पाएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं।।

20. but they shall not go in to see the holy [objects] even for a moment, or they will die.'

21. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

21. Then the LORD spoke to Moses, saying,

22. गेर्शोनियों की भी गिनती उनके पितरों के घरानों और कुलों के अनुसार कर;

22. 'Take a census of the sons of Gershon also, by their fathers' households, by their families;

23. तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्थावाले, जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने को सेना में भरती हों उन सभों को गिन ले।

23. from thirty years and upward to fifty years old, you shall number them; all who enter to perform the service to do the work in the tent of meeting.

24. सेवा करने और भार उठाने में गेर्शोनियों के कुलवालों की यह सेवकाई हो;

24. 'This is the service of the families of the Gershonites, in serving and in carrying:

25. अर्थात् वे निवास के पटों, और मिलापवाले तम्बू और उसके ओहार, और इसके ऊपरवाले सूइसों की खालों के ओहार, और मिलापवाले तम्बू के द्वार के पर्दे,

25. they shall carry the curtains of the tabernacle and the tent of meeting [with] its covering and the covering of porpoise skin that is on top of it, and the screen for the doorway of the tent of meeting,

26. और निवास, और वेदी की चारों ओर के आंगन के पर्दों, और आंगन के द्वार के पर्दे, और उनकी डोरियों, और उन में बरतने के सारे सामान, इन सभों को वे उठाया करें; और इन वस्तुओं से जितना काम होता है वह सब भी उनकी सेवकाई में आए।

26. and the hangings of the court, and the screen for the doorway of the gate of the court which is around the tabernacle and the altar, and their cords and all the equipment for their service; and all that is to be done, they shall perform.

27. और गेर्शोनियों के वंश की सारी सेवकाई हारून और उसके पुत्रों के कहने से हुआ करे, अर्थात् जो कुछ उनको उठाना, और जो जो सेवकाई उनको करनी हो, उनका सारा भार तुम ही उन्हें सौपा करो।

27. 'All the service of the sons of the Gershonites, in all their loads and in all their work, shall be [performed] at the command of Aaron and his sons; and you shall assign to them as a duty all their loads.

28. मिलापवाले तम्बू में गेर्शोनियों के कुलों की यही सेवकाई ठहरे; और उन पर हारून याजक का पुत्रा ईतामार अधिकार रखे।।

28. 'This is the service of the families of the sons of the Gershonites in the tent of meeting, and their duties [shall be] under the direction of Ithamar the son of Aaron the priest.

29. फिर मरारियों को भी तू उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिन लें;

29. '[As for] the sons of Merari, you shall number them by their families, by their fathers' households;

30. तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्थावाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवा करने को सेना में भरती हों, उन सभों को गिन ले।

30. from thirty years and upward even to fifty years old, you shall number them, everyone who enters the service to do the work of the tent of meeting.

31. और मिलापवाले तम्बू में की जिन वस्तुओं के उठाने की सेवकाई उनको मिले वे ये हों, अर्थात् निवास के तख्ते, बेड़े, खम्भे, और कुर्सियां,

31. 'Now this is the duty of their loads, for all their service in the tent of meeting: the boards of the tabernacle and its bars and its pillars and its sockets,

32. और चारों ओर आंगन के खम्भे, और इनकी कुर्सियां, खूंटे, डोरियां, और भांति भांति के बरतने का सारा सामान; और जो जो सामान ढ़ोने के लिये उनको सौपा जाए उस में से एक एक वस्तु का नाम लेकर तुम गिन दो।

32. and the pillars around the court and their sockets and their pegs and their cords, with all their equipment and with all their service; and you shall assign [each man] by name the items he is to carry.

33. मरारियों के कुलों की सारी सेवकाई जो उन्हें मिलापवाले तम्बू के विषय करनी होगी वह यही है; वह हारून याजक के पुत्रा ईतामार के अधिकार में रहे।।

33. 'This is the service of the families of the sons of Merari, according to all their service in the tent of meeting, under the direction of Ithamar the son of Aaron the priest.'

34. तब मूसा और हारून और मण्डली के प्रधानों ने कहातियों के वंश को, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार,

34. So Moses and Aaron and the leaders of the congregation numbered the sons of the Kohathites by their families and by their fathers' households,

35. तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष की अवस्था के, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे, उन सभों को गिन लिया;

35. from thirty years and upward even to fifty years old, everyone who entered the service for work in the tent of meeting.

36. और जो अपने अपने कुल के अनुसार गिने गए वे दो हजार साढ़े सात सौ थे।

36. Their numbered men by their families were 2,750.

37. कहातियों के कुलों में से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने वाले गिने गए वे इतने ही थे; जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसी के अनुसार मूसा और हारून ने इनको गिन लिया।।

37. These are the numbered men of the Kohathite families, everyone who was serving in the tent of meeting, whom Moses and Aaron numbered according to the commandment of the LORD through Moses.

38. और गेर्शोनियों में से जो अपने कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए,

38. The numbered men of the sons of Gershon by their families and by their fathers' households,

39. अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्था के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे,

39. from thirty years and upward even to fifty years old, everyone who entered the service for work in the tent of meeting.

40. उनकी गिनती उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार दो हजार छ: सौ तीस थी।

40. Their numbered men by their families, by their fathers' households, were 2,630.

41. गेर्शोनियों के कुलों में से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करनेवाले गिने गए वे इतने ही थे; यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा और हारून ने इनको गिन लिया।।

41. These are the numbered men of the families of the sons of Gershon, everyone who was serving in the tent of meeting, whom Moses and Aaron numbered according to the commandment of the LORD.

42. फिर मरारियों के कुलों में से जो अपने कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए,

42. The numbered men of the families of the sons of Merari by their families, by their fathers' households,

43. अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्था के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे,

43. from thirty years and upward even to fifty years old, everyone who entered the service for work in the tent of meeting.

44. उनकी गिनती उनके कुलों के अनुसार तीन हजार दो सौ थी।

44. Their numbered men by their families were 3,200.

45. मरारियों के कुलों में से जिनको मूसा और हारून ने, यहोवा की उस आज्ञा के अनुसार जो मूसा के द्वारा मिली थी, गिन लिया वे इतने ही थे।।

45. These are the numbered men of the families of the sons of Merari, whom Moses and Aaron numbered according to the commandment of the LORD through Moses.

46. लेवियों में से जिनको मूसा और हारून और इस्त्राएली प्रधानों ने उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिन लिया,

46. All the numbered men of the Levites, whom Moses and Aaron and the leaders of Israel numbered, by their families and by their fathers' households,

47. अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्थावाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने का बोझ उठाने का काम करने को हाजिर होने वाले थे,

47. from thirty years and upward even to fifty years old, everyone who could enter to do the work of service and the work of carrying in the tent of meeting.

48. उन सभों की गिनती आठ हजार पांच सौ अस्सी थी।

48. Their numbered men were 8,580.

49. ये अपनी अपनी सेवा और बोझ ढ़ोने के अनुसार यहोवा के कहने पर गए। जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसी के अनुसार वे गिने गए।।

49. According to the commandment of the LORD through Moses, they were numbered, everyone by his serving or carrying; thus [these were] his numbered men, just as the LORD had commanded Moses.



Shortcut Links
गिनती - Numbers : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |