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Cross Reference Bible
1. यहोवा का वचन जो पतूएल के पुत्रा योएल के पास पहुंचा, वह यह है:
1. I am Joel the son of Pethuel. And this is the message the LORD gave to me.
2. हे पुरनियो, सुनो, हे देश के सब रहनेवालो, कान लगाकर सुनो! क्या ऐसी बात तुम्हारे दिनों में, वा तुम्हारे पुरखाओं के दिनों में कभी हुई है?
2. Listen, you leaders and everyone else in the land. Has anything like this ever happened before?
3. अपने लड़केबालों से इसका वर्णन करो, और वे अपने लड़केबालों से, और फिर उनके लड़केबाले आनेवाली पीढ़ी के लोगों से।।
3. Tell our children! Let it be told to our grandchildren and their children too.
4. जो कुछ गाजाम नाम टिड्डी से बचा; उसे अर्बे नाम टिड्डी ने खा लिया। और जो कुछ अर्बे नाम टिड्डी से बचा, उसे येलेक नाम टिड्डी ने खा लिया, और जो कुछ येलेक नाम टिड्डी से बचा, उसे हासील नाम टिड्डी ने खा लिया है।
4. Swarm after swarm of locusts has attacked our crops, eating everything in sight.
5. हे मतवालो, जाग उठो, और रोओ; और हे सब दाखमधु पीलेवालो, नये दाखमधु के कारण हाय, हाय, करो; क्योंकि वह तुम को अब न मिलेगा।।
5. Sober up, you drunkards! Cry long and loud; your wine supply is gone.
6. देखो, मेरे देश पर एक जाति ने चढ़ाई की है, वह सामर्थी है, और उसके लोग अनगिनित हैं; उसके दांत सिंह के से, और डाढ़ें सिहनी की सी हैं।प्रकाशितवाक्य 9:8
6. A powerful nation with countless troops has invaded our land. They have the teeth and jaws of powerful lions.
7. उस ने मेरी दाखलता को उजाड़ दिया, और मेरे अंजीर के वृक्ष को तोड़ डाला है; उस ने उसकी सब छाल छीलकर उसे गिरा दिया है, और उसकी डालियां छिलने से सफेद हो गई हैं।।
7. Our grapevines and fig trees are stripped bare; only naked branches remain.
8. जैसे युवती अपने पति के लिये कटि में टाट बान्धे हुए विलाप करती है, वैसे ही तुम भी विलाप करो।
8. Grieve like a young woman mourning for the man she was to marry.
9. यहोवा के भवन में न तो अन्नबलि और न अर्ध आता है। उसके टहलुए जो याजक हैं, वे विलाप कर रहे हैं।
9. Offerings of grain and wine are no longer brought to the LORD's temple. His servants, the priests, are deep in sorrow.
10. खेती मारी गई, भूमि विलाप करती है; क्योंकि अन्न नाश हो गया, नया दाखमधु सूख गया, तेल भी सूख गया है।।
10. Barren fields mourn; grain, grapes, and olives are scorched and shriveled.
11. हे किसानो, लज्जित हो, हे दाख की बारी के मालियों, गेहूं और जव के लिये हाय, हाय करो; क्योंकि खेती मारी गई है।
11. Mourn for our farms and our vineyards! There's no wheat or barley growing in our fields.
12. दाखलता सूख गई, और अंजीर का वृक्ष कुम्हला गया है। अनार, ताड़, सेव, वरन मैदान के सब वृक्ष सूख गए हैं; और मनुष्यों का हर्ष जाता रहा है।।
12. Grapevines have dried up and so has every tree-- figs and pomegranates, date palms and apples. All happiness has faded away.
13. हे याजको, कटि में टाट बान्धकर छाती पीट- पीट के रोओ! हे वेदी के टहलुओ, हाय, हाय, करो। हे मेरे परमेश्वर के टहलुओ, आओ, टाट ओढ़े हुए रात बिताओ! क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर के भवन में अन्नबलि और अर्ध अब नहीं आते।।
13. Mourn, you priests who serve at the altar of my God. Spend your days and nights wearing sackcloth. Offerings of grain and wine are no longer brought to the LORD's temple.
14. उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो। पुरनियों को, वरन देश के सब रहनेवालों को भी अपने परमेश्वर यहोवा के भवन में इकट्ठे करके उसकी दोहाई दो।।
14. Tell the leaders and people to come together at the temple. Order them to go without eating and to pray sincerely.
15. उस दिन के कारण हाय! क्योंकि यहोवा का दिन निकट है। वह सर्वशक्तिमान की ओर से सत्यानाश का दिन होकर आएगा।
15. We are in for trouble! Soon the LORD All-Powerful will bring disaster.
16. क्या भोजनवस्तुएं हमारे देखते नाश नहीं हुईं? क्या हमारे परमेश्वर के भवन का आनन्द और मगन जाता नहीं रहा?
16. Our food is already gone; there's no more celebrating at the temple of our God.
17. बीज ढेलों के नीचे झुलस गए, भण्डार सूने पड़े हैं; खत्ते गिर पड़े हैं, क्योंकि खेती मारी गई।
17. Seeds dry up in the ground; no harvest is possible. Our barns are in bad shape, with no grain to store in them.
18. पशु कैसे कराहते हैं? झुण्ड के झुण्ड गाय- बैल विकल हैं, क्योंकि उनके लिये चराई नहीं रही; और झुण्ड के झुण्ड भेड़- बकरियां पाप का फल भोग रही हैं।।
18. Our cattle wander aimlessly, moaning for lack of pasture, and sheep are suffering.
19. हे यहोवा, मैं तेरी दोहाई देता हूं, क्योंकि जंगल की चराइयां आग का कौर हो गईं, और मैदान के सब वृक्ष ज्वाला से जल गए।
19. I cry out to you, LORD. Grasslands and forests are eaten by the scorching heat.
20. वन- पशु भी तेरे लिये हांफते हैं, क्योंकि जल के सोते सूख गए, और जंगल की चराइयां आग का कौर हो गईं।।
20. Wild animals have no water because of you; rivers and streams are dry, and pastures are parched.