13. हे याजको, कटि में टाट बान्धकर छाती पीट- पीट के रोओ! हे वेदी के टहलुओ, हाय, हाय, करो। हे मेरे परमेश्वर के टहलुओ, आओ, टाट ओढ़े हुए रात बिताओ! क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर के भवन में अन्नबलि और अर्ध अब नहीं आते।।
13. Gird yourselves [with sackcloth], and lament, ye priests; wail, ye ministers of the altar; come, lie all night in sackcloth, ye ministers of my God: for the meal-offering and the drink-offering are withholden from the house of your God.