15. शमूएल ने शाऊल से पूछा, तू ने मुझे ऊपर बुलवाकर क्यों सताया है? शाऊल ने कहा, मैं बड़े संकट में पड़ा हूं; क्योंकि पलिश्ती मेरे साथ लड़ रहे हैं और परमेश्वर ने मुझे छोड़ दिया, और अब मुझे न तो भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उत्तर देता है, और न स्वपनों के; इसलिये मैं ने तुझे बुलाया कि तू मुझे जता दे कि मैं क्या करूं।
15. পরে শমূয়েল শৌলকে বলিলেন, কি জন্য আমাকে উঠাইয়া কষ্ট দিলে? শৌল বলিলেন, আমি মহাসঙ্কটে পড়িয়াছি, পলেষ্টীয়েরা আমার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করিতেছে, ঈশ্বরও আমাকে ত্যাগ করিয়াছেন, আমাকে আর উত্তর দেন না, ভাববাদিগণ দ্বারাও নয়, স্বপ্ন দ্বারাও নয়। অতএব আমার যাহা কর্ত্তব্য, তাহা আমাকে জানাইবার নিমিত্ত আপনাকে ডাকাইলাম।