15. देख, मैं चोर की नाई आता हूं; धन्य वह है, जो जागता रहता है, और अपने वस्त्रा कि चौकसी करता है, कि नंगा न फिरे, और लोग उसका नंगापन न देखें।
15. 'Behold, I am coming as a thief. Blessed [is] he who watches, and keeps his garments, lest he walk naked and they see his shame.'