Revelation - प्रकाशितवाक्य 16 | View All

1. फिर मैं ने मन्दिर में किसी को ऊंचे शब्द से उन सातों स्वर्गदूतों से यह कहते सुना कि जाओ, परमेश्वर के प्रकोप के सातों कटोरों को पृथ्वी पर उंडेल दो।।
भजन संहिता 69:24, भजन संहिता 79:6, यशायाह 66:6, यिर्मयाह 10:25, यहेजकेल 22:31, सपन्याह 3:8

1. Then I heard a loud voice from the temple saying to the seven angels, 'Go, pour out the seven bowls of God's wrath on the earth.'

2. सो पहिले ने जाकर अपना कटोरा पृथ्वी पर उंडेल दिया। और उन मनुष्यों के जिन पर पशु की छाप थी, और जो उस की मूरत की पूजा करते थे, एक प्रकार का बुरा और दुखदाई फोड़ा निकला।।
व्यवस्थाविवरण 28:35

2. The first angel went and poured out his bowl on the land, and ugly and painful sores broke out on the people who had the mark of the beast and worshiped his image.

3. और दूसरे ने अपना कटोरा समुद्र पर उंडेल दिया और वह मरे हुए का सा लोहू बन गया, और समुद्र में का हर एक जीवधारी मर गया।।
निर्गमन 7:20-21

3. The second angel poured out his bowl on the sea, and it turned into blood like that of a dead man, and every living thing in the sea died.

4. और तीसरे ने अपना कटोरा नदियों, और पानी के सोतों पर उंडेल दिया, और वे लोहू बन गए।
भजन संहिता 78:44

4. The third angel poured out his bowl on the rivers and springs of water, and they became blood.

5. और मैं ने पानी के स्वर्गदूत को यह कहते सुना, कि हे पवित्रा, जो है, और जो था, तू न्यायी है और तू ने यह न्याय किया।
निर्गमन 3:14, व्यवस्थाविवरण 32:4, भजन संहिता 119:137, भजन संहिता 145:17, यशायाह 41:4

5. Then I heard the angel in charge of the waters say: 'You are just in these judgments, you who are and who were, the Holy One, because you have so judged;

6. क्योंकि उन्हों ने पवित्रा लोगों, और भविष्यद्वक्ताओं को लोहू बहाया था, और तू ने उन्हें लोहू पिलाया; क्योंकि वे इसी योग्य हैं।
भजन संहिता 79:3, यशायाह 49:26

6. for they have shed the blood of your saints and prophets, and you have given them blood to drink as they deserve.'

7. फिर मैं ने वेदी से यह शब्द सुना, कि हां हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, तेरे निर्णय ठीक और सच्चे हैं।।
भजन संहिता 19:9, भजन संहिता 119:137, आमोस 4:13

7. And I heard the altar respond: 'Yes, Lord God Almighty, true and just are your judgments.'

8. और चौथे ने अपना कटोरा सूर्य पर उंडेल दिया, और उसे मनुष्यों को आग से झुलसा देने का अधिकार दिया गया।

8. The fourth angel poured out his bowl on the sun, and the sun was given power to scorch people with fire.

9. और मनुष्य बड़ी तपन से झुलस गए, और परमेश्वर के नाम की जिसे इन विपत्तियों पर अधिकार है, निन्दा की और उस की महिमा करने के लिये मन न फिराया।।

9. They were seared by the intense heat and they cursed the name of God, who had control over these plagues, but they refused to repent and glorify him.

10. और पांचवें ने अपना कटोरा उस पशु के सिंहासन पर उंडेल दिया और उसके राज्य पर अंधेरा छा गया; और लोग पीड़ा के मारे अपनी अपनी जीभ चबाने लगे।
निर्गमन 10:22, यशायाह 8:22

10. The fifth angel poured out his bowl on the throne of the beast, and his kingdom was plunged into darkness. Men gnawed their tongues in agony

11. और अपनी पीड़ाओं और फोड़ों के कारण स्वर्ग के परमेश्वर की निन्दा की; और अपने अपने कामों से मन न फिराया।।
दानिय्येल 2:19

11. and cursed the God of heaven because of their pains and their sores, but they refused to repent of what they had done.

12. और छठवें ने अपना कटोरा बड़ी नदी फुरात पर उंडेल दिया और उसका पानी सूख गया कि पूर्व दिशा के राजाओं के लिये मार्ग तैयार हो जाए।
उत्पत्ति 15:18, व्यवस्थाविवरण 1:7, यशायाह 11:15, यशायाह 41:2, यशायाह 41:25, यशायाह 44:27, यिर्मयाह 50:38, यिर्मयाह 51:36

12. The sixth angel poured out his bowl on the great river Euphrates, and its water was dried up to prepare the way for the kings from the East.

13. और मैं ने उस अजगर के मुंह से, और उस पशु के मुंह से और उस झूठे भविष्यद्वक्ता के मुंह से तीन अशुद्ध आत्माओं को मेंढ़कों के रूप में निकलते देखा।
निर्गमन 8:3

13. Then I saw three evil spirits that looked like frogs; they came out of the mouth of the dragon, out of the mouth of the beast and out of the mouth of the false prophet.

14. ये चिन्ह दिखानेवाली दुष्टात्मा हैं, जो सारे संसार के राजाओं के पास निकलकर इसलिये जाती हैं, कि उन्हें सर्वशक्तिमान परमेश्वर के उस बड़े दिन की लड़ाई के लिये इकट्ठा करें।
आमोस 4:13

14. They are spirits of demons performing miraculous signs, and they go out to the kings of the whole world, to gather them for the battle on the great day of God Almighty.

15. देख, मैं चोर की नाई आता हूं; धन्य वह है, जो जागता रहता है, और अपने वस्त्रा कि चौकसी करता है, कि नंगा न फिरे, और लोग उसका नंगापन न देखें।

15. Behold, I come like a thief! Blessed is he who stays awake and keeps his clothes with him, so that he may not go naked and be shamefully exposed.'

16. और उन्हों ने उन को उस जगह इकट्ठा किया, जो इब्रानी में हर- मगिदोन कहलाता है।।
न्यायियों 5:19, 2 राजाओं 9:27, 2 राजाओं 23:29, जकर्याह 12:11

16. Then they gathered the kings together to the place that in Hebrew is called Armageddon.

17. और सातवें ने अपना कटोरा हवा पर उंडेल दिया, और मंदिर के सिंहासन से यह बड़ा शब्द हुआ, कि `हो चुका'।
भजन संहिता 69:24, भजन संहिता 79:6, यशायाह 66:6

17. The seventh angel poured out his bowl into the air, and out of the temple came a loud voice from the throne, saying, 'It is done!'

18. फिर बिजलियां, और शब्द, और गर्जन हुए, और एक ऐसा बड़ा भुइंडोल हुआ, कि जब से मनुष्य की उत्पत्ति पृथ्वी पर हुई, तब से ऐसा बड़ा भुइंडोल कभी न हुआ था।
निर्गमन 19:16, दानिय्येल 12:1

18. Then there came flashes of lightning, rumblings, peals of thunder and a severe earthquake. No earthquake like it has ever occurred since man has been on earth, so tremendous was the quake.

19. और उस बड़े नगर के तीन टुकडे हो गए, और जाति जाति के नगर गिर पड़े, और बड़ा बाबुल का स्मरण परमेश्वर के यहां हुआ, कि वह अपने क्रोध की जलजलाहट की मदिरा उसे पिलाए।
भजन संहिता 75:8, यशायाह 51:17, यिर्मयाह 25:15, दानिय्येल 4:30

19. The great city split into three parts, and the cities of the nations collapsed. God remembered Babylon the Great and gave her the cup filled with the wine of the fury of his wrath.

20. और हर एक टापू अपनी जगह से टल गया; और पहाड़ों का पता न लगा।

20. Every island fled away and the mountains could not be found.

21. और आकाश से मनुष्यों पर मन मन भर के बड़े ओले गिरे, और इसलिये कि यह विपत्ति बहुत ही भारी थी, लोगों ने ओलों की विपत्ति के कारण परमेश्वर की निन्दा की।।

21. From the sky huge hailstones of about a hundred pounds each fell upon men. And they cursed God on account of the plague of hail, because the plague was so terrible.



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