1 John - 1 यूहन्ना 5 | View All

1. जिसका यह विश्वास है कि यीशु ही मसीह है, वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है और जो कोई उत्पन्न करनेवाले से प्रेम रखता है, वह उस से भी प्रेम रखता है, जो उस से उत्पन्न हुआ है।

1. যে কেহ বিশ্বাস করে যে, যীশুই সেই খ্রীষ্ট, সে ঈশ্বর হইতে জাত; এবং যে কেহ জন্মদাতাকে প্রেম করে, সে তাঁহা হইতে জাত ব্যক্তিকেও প্রেম করে।

2. जब हम परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, और उस की आज्ञाओं को मानते हैं, तो इसी से हम जानते हैं, कि परमेश्वर की सन्तानों से प्रेम रखते हैं।

2. ইহাতে আমরা জানিতে পারি যে, ঈশ্বরের সন্তানগণকে প্রেম করি, যখন ঈশ্বরকে প্রেম করি ও তাঁহার আজ্ঞা সকল পালন করি।

3. और परमेश्वर का प्रेम यह है, कि हम उस की आज्ञाओं को मानें; और उस की आज्ञाएं कठिन नहीं।
व्यवस्थाविवरण 30:11

3. কেননা ঈশ্বরের প্রতি প্রেম এই, যেন আমরা তাঁহার আজ্ঞা সকল পালন করি; আর তাঁহার আজ্ঞা সকল দুর্ব্বহ নয়;

4. क्योंकि जो कुछ परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह संसार पर जय प्राप्त करता है, और वह विजय जिस से संसार पर जय प्राप्त होती है हमारा विश्वास है।

4. কারণ যাহা কিছু ঈশ্বর হইতে জাত, তাহা জগৎকে জয় করে; এবং যে জয় জগৎকে জয় করিয়াছে, তাহা এই, আমাদের বিশ্বাস।

5. संसार पर जय पानेवाला कौन है? केवल वह जिस का विश्वास है, कि यीशु, परमेश्वर का पुत्रा है।

5. কে জগৎকে জয় করে? কেবল সেই, যে বিশ্বাস করে, যীশু ঈশ্বরের পুত্র।

6. यही है वह, जो पानी और लोहू के द्वारा आया था; अर्थात् यीशु मसीह: वह न केवल पानी के द्वारा, बरन पानी और लोहू दोनों के द्वारा आया था।

6. তিনি সেই, যিনি জল ও রক্ত দিয়া আসিয়াছিলেন, যীশু খ্রীষ্ট; কেবল জলে নয়, কিন্তু জলে ও রক্তে।

7. और जो गवाही देता है, वह आत्मा है; क्योंकि आत्मा सत्य है।

7. আর আত্মাই সাক্ষ্য দিতেছেন, কারণ আত্মা সেই সত্য।

8. और गवाही देनेवाले तीन हैं; आत्मा, और पानी, और लोहू; और तीनों एक ही बात पर सम्मत हैं।

8. বস্তুতঃ তিনে সাক্ষ্য দিতেছেন, আত্মা ও জল ও রক্ত, এবং সেই তিনের সাক্ষ্য একই।

9. जब हम मनुष्यों की गवाही मान लेते हैं, तो परमेश्वर की गवाही तो उस से बढ़कर है; और परमेश्वर की गवाही यह है, कि उस ने अपने पुत्रा के विषय में गवाही दी है।

9. আমরা যদি মনুষ্যদের সাক্ষ্য গ্রহণ করি, তবে ঈশ্বরের সাক্ষ্য মহত্তর; ফলতঃ ঈশ্বরের সাক্ষ্য এই যে, তিনি আপন পুত্রের বিষয়ে সাক্ষ্য দিয়াছেন।

10. जो परमेश्वर के पुत्रा पर विश्वास करता है, वह अपने ही में गवाही रखता है; जिस ने परमेश्वर को प्रतीति नहीं की, उस ने उसे झूठा ठहराया; क्योंकि उस ने उस गवाही पर विश्वास नहीं किया, जो परमेश्वर ने अपने पुत्रा के विषय में दी है।

10. ঈশ্বরের পুত্রে যে বিশ্বাস করে, ঐ সাক্ষ্য তাহার অন্তরে থাকে; ঈশ্বরে যে বিশ্বাস না করে, সে তাঁহাকে মিথ্যাবাদী করিয়াছে; কারণ ঈশ্বর আপন পুত্রের বিষয়ে যে সাক্ষ্য দিয়াছেন, তাহা সে বিশ্বাস করে নাই।

11. और वह गवाही यह है, कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है: और यह जीवन उसके पुत्रा में है।

11. আর সেই সাক্ষ্য এই যে, ঈশ্বর আমাদিগকে অনন্ত জীবন দিয়াছেন, এবং সেই জীবন তাঁহার পুত্রে আছে।

12. जिस के पास पुत्रा है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्रा नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है।।

12. পুত্রকে যে পাইয়াছে সে সেই জীবন পাইয়াছে; ঈশ্বরের পুত্রকে যে পায় নাই, সে সেই জীবন পায় নাই।

13. मैं ने तुम्हें, जो परमेश्वर के पुत्रा के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिये लिखा है; कि तुम जानो, कि अनन्त जीवन तुम्हारा है।

13. তোমরা যাহারা ঈশ্বরের পুত্রের নামে বিশ্বাস করিতেছ, আমি তোমাদিগকে এই সকল কথা লিখিলাম, যেন তোমরা জানিতে পার যে, তোমরা অনন্ত জীবন পাইয়াছ।

14. और हमें उसके साम्हने जो हियाव होता है, वह यह है; कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं, तो हमारी सुनता है।

14. আর তাঁহার উদ্দেশে আমরা এই সাহস প্রাপ্ত হইয়াছি যে, যদি তাঁহার ইচ্ছানুসারে কিছু যাচ্ঞা করি, তবে তিনি আমাদের যাচ্ঞা শুনেন।

15. और जब हम जानते हैं, कि जो कुछ हम मांगते हैं वह हमारी सुनता है, तो यह भी जानते हैं, कि जो कुछ हम ने उस से मांगा, वह पाया है।

15. আর যদি জানি যে, আমরা যাহা যাচ্ঞা করি, তিনি তাহা শুনেন, তবে ইহাও জানি যে, আমরা তাঁহার কাছে যাহা যাচ্ঞা করিয়াছি, সেই সকল পাইয়াছি।

16. यदि कोई अपने भाई को ऐसा पाप करते देखे, जिस का फल मृत्यु न हो, तो बिनती करे, और परमेश्वर, उसे, उन के लिये, जिन्हों ने ऐसा पाप किया है जिस का फल मृत्यु है: इस के विषय में मै बिनती करने के लिये नहीं कहता।

16. যদি কেহ আপন ভ্রাতাকে এমন পাপ করিতে দেখে, যাহা মৃত্যুজনক নয়, তবে সে যাচ্ঞা করিবে, এবং [ঈশ্বর] তাহাকে জীবন দিবেন—যাহারা মৃত্যুজনক পাপ করে না, তাহাদিগকেই দিবেন। মৃত্যুজনক পাপ আছে, সে বিষয়ে আমি বলি না যে, তাহাকে বিনতি করিতে হইবে।

17. सब प्रकार का अधर्म तो पाप है, परन्तु ऐसा पाप भी है, जिस का फल मृत्यु नहीं।।

17. সমস্ত অধার্ম্মিকতাই পাপ; আর এমন পাপ আছে, যাহা মৃত্যুজনক নয়।

18. हम जानते हैं, कि जो कोई परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता; जो परमेश्वर से उत्पन्न हुआ, उसे वह बचाए रखता है: और वह दुष्ट उसे छूने नहीं पाता।

18. আমরা জানি, যে কেহ ঈশ্বর হইতে জাত, সে পাপ করে না, কিন্তু যে ঈশ্বর হইতে জাত, সে আপনাকে রক্ষা করে, এবং সেই পাপাত্মা তাহাকে স্পর্শ করে না।

19. हम जानते हैं, कि हम परमेश्वर से हैं, और सारा संसार उस दुष्ट के वंश में पड़ा है।

19. আমরা জানি যে, আমরা ঈশ্বর হইতে; আর সমস্ত জগৎ সেই পাপাত্মার মধ্যে শুইয়া রহিয়াছে।

20. और यह भी जानते हैं, कि परमेश्वर का पुत्रा आ गया है और उस ने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उस में जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्रा यीशु मसीह में रहते हैं: सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है।

20. আর আমরা জানি যে, ঈশ্বরের পুত্র আসিয়াছেন, এবং আমাদিগকে এমন বুদ্ধি দিয়াছেন, যাহাতে আমরা সেই সত্যময়কে জানি; এবং আমরা সেই সত্যময়ে, তাঁহার পুত্র যীশু খ্রীষ্টে আছি; তিনিই সত্যময় ঈশ্বর এবং অনন্ত জীবন।

21. हे बालको, अपने आप को मुरतों से बचाए रखो।।

21. বৎসেরা, তোমরা প্রতিমাগণ হইতে আপনাদিগকে রক্ষা কর।



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