16. यदि कोई अपने भाई को ऐसा पाप करते देखे, जिस का फल मृत्यु न हो, तो बिनती करे, और परमेश्वर, उसे, उन के लिये, जिन्हों ने ऐसा पाप किया है जिस का फल मृत्यु है: इस के विषय में मै बिनती करने के लिये नहीं कहता।
16. If any man see his brother sin a sin [which is] not unto death, he shall ask [God], and he shall give him life [that is], unto those that do not sin unto death. There is sin unto death, for which I do not say that you should pray.