5. हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धर्मी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उस ने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं?
5. হে আমার প্রিয় ভ্রাতৃগণ, শুন, সংসারে যাহারা দরিদ্র, ঈশ্বর কি তাহাদিগকে মনোনীত করেন নাই, যেন তাহারা বিশ্বাসে ধনবান্ হয়, এবং যাহারা তাঁহাকে প্রেম করে, তাহাদের কাছে অঙ্গীকৃত রাজ্যের অধিকারী হয়?