2. और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर से ताकते रहें; जिस ने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दहिने जा बैठा।
भजन संहिता 110:1
2. Having our eyes fixed on Jesus, the guide and end of our faith, who went through the pains of the cross, not caring for the shame, because of the joy which was before him, and who has now taken his place at the right hand of God's seat of power.