Hebrews - इब्रानियों 12 | View All

1. इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकनेवाली वस्तु, और उलझानेवाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिस मे हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें।

1. Therefore, seeing we also are compassed about by so great a cloud of witnesses, let us lay aside every weight, and the sin which doth so easily beset us, and let us run with patience the race that is set before us,

2. और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर से ताकते रहें; जिस ने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दहिने जा बैठा।
भजन संहिता 110:1

2. looking unto Jesus, the author and finisher of our faith, who for the joy that was set before Him endured the cross, despising the shame, and is set down at the right hand of the throne of God.

3. इसलिये उस पर ध्यान करो, जिस ने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद- विवाद सह लिया कि तुम निराश होकर हियाव न छोड़ दो।
गिनती 16:38

3. For consider Him that endured such contradiction from sinners against Himself, lest ye be wearied and faint in your minds.

4. तुम ने पाप से लड़ते हुए उस से ऐसी मुठभेड़ नहीं की, कि तुम्हारा लोहू बहा हो।

4. In striving against sin, ye have not yet resisted unto bloodshed.

5. और तुम उस उपदेश को जो तुम को पुत्रों की नाई दिया जाता है, भूल गए हो, कि हे मेरे पुत्रा, प्रभु की ताड़ना को हलकी बात न जान, और जब वह तुझे घुड़के तो हियाव न छोड़।
नीतिवचन 3:11-12

5. And ye have forgotten the exhortation which speaketh unto you as unto children: 'My son, despise not thou the chastening of the Lord, nor faint when thou art rebuked by Him;

6. क्योंकि प्रभु, जिस से प्रेम करता है, उस की ताड़ना भी करता है; और जिसे पुत्रा बना लेता है, उस को कोड़े भी लगाता है।

6. for whom the Lord loveth He chasteneth, and scourgeth every son whom He receiveth.'

7. तुम दुख को ताड़ना समझकर सह लो: परमेश्वर तुम्हें पुत्रा जानकर तुम्हारे साथ बर्ताव करता है, वह कौन सा पुत्रा है, जिस की ताड़ना पिता नहीं करता?
व्यवस्थाविवरण 8:5, 2 शमूएल 7:14

7. If ye endure chastening, God dealeth with you as with sons; for what son is he whom the father chasteneth not?

8. यदि वह ताड़ना जिस के भागी सब होते हैं, तुम्हारी नहीं हुई, तो तुम पुत्रा नहीं, पर व्यभिचार की सन्तान ठहरे!

8. But if ye be without chastisement, whereof all arepartakers, then ye are bastards and not sons.

9. फिर जब कि हमारे शारीरिक पिता भी हमारी ताड़ना किया करते थे, तो क्या आत्माओं के पिता के और भी आधीन न रहें जिस से जीवित रहें।
गिनती 16:22, गिनती 27:16

9. Furthermore we have had fathers of our flesh who corrected us, and we gave them reverence. Shall we not far rather be in subjection unto the Father of Spirits, and live?

10. वे तो अपनी अपनी समझ के अनुसार थोड़े दिनों के लिये ताड़ना करते थे, पर यह तो हमारे लाभ के लिये करता है, कि हम भी उस की पवित्राता के भागी हो जाएं।

10. For verily they chastened us for a few days according to their own pleasure, but He for our profit, that we might be partakers of His holiness.

11. और वर्तमान में हर प्रकार की ताड़ना आनन्द की नहीं, पर शोक ही की बात दिखाई पड़ती है, तौभी जो उस को सहते सहते पक्के हो गए हैं, पीछे उन्हें चैन के साथ धर्म का प्रतिफल मिलता है।

11. Now no chastening for the present seemeth to be joyous, but grievous; nevertheless afterward it yieldeth the peaceable fruit of righteousness unto those who are exercised thereby.

12. इसलिये ढीले हाथों और निर्बल घुटनों को सीधे करो।
यशायाह 35:3

12. Therefore, lift up the hands which hang down and the feeble knees,

13. और अपने पांवों के लिये सीधे मार्ग बनाओ, कि लंगड़ा भटक न जाए, पर भला चंगा हो जाए।।
नीतिवचन 4:26

13. and make straight paths for your feet, lest that which is lame be turned out of the way, but let it rather be healed.

14. सब से मेल मिलाप रखने, और उस पवित्राता के खोजी हो जिस के बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।
भजन संहिता 34:14

14. Follow peace with all men, and holiness, without which no man shall see the Lord,

15. और ध्यान से देखते रहो, ऐसा न हो, कि कोई परमेश्वर के अनुग्रह से वंचित रह जाए, या कोई कड़वी जड़ फूटकर कष्ट दे, और उसके द्वारा बहुत से लोग अशुद्ध हो जाएं।
व्यवस्थाविवरण 29:18

15. looking diligently lest any man fail of the grace of God; lest any root of bitterness spring up to trouble you, and thereby many be defiled;

16. ऐसा न हो, कि कोई जन व्यभिचारी, या एसाव की नाई अधर्मी हो, जिस न एक बार के भोजन के बदले अपने पहिलौठे होने का पद बेच डाला।
उत्पत्ति 25:33

16. lest there be any fornicator or profane person as Esau, who for one morsel of meat sold his birthright.

17. तुम जानते तो हो, कि बाद को जब उस ने आशीष पानी चाही, तो अयोग्य गिना गया, और आंसू बहा बहाकर खोजने पर भी मन फिराव का अवसर उसे न मिला।।

17. For ye know how afterward, when he would have inherited the blessing, he was rejected; for he found no place of repentance, though he sought it diligently with tears.

18. तुम तो उस पहाड़ के पास जो छूआ जा सकता था और आग से प्रज्वलित था, और काली घटा, और अन्धेरा, और आन्धी के पास।
निर्गमन 20:18-21, व्यवस्थाविवरण 4:11-12

18. For ye have not come unto the mount which might be touched and that burned with fire, nor unto blackness and darkness and tempest,

19. और तुरही की ध्वनि, और बोलनेवाले के ऐसे शब्द के पास नहीं आए, जिस के सुननेवालों ने बिनती ही, कि अब हम से और बातें न की जाएं।
निर्गमन 19:16, व्यवस्थाविवरण 5:23, व्यवस्थाविवरण 5:25, निर्गमन 20:18-21, व्यवस्थाविवरण 4:11-12

19. and the sound of a trumpet and the voice of words, which voice those who heard entreated that the Word should not be spoken to them any more.

20. क्योंकि वे उस आज्ञा को न सह सके, कि यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो पत्थरवाह किया जाए।
निर्गमन 19:12-13

20. (For they could not endure that which was commanded, that: 'if even so much as a beast touch the mountain, it shall be stoned or thrust through with a dart.'

21. और वह दर्शन ऐसा डरावना था, कि मूसा ने कहा; मैं बहुत डरता और कांपता हूं।
व्यवस्थाविवरण 9:19

21. And so terrible was the sight that Moses said, 'I fear exceedingly and quake.')

22. पर तुम सिरयोन के पहाड़ के पास, और जीवते परमेश्वर के नगर स्वर्गीय यरूशलेम के पास।

22. But ye have come unto Mount Zion and unto the city of the living God, the heavenly Jerusalem, and to an innumerable company of angels,

23. और लाखों स्वर्गदूतों और उन पहिलौठों की साधारण सभा और कलीसिया जिन के नाम स्वर्ग में लिखे हुए हैं: और सब के न्यायी परमेश्वर के पास, और सिद्ध किए हुए धर्मियों की आत्माओं।
उत्पत्ति 18:25, भजन संहिता 50:6

23. to the general assembly and church of the firstborn, who are written in Heaven, and to God the Judge of all, and to the spirits of just men made perfect,

24. और नई वाचा के मध्यस्थ यीशु, और छिड़काव के उस लोहू के पास आए हो, जो हाबिल के लोहू से उत्तम बातें कहता है।

24. and to Jesus the Mediator of the new covenant, and to the blood of sprinkling, that speaketh better things than that of Abel.

25. सावधान रहो, और उस कहनेवाले से मुंह न फेरो, क्योंकि वे लोग जब पृथ्वी पर के चितावनी देनेवाले से मुंह मोड़कर न बच सके, तो हम स्वर्ग पर से चितावनी करनेवाले से मुंह मोड़कर क्योंकर बच सकेंगे?

25. See that ye refuse not Him that speaketh, for if they escaped not who refused Him that spoke on earth, much more shall we not escape if we turn away from Him that speaketh from Heaven,

26. उस समय तो उसके शब्द ने पृथ्वी को हिला दिया पर अब उस ने यह प्रतिज्ञा की है, कि एक बार फिर मैं केवल पृथ्वी को नहीं, बरन आकाश को भी हिला दूंगा।
निर्गमन 19:18, न्यायियों 5:4, भजन संहिता 68:8, हाग्गै 2:6

26. whose voice then shook the earth. But now He hath promised, saying, 'Yet once more I shake not the earth only, but also heaven.'

27. और यह वाक्य `एक बार फिर' इस बात को प्रगट करता है, कि जो वस्तुएं हिलाई जाती हैं, वे सृजी हुई वस्तुएं होने के कारण टल जाएंगी; ताकि जो वस्तुएं हिलाई नहीं जातीं, वे अटल बनी रहें।
हाग्गै 2:6

27. And these words, 'yet once more,' signifieth the removing of those things which can be shaken, such as things that are made, that those things which cannot be shaken may remain.

28. इस कारण हम इस राज्य को पाकर जो हिलने का नहीं, उस अनुग्रह को हाथ से न जाने दें, जिस के द्वारा हम भक्ति, और भय सहित, परमेश्वर की ऐसी आराधना कर सकते हैं जिस से वह प्रसन्न होता है।

28. Therefore, we receiving a Kingdom which cannot be moved, let us have grace whereby we may serve God acceptably, with reverence and godly fear.

29. क्योंकि हमारा परमेश्वर भस्म करनेवाली आग है।।
व्यवस्थाविवरण 4:24, व्यवस्थाविवरण 9:3, यशायाह 33:14

29. For our God is a consuming fire.



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