Hebrews - इब्रानियों 11 | View All

1. अब विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय, और मन देखी वस्तुओं का प्रमाण है।

1. Now faith is assurance of [things] hoped for, a conviction of things not seen.

2. क्योंकि इसी के विषय में प्राचीनों की अच्छी गवाही दी गईं।

2. For in this the elders had witness borne to them.

3. विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्तुओं से बना हो।
उत्पत्ति 1:1, व्यवस्थाविवरण 32:18, भजन संहिता 33:6, भजन संहिता 33:9

3. By faith we understand that the ages have been provided by the word of God, so that what is seen has not been made out of things which appear.

4. विश्वास की से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया; और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई: क्योंकि परमेश्वर ने उस की भेंटों के विषय में गवाही दी; और उसी के द्वारा वह मरने पर भी अब तक बातें करता है।
उत्पत्ति 4:4

4. By faith Abel offered to God a more excellent sacrifice than Cain, through which he had witness borne to him that he was righteous, God bearing witness in respect of his gifts: and through it he being dead yet speaks.

5. विश्वास ही से हनोक उठा लिया गया, कि मृत्यु को न देखे, और उसका पता नहीं मिला; क्योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया था, और उसके उठाए जाने से पहिले उस की यह गवाही दी गई थी, कि उस ने परमेश्वर को प्रसन्न किया है।
उत्पत्ति 5:24

5. By faith Enoch was translated that he should not see death; and he was not found, because God translated him: for he has had witness borne to him that before his translation he had been well-pleasing to God:

6. और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आनेवाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजनेवालों को प्रतिफल देता है।

6. And without faith it is impossible to be well-pleasing [to him]; for he who comes to God must believe that he is, and [that] he is a rewarder of those who seek after him.

7. विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चितौनी पाकर भक्ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उस ने संसार को दोषी ठहराया; और उस धर्म का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है।
उत्पत्ति 6:13-22, उत्पत्ति 7:1

7. By faith Noah, being warned [of God] concerning things not seen as yet, moved with godly fear, prepared an ark to the saving of his house; through which he condemned the world, and became heir of the righteousness which is according to faith.

8. विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेनेवाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया।
उत्पत्ति 12:1

8. By faith Abraham, when he was called, obeyed to go out to a place which he was to receive for an inheritance; and he went out, not knowing where he went.

9. विश्वास ही से उस ने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रहकर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया।
उत्पत्ति 23:4, उत्पत्ति 26:3, उत्पत्ति 35:12, उत्पत्ति 35:27

9. By faith he became a sojourner in the land of promise, as in a [land] not his own, dwelling in tents, with Isaac and Jacob, the heirs with him of the same promise:

10. क्योंकि वह उस स्थिर नेववाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचनेवाला और बनानेवाला परमेश्वर है।

10. for he looked for the city which has the foundations, whose craftsman and builder is God.

11. विश्वास से सारा ने आप बूढ़ी होने पर भी गर्भ धारण करने की सामर्थ पाई; क्योंकि उस ने प्रतिज्ञा करनेवाले को सच्चा जाना था।
उत्पत्ति 17:19, उत्पत्ति 18:11-14, उत्पत्ति 21:2

11. By faith even Sarah herself, who was barren, received power to conceive seed when she was past age, since she counted him faithful who had promised:

12. इस कारण एक ही जन से जो मरा हुआ सा था, आकाश के तारों और समुद्र के तीर के बालू की नाईं, अनगिनित वंश उत्पन्न हुआ।।
उत्पत्ति 15:5, उत्पत्ति 32:12, निर्गमन 32:13, व्यवस्थाविवरण 1:10, व्यवस्थाविवरण 10:22

12. therefore also there sprang of one, and him as good as dead, [so many] as the stars of heaven in multitude, and as the sand, which is by the seashore, innumerable.

13. ये सब विश्वास ही की दशा में मरे; और उन्हों ने प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं नहीं पाई; पर उन्हें दूर से देखकर आनन्दित हुए और मान लिया, कि हम पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं।
उत्पत्ति 47:9, 1 इतिहास 29:15, भजन संहिता 39:12, उत्पत्ति 23:4, उत्पत्ति 26:3, उत्पत्ति 35:12, उत्पत्ति 35:27

13. These all died in faith, not having received the promises, but having seen them and greeted them from afar, and having confessed that they were strangers and pilgrims on the earth.

14. जो ऐसी ऐसी बातें कहते हैं, वे प्रगट करते हैं, कि स्वदेश की खोज में हैं।

14. For those who say such things make it manifest that they are seeking after a country of their own.

15. और जिस देश से वे निकल आए थे, यदि उस की सुधि करते तो उन्हें लौट जाने का अवसर था।

15. And if indeed they had been mindful of that [country] from which they went out, they would have had opportunity to return.

16. पर वे एक उत्तम अर्थात् स्वर्गीय देश के अभिलाषी हैं, इसी लिये परमेश्वर उन का परमेश्वर कहलाने में उन से नहीं लजाता, सो उस ने उन के लिये एक नगर तैयार किया है।।
निर्गमन 3:6, निर्गमन 3:15, निर्गमन 4:5

16. But now they desire a better [country], that is, a heavenly: therefore God is not ashamed of them, to be called their God; for he has prepared for them a city.

17. विश्वास ही से इब्राहीम ने, परखे जाने के समय में, इसहाक को बलिदान चढ़ाया, और जिस ने प्रतिज्ञाओं को सच माना था।
उत्पत्ति 22:1-10

17. By faith Abraham, being tried, offered up Isaac: and he who had gladly received the promises was offering up his only begotten;

18. और जिस से यह कहा गया था, कि इसहाक से तेरा वंश कहलाएगा; वह अपने एकलौते को चढ़ाने लगा।
उत्पत्ति 21:12

18. [even he] to whom it was said, In Isaac will your seed be called:

19. क्योंकि उस ने विचार किया, कि परमेश्वर सामर्थी है, कि मरे हुओं में से जिलाए, सो उन्हीं में से दृष्टान्त की रीति पर वह उसे फिर मिला।

19. accounting that God [is] able to raise up, even from the dead; from where he did also in a figure receive him back.

20. विश्वास ही से इसहाक ने याकूब और एसाव को आनेवाली बातों के विषय मे आशीष दी।
उत्पत्ति 27:27-40, उत्पत्ति 27:30-40

20. By faith Isaac blessed Jacob and Esau, even concerning things to come.

21. विश्वास ही से याकूब ने मरते समय यूसुफ के दोनों पुत्रों में से एक एक को आशीष दी, और अपनी लाठी के सिरे पर सहारा लेकर दण्डवत किया।
उत्पत्ति 47:31, उत्पत्ति 48:15-16

21. By faith Jacob, when he was dying, blessed each of the sons of Joseph; and worshiped, [leaning] on the top of his staff.

22. विश्वास ही से यूसुफ ने, जब वह मरने पर था, तो इस्त्राएल की सन्तान के निकल जाने की चर्चा की, और अपनी हडि्डयों के विषय में आज्ञा दी।
उत्पत्ति 50:24-25, निर्गमन 13:19

22. By faith Joseph, when his end was near, made mention of the departure of the sons of Israel; and gave commandment concerning his bones.

23. विश्वास ही से मूसा के माता पिता ने उस को, उत्पन्न होने के बाद तीन महीने तक छिपा रखा; क्योंकि उन्हों ने देखा, कि बालक सुन्दर है, और वे राजा की आज्ञा से न डरे।
निर्गमन 1:22, निर्गमन 2:2

23. By faith Moses, when he was born, was hid three months by his fathers, because they saw he was a goodly child; and they were not afraid of the king's commandment.

24. विश्वास ही से मूसा ने सयाना होकर फिरौन की बेटी का पुत्रा कहलाने से इन्कार किया।
उत्पत्ति 4:10, निर्गमन 2:11

24. By faith Moses, when he was grown up, refused to be called the son of Pharaoh's daughter;

25. इसलिये कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दुख भोगना और उत्तम लगा।

25. choosing rather to share ill treatment with the people of God, than to enjoy the pleasures of sin for a season;

26. और मसीह के कारण निन्दित होने को मिसर के भण्डार से बड़ा धन समझा: क्योंकि उस की आंखे फल पाने की ओर लगी थीं।
भजन संहिता 69:9, भजन संहिता 89:50-51

26. accounting the reproach of Christ greater riches than the treasures of Egypt: for he looked to the recompense of reward.

27. विश्वास ही से राजा के क्रोध से न डरकर उस ने मिसर को छोड़ दिया, क्योंकि वह अनदेखे को मानों देखता हुआ दृढ़ रहा।
निर्गमन 2:15, निर्गमन 10:28-29, निर्गमन 12:51

27. By faith he forsook Egypt, not fearing the wrath of the king: for he endured, as seeing him who is invisible.

28. विश्वास ही से उस ने फसह और लोहू छिड़कने की विधि मानी, कि पहिलौठों का नाश करनेवाला इस्त्राएलियों पर हाथ न डाले।
निर्गमन 12:21-29

28. By faith he kept the Passover, and the sprinkling of the blood, that the destroyer of the firstborn should not touch them.

29. विश्वास ही से वे लाल समुद्र के पार ऐसे उतर गए, जैसे सूखी भूमि पर से; और जब मिस्त्रियों ने वैसा ही करना चाहा, तो सब डूब मरे।
निर्गमन 14:21-31

29. By faith they passed through the Red Sea as by dry land: which the Egyptians assaying to do were swallowed up.

30. विश्वास ही से यरीहो की शहरपनाह, जब सात दिन तक उसका चक्कर लगा चुके तो वह गिर पड़ी।
यहोशू 6:12-21

30. By faith the walls of Jericho fell down, after they had been circled for seven days.

31. विश्वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा ने माननेवालों के साथ नाश नहीं हुई; इसलिये कि उस ने भेदियों को कुशल से रखा था।
यहोशू 2:11-12, यहोशू 6:21-25

31. By faith Rahab the prostitute did not perish with those who were disobedient, having received the spies with peace.

32. अब और क्या कहूँ? क्योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
न्यायियों 4:10-17, न्यायियों 11:32-33, न्यायियों 16:28-30, 1 शमूएल 7:9-12, 1 शमूएल 19:8

32. And what shall I say more? For the time will fail me if I tell of Gideon, Barak, Samson, Jephthah; of David and Samuel and the prophets:

33. इन्हों ने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं प्राप्त की, सिंहों के मुंह बन्द किए।
न्यायियों 14:6-7, 1 शमूएल 17:34-36, दानिय्येल 6:22

33. who through faith subdued kingdoms, worked righteousness, obtained promises, stopped the mouths of lions,

34. आग ही ज्वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फोजों को मार भगाया।
दानिय्येल 3:23-25

34. quenched the power of fire, escaped the edge of the sword, from weakness were made strong, waxed mighty in war, turned to flight armies of aliens.

35. स्त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए; और छुटकारा न चाहा; इसलिये कि उत्तम पुनरूत्थान के भागी हों।
1 राजाओं 17:17-24, 2 राजाओं 4:25-37

35. Women received their dead by a resurrection: and others were tortured, not accepting their deliverance; that they might obtain a better resurrection:

36. कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने; और कोड़े खाने; वरन बान्धे जाने; और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।
उत्पत्ति 39:20, 1 राजाओं 22:26-27, 2 इतिहास 18:25-26, यिर्मयाह 20:2, यिर्मयाह 37:15, यिर्मयाह 38:6

36. and others had trial of mockings and scourgings, yes, moreover of bonds and imprisonment:

37. पत्थरवाह किए गए; आरे से चीरे गए; उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकरियों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।
2 इतिहास 24:21

37. they were stoned, they were sawn apart, they were slain with the sword: they went about in sheepskins, in goatskins; being destitute, afflicted, ill-treated

38. और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे।
1 राजाओं 18:4, 1 राजाओं 18:13

38. (of whom the world was not worthy), wandering in deserts and mountains and caves, and the holes of the earth.

39. संसार उन के योगय न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई, तोभी उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तु न मिली।

39. And these all, having had witness borne to them through their faith, did not receive the promise,

40. क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचे।।

40. God having provided some better thing concerning us, that apart from us they should not be made perfect.



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