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1. अब विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय, और मन देखी वस्तुओं का प्रमाण है।
1. Now faith is [the] substantiating of things hoped for, [the] conviction of things not seen.
2. क्योंकि इसी के विषय में प्राचीनों की अच्छी गवाही दी गईं।
2. For in [the power of] this the elders have obtained testimony.
3. विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्तुओं से बना हो।उत्पत्ति 1:1, व्यवस्थाविवरण 32:18, भजन संहिता 33:6, भजन संहिता 33:9
3. By faith we apprehend that the worlds were framed by [the] word of God, so that that which is seen should not take its origin from things which appear.
4. विश्वास की से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया; और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई: क्योंकि परमेश्वर ने उस की भेंटों के विषय में गवाही दी; और उसी के द्वारा वह मरने पर भी अब तक बातें करता है।उत्पत्ति 4:4
4. By faith Abel offered to God a more excellent sacrifice than Cain, by which he obtained testimony of being righteous, God bearing testimony to his gifts, and by it, having died, he yet speaks.
5. विश्वास ही से हनोक उठा लिया गया, कि मृत्यु को न देखे, और उसका पता नहीं मिला; क्योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया था, और उसके उठाए जाने से पहिले उस की यह गवाही दी गई थी, कि उस ने परमेश्वर को प्रसन्न किया है।उत्पत्ति 5:24
5. By faith Enoch was translated that he should not see death; and was not found, because God had translated him; for before [his] translation he has the testimony that he had pleased God.
6. और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आनेवाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजनेवालों को प्रतिफल देता है।
6. But without faith [it is] impossible to please [him]. For he that draws near to God must believe that he is, and [that] he is a rewarder of them who seek him out.
7. विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चितौनी पाकर भक्ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उस ने संसार को दोषी ठहराया; और उस धर्म का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है।उत्पत्ति 6:13-22, उत्पत्ति 7:1
7. By faith, Noah, oracularly warned concerning things not yet seen, moved with fear, prepared an ark for the saving of his house; by which he condemned the world, and became heir of the righteousness which [is] according to faith.
8. विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेनेवाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया।उत्पत्ति 12:1
8. By faith Abraham, being called, obeyed to go out into the place which he was to receive for an inheritance, and went out, not knowing where he was going.
9. विश्वास ही से उस ने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रहकर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया।उत्पत्ति 23:4, उत्पत्ति 26:3, उत्पत्ति 35:12, उत्पत्ति 35:27
9. By faith he sojourned as a stranger in the land of promise as a foreign country, having dwelt in tents with Isaac and Jacob, the heirs with [him] of the same promise;
10. क्योंकि वह उस स्थिर नेववाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचनेवाला और बनानेवाला परमेश्वर है।
10. for he waited for the city which has foundations, of which God is [the] artificer and constructor.
11. विश्वास से सारा ने आप बूढ़ी होने पर भी गर्भ धारण करने की सामर्थ पाई; क्योंकि उस ने प्रतिज्ञा करनेवाले को सच्चा जाना था।उत्पत्ति 17:19, उत्पत्ति 18:11-14, उत्पत्ति 21:2
11. By faith also Sarah herself received strength for [the] conception of seed, and [that] beyond a seasonable age; since she counted him faithful who promised.
12. इस कारण एक ही जन से जो मरा हुआ सा था, आकाश के तारों और समुद्र के तीर के बालू की नाईं, अनगिनित वंश उत्पन्न हुआ।।उत्पत्ति 15:5, उत्पत्ति 32:12, निर्गमन 32:13, व्यवस्थाविवरण 1:10, व्यवस्थाविवरण 10:22
12. Wherefore also there have been born of one, and that of one become dead, even as the stars of heaven in multitude, and as the countless sand which [is] by the sea shore.
13. ये सब विश्वास ही की दशा में मरे; और उन्हों ने प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं नहीं पाई; पर उन्हें दूर से देखकर आनन्दित हुए और मान लिया, कि हम पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं।उत्पत्ति 47:9, 1 इतिहास 29:15, भजन संहिता 39:12, उत्पत्ति 23:4, उत्पत्ति 26:3, उत्पत्ति 35:12, उत्पत्ति 35:27
13. All these died in faith, not having received the promises, but having seen them from afar off and embraced [them], and confessed that they were strangers and sojourners on the earth.
14. जो ऐसी ऐसी बातें कहते हैं, वे प्रगट करते हैं, कि स्वदेश की खोज में हैं।
14. For they who say such things shew clearly that they seek [their] country.
15. और जिस देश से वे निकल आए थे, यदि उस की सुधि करते तो उन्हें लौट जाने का अवसर था।
15. And if they had called to mind that from whence they went out, they had had opportunity to have returned;
16. पर वे एक उत्तम अर्थात् स्वर्गीय देश के अभिलाषी हैं, इसी लिये परमेश्वर उन का परमेश्वर कहलाने में उन से नहीं लजाता, सो उस ने उन के लिये एक नगर तैयार किया है।।निर्गमन 3:6, निर्गमन 3:15, निर्गमन 4:5
16. but now they seek a better, that is, a heavenly; wherefore God is not ashamed of them, to be called their God; for he has prepared for them a city.
17. विश्वास ही से इब्राहीम ने, परखे जाने के समय में, इसहाक को बलिदान चढ़ाया, और जिस ने प्रतिज्ञाओं को सच माना था।उत्पत्ति 22:1-10
17. By faith Abraham, [when] tried, offered up Isaac, and he who had received to himself the promises offered up his only begotten [son],
18. और जिस से यह कहा गया था, कि इसहाक से तेरा वंश कहलाएगा; वह अपने एकलौते को चढ़ाने लगा।उत्पत्ति 21:12
18. as to whom it had been said, In Isaac shall thy seed be called:
19. क्योंकि उस ने विचार किया, कि परमेश्वर सामर्थी है, कि मरे हुओं में से जिलाए, सो उन्हीं में से दृष्टान्त की रीति पर वह उसे फिर मिला।
19. counting that God [was] able to raise [him] even from among [the] dead, whence also he received him in a figure.
20. विश्वास ही से इसहाक ने याकूब और एसाव को आनेवाली बातों के विषय मे आशीष दी।उत्पत्ति 27:27-40, उत्पत्ति 27:30-40
20. By faith Isaac blessed Jacob and Esau concerning things to come.
21. विश्वास ही से याकूब ने मरते समय यूसुफ के दोनों पुत्रों में से एक एक को आशीष दी, और अपनी लाठी के सिरे पर सहारा लेकर दण्डवत किया।उत्पत्ति 47:31, उत्पत्ति 48:15-16
21. By faith Jacob [when] dying blessed each of the sons of Joseph, and worshipped on the top of his staff.
22. विश्वास ही से यूसुफ ने, जब वह मरने पर था, तो इस्त्राएल की सन्तान के निकल जाने की चर्चा की, और अपनी हडि्डयों के विषय में आज्ञा दी।उत्पत्ति 50:24-25, निर्गमन 13:19
22. By faith Joseph [when] dying called to mind the going forth of the sons of Israel, and gave commandment concerning his bones.
23. विश्वास ही से मूसा के माता पिता ने उस को, उत्पन्न होने के बाद तीन महीने तक छिपा रखा; क्योंकि उन्हों ने देखा, कि बालक सुन्दर है, और वे राजा की आज्ञा से न डरे।निर्गमन 1:22, निर्गमन 2:2
23. By faith Moses, being born, was hid three months by his parents, because they saw the child beautiful; and they did not fear the injunction of the king.
24. विश्वास ही से मूसा ने सयाना होकर फिरौन की बेटी का पुत्रा कहलाने से इन्कार किया।उत्पत्ति 4:10, निर्गमन 2:11
24. By faith Moses, when he had become great, refused to be called son of Pharaoh's daughter;
25. इसलिये कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दुख भोगना और उत्तम लगा।
25. choosing rather to suffer affliction along with the people of God than to have [the] temporary pleasure of sin;
26. और मसीह के कारण निन्दित होने को मिसर के भण्डार से बड़ा धन समझा: क्योंकि उस की आंखे फल पाने की ओर लगी थीं।भजन संहिता 69:9, भजन संहिता 89:50-51
26. esteeming the reproach of the Christ greater riches than the treasures of Egypt, for he had respect to the recompense.
27. विश्वास ही से राजा के क्रोध से न डरकर उस ने मिसर को छोड़ दिया, क्योंकि वह अनदेखे को मानों देखता हुआ दृढ़ रहा।निर्गमन 2:15, निर्गमन 10:28-29, निर्गमन 12:51
27. By faith he left Egypt, not fearing the wrath of the king; for he persevered, as seeing him who is invisible.
28. विश्वास ही से उस ने फसह और लोहू छिड़कने की विधि मानी, कि पहिलौठों का नाश करनेवाला इस्त्राएलियों पर हाथ न डाले।निर्गमन 12:21-29
28. By faith he celebrated the passover and the sprinkling of the blood, that the destroyer of the firstborn might not touch them.
29. विश्वास ही से वे लाल समुद्र के पार ऐसे उतर गए, जैसे सूखी भूमि पर से; और जब मिस्त्रियों ने वैसा ही करना चाहा, तो सब डूब मरे।निर्गमन 14:21-31
29. By faith they passed through the Red sea as through dry land; of which the Egyptians having made trial were swallowed up.
30. विश्वास ही से यरीहो की शहरपनाह, जब सात दिन तक उसका चक्कर लगा चुके तो वह गिर पड़ी।यहोशू 6:12-21
30. By faith the walls of Jericho fell, having been encircled for seven days.
31. विश्वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा ने माननेवालों के साथ नाश नहीं हुई; इसलिये कि उस ने भेदियों को कुशल से रखा था।यहोशू 2:11-12, यहोशू 6:21-25
31. By faith Rahab the harlot did not perish along with the unbelieving, having received the spies in peace.
32. अब और क्या कहूँ? क्योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।न्यायियों 4:10-17, न्यायियों 11:32-33, न्यायियों 16:28-30, 1 शमूएल 7:9-12, 1 शमूएल 19:8
32. And what more do I say? For the time would fail me telling of Gideon, and Barak, and Samson, and Jephthah, and David and Samuel, and of the prophets:
33. इन्हों ने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं प्राप्त की, सिंहों के मुंह बन्द किए।न्यायियों 14:6-7, 1 शमूएल 17:34-36, दानिय्येल 6:22
33. who by faith overcame kingdoms, wrought righteousness, obtained promises, stopped lions' mouths,
34. आग ही ज्वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फोजों को मार भगाया।दानिय्येल 3:23-25
34. quenched [the] power of fire, escaped [the] edge of the sword, became strong out of weakness, became mighty in war, made [the] armies of strangers give way.
35. स्त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए; और छुटकारा न चाहा; इसलिये कि उत्तम पुनरूत्थान के भागी हों।1 राजाओं 17:17-24, 2 राजाओं 4:25-37
35. Women received their dead again by resurrection; and others were tortured, not having accepted deliverance, that they might get a better resurrection;
36. कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने; और कोड़े खाने; वरन बान्धे जाने; और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।उत्पत्ति 39:20, 1 राजाओं 22:26-27, 2 इतिहास 18:25-26, यिर्मयाह 20:2, यिर्मयाह 37:15, यिर्मयाह 38:6
36. and others underwent trial of mockings and scourgings, yea, and of bonds and imprisonment.
37. पत्थरवाह किए गए; आरे से चीरे गए; उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकरियों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।2 इतिहास 24:21
37. They were stoned, were sawn asunder, were tempted, died by the death of the sword; they went about in sheepskins, in goatskins, destitute, afflicted, evil treated,
38. और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे।1 राजाओं 18:4, 1 राजाओं 18:13
38. (of whom the world was not worthy,) wandering in deserts and mountains, and [in] dens and caverns of the earth.
39. संसार उन के योगय न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई, तोभी उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तु न मिली।
39. And these all, having obtained witness through faith, did not receive the promise,
40. क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचे।।
40. God having foreseen some better thing for us, that they should not be made perfect without us.