8. भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, बरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।।
8. এখন অবধি আমার নিমিত্ত ধার্ম্মিকতার মুকুট তোলা রহিয়াছে; প্রভু, সেই ধর্ম্মময় বিচারকর্ত্তা, সেই দিন আমাকে তাহা দিবেন; কেবল আমাকে নয়, বরং যত লোক তাঁহার প্রকাশপ্রাপ্তি ভাল বাসিয়াছে, সেই সকলকেও দিবেন।