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Cross Reference Bible
1. हे आकाश, कान लगा, कि मैं बोलूं; और हे पृथ्वी, मेरे मुंह की बातें सुन।।
1. Give ear, O heavens, to my voice; let the earth take note of the words of my mouth:
2. मेरा उपदेश मेंह की नाईं बरसेगा और मेरी बातें ओस की नाईं टपकेंगी, जैसे कि हरी घास पर झीसी, और पौधों पर झड़ियां।।
2. My teaching is dropping like rain, coming down like dew on the fields; like rain on the young grass and showers on the garden plants:
3. मैं तो याहोवा नाम का प्रचार करूंगा। तुम अपने परमेश्वर की महिमा को मानो!
3. For I will give honour to the name of the Lord: let our God be named great.
4. वह चट्टान है, उसका काम खरा है; और उसकी सारी गति न्याय की है। वह सच्चा ईश्वर है, उस में कुटिलता नहीं, वह धर्मी और सीधा है।।रोमियों 9:14, प्रकाशितवाक्य 15:3, प्रकाशितवाक्य 16:5
4. He is the Rock, complete is his work; for all his ways are righteousness: a God without evil who keeps faith, true and upright is he.
5. परन्तु इसी जाति के लोग टेढ़े और तिर्छे हैं; ये बिगड़ गए, ये उसके पुत्रा नहीं; यह उनका कलंक है।।मत्ती 17:17, प्रेरितों के काम 2:40, फिलिप्पियों 2:15
5. They have become false, they are not his children, the mark of sin is on them; they are an evil and hard-hearted generation.
6. हे मूढ़ और निर्बुद्धि लोगों, क्या तुम यहोवा को यह बदला देते हो? क्या वह तेरा पिता नहीं है, जिस ने तुम को मोल लिया है? उस ने तुम को बनाया और स्थिर भी किया है।।यूहन्ना 8:41
6. Is this your answer to the Lord, O foolish people and unwise? Is he not your father who has given you life? He has made you and given you your place.
7. प्राचीनकाल के दिनों को स्मरण करो, पीढ़ी पीढ़ी के वर्षों को विचारो; अपने बाप से पूछो, और वह तुम को बताएगा; अपने वृद्ध लोगों से प्रश्न करो, और वे तुझ से कह देंगे।।
7. Keep in mind the days of the past, give thought to the years of generations gone by: go to your father and he will make it clear to you, to the old men and they will give you the story.
8. जब परमप्रधान ने एक एक जाति को निज निज भाग बांट दिया, और आदमियों को अलग अलग बसाया, तब उस ने देश देश के लोगों के सिवाने इस्राएलियों की गिनती के अनुसार ठहराए।।प्रेरितों के काम 17:26
8. When the Most High gave the nations their heritage, separating into groups the children of men, he had the limits of the peoples marked out, keeping in mind the number of the children of Israel.
9. क्योंकि यहोवा का अंश उसकी प्रजा है; याकूब उसका नपा हुआ निज भाग है।।
9. For the Lord's wealth is his people; Jacob is the land of his heritage.
10. उस ने उसको जंगल में, और सुनसान और गरजनेवालों से भरी हुई मरूभूमि में पाया; उस ने उसके चंहु ओर रहकर उसकी रक्षा की, और अपनी आंख की पुतली की नाई उसकी सुधि रखी।।
10. He came to him in the waste land, in the unpeopled waste of sand: putting his arms round him and caring for him, he kept him as the light of his eye.
11. जैसे उकाब अपने घोंसले को हिला हिलाकर अपने बच्चों के ऊपर ऊपर मण्डलाता है, वैसे ही उस ने अपने पंख फैलाकर उसको अपने परों पर उठा लिया।।
11. As an eagle, teaching her young to make their flight, with her wings outstretched over them, takes them up on her strong feathers:
12. यहोवा अकेला ही उसकी अगुवाई करता रहा, और उसके संग कोई पराया देवता न था।।
12. So the Lord only was his guide, no other god was with him.
13. उस ने उसको पृथ्वी के ऊंचे ऊंचे स्थानों पर सवार कराया, और उसको खेतों की उपज खिलाई; उस ने उसे चट्टान में से मधु और चकमक की चट्ठान में से तेल चुसाया।।
13. He put him on the high places of the earth, his food was the increase of the field; honey he gave him out of the rock and oil out of the hard rock;
14. गायों का दही, और भेड़- बकरियों का दूध, मेम्नों की चर्बी, बकरे और बाशान की जाति के मेढ़े, और गेहूं का उत्तम से उत्तम आटा भी; और तू दाखरस का मधु पिया करता था।।
14. Butter from his cows and milk from his sheep, with fat of lambs and sheep of Bashan, and goats, and the heart of the grain; and for your drink, wine from the blood of the grape.
15. परन्तु यशूरून मोटा होकर लात मारने लगा; तू मोटा और हृष्ट- पुष्ट हो गया, और चर्बी से छा गया है; तब उस ने अपने सृजनहार ईश्वर को तज दिया, और अपने उद्धारमूल चट्टान को तुच्छ जाना।।
15. But Jeshurun became fat and would not be controlled: you have become fat, you are thick and full of food: then he was untrue to the God who made him, giving no honour to the Rock of his salvation.
16. उन्हों ने पराए देवताओं को मानकर उस में जलन उपजाई; और घृणित कर्म करके उसको रिस दिलाई ।।
16. The honour which was his they gave to strange gods; by their disgusting ways he was moved to wrath.
17. उन्हों ने पिशाचों के लिये जो ईश्वर न थे बलि चढ़ाए, और उनके लिये वे अनजाने देवता थे, वे तो नये नये देवता थे जो थोड़े ही दिन से प्रकट हुए थे, और जिन से उनके पुरखा कभी डरे नहीं।1 कुरिन्थियों 10:20, प्रकाशितवाक्य 9:20
17. They made offerings to evil spirits which were not God, to gods who were strange to them, which had newly come up, not feared by your fathers.
18. जिस चट्टान से तू उत्पन्न हुआ उसको तू भूल गया, और ईश्वर जिस से तेरी उत्पत्ति हुई उसको भी तू भूल गया है।।इब्रानियों 1:2, इब्रानियों 11:3
18. You have no thought for the Rock, your father, you have no memory of the God who gave you birth.
19. इन बातों को देखकर यहोवा ने उन्हें तुच्छ जाना, क्योंकि उसके बेटे- बेटियों ने उसे रिस दिलाई थी।।
19. And the Lord saw with disgust the evil-doing of his sons and daughters.
20. तब उस ने कहा, मैं उन से अपना मुख छिपा लूंगा, और देखूंगा कि उनका अन्त कैसा होगा, क्योंकि इस जाति के लोग बहुत टेढ़े हैं और धोखा देनेवाले पुत्रा हैं।मत्ती 17:17
20. And he said, My face will be veiled from them, I will see what their end will be: for they are an uncontrolled generation, children in whom is no faith.
21. उन्हों ने ऐसी वस्तु मानकर जो ईश्वर नहीं हैं, मुझ में जलन उत्पन्न की; और अपनी व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाई। इसलिये मैं भी उनके द्वारा जो मेरी प्रजा नहीं हैं उनके मन में जलन उत्पन्न करूंगा; और एक मूढ़ जाति के द्वारा उन्हें रिस दिलाऊंगा।।रोमियों 10:19, रोमियों 11:11, 1 कुरिन्थियों 10:22
21. They have given my honour to that which is not God, moving me to wrath with their false worship: I will give their honour to those who are not a people, moving them to wrath by a foolish nation,
22. क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नेवों में भी आग लगा देगी।।
22. For my wrath is a flaming fire, burning to the deep parts of the underworld, burning up the earth with her increase, and firing the deep roots of the mountains.
23. मैं उन पर विपत्ति पर विपत्ति भेजूंगा; और उन पर मैं अपने सब तीरों को छोडूंगा।।
23. I will send a rain of troubles on them, my arrows will be showered on them.
24. वे भूख से दुबले हो जाएंगे, और अंगारों से और कठिन महारोगों से ग्रसित हो जाएंगे; और मैं उन पर पशुओं के दांत लगवाऊंगा, और धूलि पर रेंगनेवाले सर्पों का विष छोड़ दूंगा।।
24. They will be wasted from need of food, and overcome by burning heat and bitter destruction; and the teeth of beasts I will send on them, with the poison of the worms of the dust.
25. बाहर वे तलवार से मरेंगे, और कोठरियों के भीतर भय से; क्या कुंवारे और कुंवारियां, क्या दूध पीता हुआ बच्चा क्या पक्के बालवाले, सब इसी प्रकार बरबाद होंगे।
25. Outside they will be cut off by the sword, and in the inner rooms by fear; death will take the young man and the virgin, the baby at the breast and the grey-haired man.
26. मैं ने कहा था, कि मैं उनको दूर दूर से तित्तर- बित्तर करूंगा, और मनुष्यों में से उनका स्मरण तक मिटा डालूंगा;
26. I said I would send them wandering far away, I would make all memory of them go from the minds of men:
27. परन्तु मुझे शत्रुओं की छेड़ छाड़ का डर था, ऐसा न हो कि द्रोही इसको उलटा समझकर यह कहने लगें, कि हम अपने ही बाहुबल से प्रबल हुए, और यह सब यहोवा से नहीं हुआ।।
27. But for the fear that their haters, uplifted in their pride, might say, Our hand is strong, the Lord has not done all this.
28. यह जाति युक्तहीन तो है, और इन में समझ है ही नहीं।।
28. For they are a nation without wisdom; there is no sense in them.
29. भला होता कि ये बुद्धिमान होते, कि इसको समझ लेते, और अपने अन्त का विचार करते!लूका 19:42
29. If only they were wise, if only this was clear to them, and they would give thought to their future!
30. यदि उनकी चट्टान ही उनको न बेच देती, और यहोवा उनको औरों के हाथ में न कर देता; तो यह क्योंकर हो सकता कि उनके हजार का पीछा एक मनुष्य करता, और उनके दस हजार को दो मनुष्य भगा देते?
30. How would it be possible for one to overcome a thousand, and two to send ten thousand in flight, if their rock had not let them go, if the Lord had not given them up?
31. क्योंकि जैसी हमारी चट्टान है वैसी उनकी चट्टान नहीं है, चाहे हमारे शत्रु ही क्यों न न्यायी हों।।
31. For their rock is not like our Rock, even our haters themselves being judges.
32. क्योंकि उनकी दाखलता सदोम की दाखलता से निकली, और अमोरा की दाख की बारियों में की है; उनकी दाख विषभरी और उनके गुच्छे कड़वे हैं;
32. For their vine is the vine of Sodom, from the fields of Gomorrah: their grapes are the grapes of evil, and the berries are bitter:
33. उनका दाखमधु सांपों का सा विष और काले नागों का सा हलाहल है।।
33. Their wine is the poison of dragons, the cruel poison of snakes.
34. क्या यह बात मेरे मन में संचित, और मेरे भण्डारों में मुहरबन्द नहीं है?
34. Is not this among my secrets, kept safe in my store-house?
35. पलटा लेना और बदला देना मेरा ही काम है, यह उनके पांव फिसलने के समय प्रगट होगा; क्योंकि उनकी विपत्ति का दिन निकट है, और जो दुख उन पर पड़नेवाले है वे शीघ्र आ रहे हैं।।लूका 21:22, रोमियों 12:19, इब्रानियों 10:30
35. Punishment is mine and reward, at the time of the slipping of their feet: for the day of their downfall is near, sudden will be their fate.
36. क्योंकि जब यहोवा देखेगा कि मेरी प्रजा की शक्ति जाती रही, और क्या बन्धुआ और क्या स्वाधीन, उन में कोई बचा नहीं रहा, तब यहोवा अपने लोगों का न्याय करेगा, और अपने दासों के विषय में तरस खाएगा।।इब्रानियों 10:30
36. For the Lord will be judge of his people, he will have pity for his servants; when he sees that their power is gone, there is no one, shut up or free.
37. तब वह कहेगा, उनके देवता कहां हैं, अर्थात वह चट्टान कहां जिस पर उनका भरोसा था,
37. And he will say, Where are their gods, the rock in which they put their faith?
38. जो उनके बलिदानों की चर्बी खाते, और उनके तपावनों का दाखमधु पीते थे? वे ही उठकर तुम्हारी सहायता करें, और तुम्हारी आड़ हों!
38. Who took the fat of their offerings, and the wine of their drink offering? Let them now come to your help, let them be your salvation.
39. इसलिये अब तुम देख लो कि मैं ही वह हूं, और मेरे संग कोई देवता नहीं; मैं ही मार डालता, और मैं जिलाता भी हूं; मैं ही घायल करता, और मैं ही चंगा भी करता हूं; और मेरे हाथ से कोई नहीं छुड़ा सकता।।
39. See now, I myself am he; there is no other god but me: giver of death and life, wounding and making well: and no one has power to make you free from my hand.
40. क्योंकि मैं अपना हाथ स्वर्ग की ओर उठाकर कहता हूं, क्योंकि मैं अनन्त काल के लिये जीवित हूं,प्रकाशितवाक्य 10:5-6
40. For lifting up my hand to heaven I say, By my unending life,
41. सो यदि मैं बिजली की तलवार पर सान धरकर झलकाऊं, और न्याय को अपने हाथ में ले लूं, तो अपने द्रोहियों से बदला लूंगा, और अपने बैरियों को बदला दूंगा।।
41. If I make sharp my shining sword, and my hand is outstretched for judging, I will give punishment to those who are against me, and their right reward to my haters.
42. मैं अपने तीरों को लोहू से मतवाला करूंगा, और मेरी तलवार मांस खाएगी वह लोहू, मारे हुओं और बन्धुओं का, और वह मांस, शत्रुओं के प्रधानों के शीश का होगा।।
42. I will make my arrows red with blood, my sword will be feasting on flesh, with the blood of the dead and the prisoners, of the long-haired heads of my haters.
43. हे अन्यजातियों, उसकी प्रजा के साथ आनन्द मनाओ; क्योंकि वह अपने दासों के लोहू का पलटा लेगा, और अपने द्रोहियों को बदला देगा, और अपने देश और अपनी प्रजा के पाप के लिये प्रायश्चित देगा।रोमियों 15:10, इब्रानियों 1:6, प्रकाशितवाक्य 6:10, प्रकाशितवाक्य 18:20, प्रकाशितवाक्य 19:2
43. Be glad, O you his people, over the nations; for he will take payment for the blood of his servants, and will give punishment to his haters, and take away the sin of his land, for his people.
44. इस गीत के सब वचन मूसा ने नून के पुत्रा होशे समेत आकर लोगों को सुनाए।
44. So Moses said all the words of this song in the hearing of the people, he and Hoshea, the son of Nun.
45. जब मूसा ये सब वचन सब इस्राएलियों से कह चुका,
45. And after saying all this to the people,
46. तब उस ने उन से कहा कि जितनी बातें मैं आज तुम से चिताकर कहता हूं उन सब पर अपना अपाना मन लगाओ, और उनके अर्थात् इस व्यवस्था की सारी बातों के मानने में चौकसी करने की आज्ञा अपने लड़केबालों को दो।
46. Moses said to them, Let the words which I have said to you today go deep into your hearts, and give orders to your children to do every word of this law.
47. क्योंकि यह तुम्हारे लिये व्यर्थ काम नहीं, परन्तु तुम्हारा जीवन ही है, और ऐसा करने से उस देश में तुम्हारी आयु के दिन बहुत होंगे, जिसके अधिकारी होने को तुम यरदन पार जा रहे हो।।
47. And this is no small thing for you, but it is your life, and through this you may make your days long in the land which you are going over Jordan to take for your heritage.
48. फिर उसी दिन यहोवा ने मूसा से कहा,
48. That same day the Lord said to Moses,
49. उस अबारीम पहाड़ की नबो नाम चोटी पर, जो मोआब देश में यरीहो के साम्हने है, चढ़कर कनान देश जिसे मैं इस्राएलियों की निज भूमि कर देता हूं उसको देख ले।प्रेरितों के काम 7:5-45
49. Go up into this mountain of Abarim, to Mount Nebo in the land of Moab opposite Jericho; there you may see the land of Canaan, which I am giving to the children of Israel for their heritage:
50. तब जैसा तेरा भाई हारून होर पहाड़ पर मरकर अपने लोगों में मिल गया, वैसा ही तू इस पहाड़ पर चढ़कर मर जाएगा, और अपने लोगों में मिल जाएगा।
50. And let death come to you on the mountain where you are going, and be put to rest with your people; as death came to Aaron, your brother, on Mount Hor, where he was put to rest with his people:
51. इसका कारण यह है, कि सीन जंगल में, कादेश के मरीबा नाम सोते पर, तुम दोनों ने मेरा अपराध किया, क्योंकि तुम ने इस्राएलियों के मध्य में मुझे पवित्रा न ठहराया।
51. Because of your sin against me before the children of Israel at the waters of Meribath Kadesh in the waste land of Zin; because you did not keep my name holy among the children of Israel.
52. इसलिये वह देश जो मैं इस्राएलियों को देता हूं, तू अपने साम्हने देख लेगा, परन्तु वहां जाने न पाएगा।।
52. So you will see the land before you, but you will not go into the land which I am giving to the children of Israel.