Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 32 | View All

1. हे आकाश, कान लगा, कि मैं बोलूं; और हे पृथ्वी, मेरे मुंह की बातें सुन।।

1. GIVE EAR, O heavens, and I [Moses] will speak; and let the earth hear the words of my mouth.

2. मेरा उपदेश मेंह की नाईं बरसेगा और मेरी बातें ओस की नाईं टपकेंगी, जैसे कि हरी घास पर झीसी, और पौधों पर झड़ियां।।

2. My message shall drop as the rain, my speech shall distil as the dew, as the light rain upon the tender grass, and as the showers upon the herb.

3. मैं तो याहोवा नाम का प्रचार करूंगा। तुम अपने परमेश्वर की महिमा को मानो!

3. For I will proclaim the name [and presence] of the Lord. Concede and ascribe greatness to our God.

4. वह चट्टान है, उसका काम खरा है; और उसकी सारी गति न्याय की है। वह सच्चा ईश्वर है, उस में कुटिलता नहीं, वह धर्मी और सीधा है।।
रोमियों 9:14, प्रकाशितवाक्य 15:3, प्रकाशितवाक्य 16:5

4. He is the Rock, His work is perfect, for all His ways are law and justice. A God of faithfulness without breach or deviation, just and right is He.

5. परन्तु इसी जाति के लोग टेढ़े और तिर्छे हैं; ये बिगड़ गए, ये उसके पुत्रा नहीं; यह उनका कलंक है।।
मत्ती 17:17, प्रेरितों के काम 2:40, फिलिप्पियों 2:15

5. They [Israel] have spoiled themselves. They are not sons to Him, and that is their blemish--a perverse and crooked generation!

6. हे मूढ़ और निर्बुद्धि लोगों, क्या तुम यहोवा को यह बदला देते हो? क्या वह तेरा पिता नहीं है, जिस ने तुम को मोल लिया है? उस ने तुम को बनाया और स्थिर भी किया है।।
यूहन्ना 8:41

6. Do you thus repay the Lord, you foolish and senseless people? Is not He your Father Who acquired you for His own, Who made and established you [as a nation]?

7. प्राचीनकाल के दिनों को स्मरण करो, पीढ़ी पीढ़ी के वर्षों को विचारो; अपने बाप से पूछो, और वह तुम को बताएगा; अपने वृद्ध लोगों से प्रश्न करो, और वे तुझ से कह देंगे।।

7. Remember the days of old; consider the years of many generations. Ask your father and he will show you, your elders, and they will tell you.

8. जब परमप्रधान ने एक एक जाति को निज निज भाग बांट दिया, और आदमियों को अलग अलग बसाया, तब उस ने देश देश के लोगों के सिवाने इस्राएलियों की गिनती के अनुसार ठहराए।।
प्रेरितों के काम 17:26

8. When the Most High gave to the nations their inheritance, when He separated the children of men, He set the bounds of the peoples according to the number of the Israelites.

9. क्योंकि यहोवा का अंश उसकी प्रजा है; याकूब उसका नपा हुआ निज भाग है।।

9. For the Lord's portion is His people; Jacob (Israel) is the lot of His inheritance.

10. उस ने उसको जंगल में, और सुनसान और गरजनेवालों से भरी हुई मरूभूमि में पाया; उस ने उसके चंहु ओर रहकर उसकी रक्षा की, और अपनी आंख की पुतली की नाई उसकी सुधि रखी।।

10. He found him in a desert land, in the howling void of the wilderness; He kept circling around him, He scanned him [penetratingly], He kept him as the pupil of His eye.

11. जैसे उकाब अपने घोंसले को हिला हिलाकर अपने बच्चों के ऊपर ऊपर मण्डलाता है, वैसे ही उस ने अपने पंख फैलाकर उसको अपने परों पर उठा लिया।।

11. As an eagle that stirs up her nest, that flutters over her young, He spread abroad His wings and He took them, He bore them on His pinions. [Luke 13:34.]

12. यहोवा अकेला ही उसकी अगुवाई करता रहा, और उसके संग कोई पराया देवता न था।।

12. So the Lord alone led him; there was no foreign god with Him.

13. उस ने उसको पृथ्वी के ऊंचे ऊंचे स्थानों पर सवार कराया, और उसको खेतों की उपज खिलाई; उस ने उसे चट्टान में से मधु और चकमक की चट्ठान में से तेल चुसाया।।

13. He made Israel ride on the high places of the earth, and he ate the increase of the field; and He made him suck honey out of the rock and oil out of the flinty rock,

14. गायों का दही, और भेड़- बकरियों का दूध, मेम्नों की चर्बी, बकरे और बाशान की जाति के मेढ़े, और गेहूं का उत्तम से उत्तम आटा भी; और तू दाखरस का मधु पिया करता था।।

14. Butter and curds of the herd and milk of the flock, with fat of lambs, and rams of the breed of Bashan, and he-goats, with the finest of the wheat; and you drank wine of the blood of the grape.

15. परन्तु यशूरून मोटा होकर लात मारने लगा; तू मोटा और हृष्ट- पुष्ट हो गया, और चर्बी से छा गया है; तब उस ने अपने सृजनहार ईश्वर को तज दिया, और अपने उद्धारमूल चट्टान को तुच्छ जाना।।

15. But Jeshurun (Israel) grew fat and kicked. You became fat, you grew thick, you were gorged and sleek! Then he forsook God Who made him and forsook and despised the Rock of his salvation.

16. उन्हों ने पराए देवताओं को मानकर उस में जलन उपजाई; और घृणित कर्म करके उसको रिस दिलाई ।।

16. They provoked Him to jealousy with strange gods, with abominations they provoked Him to anger.

17. उन्हों ने पिशाचों के लिये जो ईश्वर न थे बलि चढ़ाए, और उनके लिये वे अनजाने देवता थे, वे तो नये नये देवता थे जो थोड़े ही दिन से प्रकट हुए थे, और जिन से उनके पुरखा कभी डरे नहीं।
1 कुरिन्थियों 10:20, प्रकाशितवाक्य 9:20

17. They sacrificed to demons, not to God--to gods whom they knew not, to new gods lately come up, whom your fathers never knew or feared.

18. जिस चट्टान से तू उत्पन्न हुआ उसको तू भूल गया, और ईश्वर जिस से तेरी उत्पत्ति हुई उसको भी तू भूल गया है।।
इब्रानियों 1:2, इब्रानियों 11:3

18. Of the Rock Who bore you you were unmindful; you forgot the God Who travailed in your birth.

19. इन बातों को देखकर यहोवा ने उन्हें तुच्छ जाना, क्योंकि उसके बेटे- बेटियों ने उसे रिस दिलाई थी।।

19. And the Lord saw it and He spurned and rejected them, out of indignation with His sons and His daughters.

20. तब उस ने कहा, मैं उन से अपना मुख छिपा लूंगा, और देखूंगा कि उनका अन्त कैसा होगा, क्योंकि इस जाति के लोग बहुत टेढ़े हैं और धोखा देनेवाले पुत्रा हैं।
मत्ती 17:17

20. And He said, I will hide My face from them, I will see what their end will be; for they are a perverse generation, children in whom is no faithfulness.

21. उन्हों ने ऐसी वस्तु मानकर जो ईश्वर नहीं हैं, मुझ में जलन उत्पन्न की; और अपनी व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाई। इसलिये मैं भी उनके द्वारा जो मेरी प्रजा नहीं हैं उनके मन में जलन उत्पन्न करूंगा; और एक मूढ़ जाति के द्वारा उन्हें रिस दिलाऊंगा।।
रोमियों 10:19, रोमियों 11:11, 1 कुरिन्थियों 10:22

21. They have moved Me to jealousy with what is not God; they have angered Me with their idols. So I will move them to jealousy with those who are not a people; I will anger them with a foolish nation.

22. क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नेवों में भी आग लगा देगी।।

22. For a fire is kindled by My anger, and it burns to the depths of Sheol, devours the earth with its increase, and sets on fire the foundations of the mountains.

23. मैं उन पर विपत्ति पर विपत्ति भेजूंगा; और उन पर मैं अपने सब तीरों को छोडूंगा।।

23. And I will heap evils upon them; I will spend My arrows upon them.

24. वे भूख से दुबले हो जाएंगे, और अंगारों से और कठिन महारोगों से ग्रसित हो जाएंगे; और मैं उन पर पशुओं के दांत लगवाऊंगा, और धूलि पर रेंगनेवाले सर्पों का विष छोड़ दूंगा।।

24. They shall be wasted with hunger and devoured with burning heat and poisonous pestilence; and the teeth of beasts will I send against them, with the poison of crawling things of the dust.

25. बाहर वे तलवार से मरेंगे, और कोठरियों के भीतर भय से; क्या कुंवारे और कुंवारियां, क्या दूध पीता हुआ बच्चा क्या पक्के बालवाले, सब इसी प्रकार बरबाद होंगे।

25. From without the sword shall bereave, and in the chambers shall be terror, destroying both young man and virgin, the sucking child with the man of gray hairs.

26. मैं ने कहा था, कि मैं उनको दूर दूर से तित्तर- बित्तर करूंगा, और मनुष्यों में से उनका स्मरण तक मिटा डालूंगा;

26. I said, I would scatter them afar and I would have made the remembrance of them to cease from among men,

27. परन्तु मुझे शत्रुओं की छेड़ छाड़ का डर था, ऐसा न हो कि द्रोही इसको उलटा समझकर यह कहने लगें, कि हम अपने ही बाहुबल से प्रबल हुए, और यह सब यहोवा से नहीं हुआ।।

27. Had I not feared the provocation of the foe, lest their enemies misconstrue it and lest they should say, Our own hand has prevailed; all this was not the work of the Lord.

28. यह जाति युक्तहीन तो है, और इन में समझ है ही नहीं।।

28. For they are a nation void of counsel, and there is no understanding in them.

29. भला होता कि ये बुद्धिमान होते, कि इसको समझ लेते, और अपने अन्त का विचार करते!
लूका 19:42

29. O that they were wise and would see through this [present triumph] to their ultimate fate!

30. यदि उनकी चट्टान ही उनको न बेच देती, और यहोवा उनको औरों के हाथ में न कर देता; तो यह क्योंकर हो सकता कि उनके हजार का पीछा एक मनुष्य करता, और उनके दस हजार को दो मनुष्य भगा देते?

30. How could one have chased a thousand, and two put ten thousand to flight, except their Rock had sold them, and the Lord had delivered them up?

31. क्योंकि जैसी हमारी चट्टान है वैसी उनकी चट्टान नहीं है, चाहे हमारे शत्रु ही क्यों न न्यायी हों।।

31. For their rock is not like our Rock, even our enemies themselves judge this.

32. क्योंकि उनकी दाखलता सदोम की दाखलता से निकली, और अमोरा की दाख की बारियों में की है; उनकी दाख विषभरी और उनके गुच्छे कड़वे हैं;

32. For their vine comes from the vine of Sodom and from the fields of Gomorrah; their grapes are grapes of [poisonous] gall, their clusters are bitter.

33. उनका दाखमधु सांपों का सा विष और काले नागों का सा हलाहल है।।

33. Their wine is the [furious] venom of serpents, and the pitiless poison of vipers.

34. क्या यह बात मेरे मन में संचित, और मेरे भण्डारों में मुहरबन्द नहीं है?

34. Is not this laid up in store with Me, sealed up in My treasuries?

35. पलटा लेना और बदला देना मेरा ही काम है, यह उनके पांव फिसलने के समय प्रगट होगा; क्योंकि उनकी विपत्ति का दिन निकट है, और जो दुख उन पर पड़नेवाले है वे शीघ्र आ रहे हैं।।
लूका 21:22, रोमियों 12:19, इब्रानियों 10:30

35. Vengeance is Mine, and recompense, in the time when their foot shall slide; for the day of their disaster is at hand and their doom comes speedily.

36. क्योंकि जब यहोवा देखेगा कि मेरी प्रजा की शक्ति जाती रही, और क्या बन्धुआ और क्या स्वाधीन, उन में कोई बचा नहीं रहा, तब यहोवा अपने लोगों का न्याय करेगा, और अपने दासों के विषय में तरस खाएगा।।
इब्रानियों 10:30

36. For the Lord will revoke sentence for His people and relent for His servants' sake when He sees that their power is gone and none remains, whether bond or free.

37. तब वह कहेगा, उनके देवता कहां हैं, अर्थात वह चट्टान कहां जिस पर उनका भरोसा था,

37. And He will say, Where are their gods, the rock in which they took refuge,

38. जो उनके बलिदानों की चर्बी खाते, और उनके तपावनों का दाखमधु पीते थे? वे ही उठकर तुम्हारी सहायता करें, और तुम्हारी आड़ हों!

38. Who ate the fat of their sacrifices and drank the wine of their drink offering? Let them rise up and help you, let them be your protection!

39. इसलिये अब तुम देख लो कि मैं ही वह हूं, और मेरे संग कोई देवता नहीं; मैं ही मार डालता, और मैं जिलाता भी हूं; मैं ही घायल करता, और मैं ही चंगा भी करता हूं; और मेरे हाथ से कोई नहीं छुड़ा सकता।।

39. See now that I, I am He, and there is no god beside Me; I kill and I make alive, I wound and I heal, and there is none who can deliver out of My hand.

40. क्योंकि मैं अपना हाथ स्वर्ग की ओर उठाकर कहता हूं, क्योंकि मैं अनन्त काल के लिये जीवित हूं,
प्रकाशितवाक्य 10:5-6

40. For I lift up My hand to heaven and swear, As I live forever,

41. सो यदि मैं बिजली की तलवार पर सान धरकर झलकाऊं, और न्याय को अपने हाथ में ले लूं, तो अपने द्रोहियों से बदला लूंगा, और अपने बैरियों को बदला दूंगा।।

41. If I whet My lightning sword and My hand takes hold on judgment, I will wreak vengeance on My foes and recompense those who hate Me.

42. मैं अपने तीरों को लोहू से मतवाला करूंगा, और मेरी तलवार मांस खाएगी वह लोहू, मारे हुओं और बन्धुओं का, और वह मांस, शत्रुओं के प्रधानों के शीश का होगा।।

42. I will make My arrows drunk with blood, and My sword shall devour flesh, with the blood of the slain and the captives, from the long-haired heads of the foe.

43. हे अन्यजातियों, उसकी प्रजा के साथ आनन्द मनाओ; क्योंकि वह अपने दासों के लोहू का पलटा लेगा, और अपने द्रोहियों को बदला देगा, और अपने देश और अपनी प्रजा के पाप के लिये प्रायश्चित देगा।
रोमियों 15:10, इब्रानियों 1:6, प्रकाशितवाक्य 6:10, प्रकाशितवाक्य 18:20, प्रकाशितवाक्य 19:2

43. Rejoice [with] His people, O you nations, for He avenges the blood of His servants, and vengeance He inflicts on His foes and clears guilt from the land of His people.

44. इस गीत के सब वचन मूसा ने नून के पुत्रा होशे समेत आकर लोगों को सुनाए।

44. And Moses came and spoke all the words of this song in the ears of the people, he and Hoshea (Joshua) son of Nun.

45. जब मूसा ये सब वचन सब इस्राएलियों से कह चुका,

45. And when Moses had finished speaking all these words to all Israel,

46. तब उस ने उन से कहा कि जितनी बातें मैं आज तुम से चिताकर कहता हूं उन सब पर अपना अपाना मन लगाओ, और उनके अर्थात् इस व्यवस्था की सारी बातों के मानने में चौकसी करने की आज्ञा अपने लड़केबालों को दो।

46. He said to them, Set your [minds and] hearts on all the words which I command you this day, that you may command them to your children, that they may be watchful to do all the words of this law.

47. क्योंकि यह तुम्हारे लिये व्यर्थ काम नहीं, परन्तु तुम्हारा जीवन ही है, और ऐसा करने से उस देश में तुम्हारी आयु के दिन बहुत होंगे, जिसके अधिकारी होने को तुम यरदन पार जा रहे हो।।

47. For it is not an empty and worthless trifle for you; it is your [very] life. By it you shall live long in the land which you are going over the Jordan to possess.

48. फिर उसी दिन यहोवा ने मूसा से कहा,

48. And the Lord said to Moses that same day,

49. उस अबारीम पहाड़ की नबो नाम चोटी पर, जो मोआब देश में यरीहो के साम्हने है, चढ़कर कनान देश जिसे मैं इस्राएलियों की निज भूमि कर देता हूं उसको देख ले।
प्रेरितों के काम 7:5-45

49. Get up into this mountain of the Abarim, Mount Nebo, which is in the land of Moab, opposite Jericho, and look at the land of Canaan which I give to the Israelites for a possession.

50. तब जैसा तेरा भाई हारून होर पहाड़ पर मरकर अपने लोगों में मिल गया, वैसा ही तू इस पहाड़ पर चढ़कर मर जाएगा, और अपने लोगों में मिल जाएगा।

50. And die on the mountain which you ascend and be gathered to your people, as Aaron your brother died on Mount Hor and was gathered to his people,

51. इसका कारण यह है, कि सीन जंगल में, कादेश के मरीबा नाम सोते पर, तुम दोनों ने मेरा अपराध किया, क्योंकि तुम ने इस्राएलियों के मध्य में मुझे पवित्रा न ठहराया।

51. Because you broke faith with Me in the midst of the Israelites at the waters of Meribah-kadesh in the Wilderness of Zin and because you did not set Me apart as holy in the midst of the Israelites.

52. इसलिये वह देश जो मैं इस्राएलियों को देता हूं, तू अपने साम्हने देख लेगा, परन्तु वहां जाने न पाएगा।।

52. For you shall see the land opposite you at a distance, but you shall not go there, into the land which I give the Israelites.



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