51. और वे तेरे पशुओं के बच्चे और भूमि की उपज यहां तक खा जांएगे कि तू नष्ट हो जाएगा; और वे तेरे लिये न अन्न, और न नया दाखमधु, और न टटका तेल, और न बछड़े, न मेम्ने छोड़ेंगे, यहां तक कि तू नाश हो जाएगा।
51. And he shall eat the fruit of thy cattle, and the fruit of thy land, until thou art destroyed: which [also] shall not leave thee [either] grain, wine, or oil, [or] the increase of thy cattle, or flocks of thy sheep, until he hath destroyed thee.