17. फिर अपने अन्न, वा नये दाखमधु, वा टटके तेल का दशमांश, और अपने गाय- बैलों वा भेड़- बकरियों के पहिलौठे, और अपनी मन्नतों की कोई वस्तु, और अपने स्वेच्छाबलि, और उठाई हुई भेंटें अपने सब फाटकों के भीतर न खाना;
17. Thou mayest not eat within thy gates, the tithe of thy corn or of thy new wine or of thine oil, or the firstlings of thy herd, or of thy flock, nor any of thy vow-offerings which thou shalt vow, nor thy freewill, offerings, nor the heave-offering of thy hand;