10. देखो, जिस देश के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो वह मि देश के समान नहीं है, जहां से निकलकर आए हो, जहां तुम बीज बोते थे और हरे साग के खेत की रीति के अनुसार अपने पांव की नलियां बनाकर सींचते थे;
10. For the land, which thou goest to possess, is not like the land of Egypt, from whence thou camest out, where, when the seed is sown, waters are brought in to water it after the manner of gardens.