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1. सो मैं जो प्रभु में बन्धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो।
1. I therefore, being prisoner in the Lord, praie you that yee walke worthie of the vocation whereunto yee are called,
2. अर्थात् सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे को सह लो।
2. With all humblenesse of minde, and meekenesse, with long suffering, supporting one an other through loue,
3. और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्न करो।
3. Endeuouring to keepe the vnitie of the Spirit in the bond of peace.
4. एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है।
4. There is one body, and one Spirit, euen as yee are called in one hope of your vocation.
5. एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा।
5. There is one Lord, one Faith, one Baptisme,
6. और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में, और सब में है।
6. One God and Father of all, which is aboue all, and through all, and in you all.
7. पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है।
7. But vnto euery one of vs is giuen grace, according to the measure of the gift of Christ.
8. इसलिये वह कहता है, कि वह ऊंचे पर चढ़ा, और बन्धुवाई को बान्ध ले गया, और मनुष्यों को दान दिए।भजन संहिता 68:18
8. Wherfore he saith, Whe he asceded vp on hie, he led captiuity captiue, and gaue gifts vnto men.
9. (उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह, कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था।भजन संहिता 47:5
9. (Nowe, in that hee ascended, what is it but that he had also descended first into the lowest partes of the earth?
10. और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश के ऊपर चढ़ भी गया, कि सब कुछ परिपूर्ण करे)।
10. Hee that descended, is euen the same that ascended, farre aboue all heauens, that hee might fill all things)
11. और उस ने कितनों को भविष्यद्वकता नियुक्त करके, और कितनों को सुसमाचार सुनानेवाले नियुक्त करके, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त करके दे दिया।
11. Hee therefore gaue some to be Apostles, and some Prophets, and some Euangelists, and some Pastours, and Teachers,
12. जिस से पवित्रा लोग सिद्ध जो जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए।
12. For the repairing of the Saintes, for the woorke of the ministerie, and for the edification of the bodie of Christ,
13. जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्रा की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं।
13. Till we all meete together (in the vnitie of faith and that acknowledging of the Sonne of God) vnto a perfite man, and vnto the measure of the age of the fulnesse of Christ,
14. ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग- विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर- उधर घुमाए जाते हों।
14. That we henceforth be no more children, wauering and caried about with euery winde of doctrine, by the deceit of men, and with craftines, whereby they lay in wait to deceiue.
15. बरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जा सिर है, अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएं।
15. But let vs folowe the truth in loue, and in all things, grow vp into him, which is the head, that is, Christ.
16. जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में हाता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।।
16. By whome al the body being coupled and knit together by euery ioynt, for ye furniture therof (according to the effectual power, which is in the measure of euery part) receiueth increase of the body, vnto the edifying of itselfe in loue.
17. इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अपने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो।
17. This I say therefore and testifie in the Lord, that yee hencefoorth walke not as other Gentiles walke, in vanitie of their minde,
18. क्योंकि उनकी बुद्धि अन्धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।
18. Hauing their vnderstanding darkened, and being strangers from the life of God through the ignorance that is in them, because of the hardnesse of their heart:
19. और वे सुन्न होकर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्दे काम लालसा से किया करें।
19. Which being past feeling, haue giuen themselues vnto wantonnesse, to woorke all vncleannesse, euen with griedinesse.
20. पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई।
20. But yee haue not so learned Christ,
21. बरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु मे सत्य है, उसी में सिखाए भी गए।
21. If so be yee haue heard him, and haue bene taught by him, as the trueth is in Iesus,
22. कि तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमानेवाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, उतार डालो।
22. That is, that yee cast off, concerning the conuersation in time past, that olde man, which is corrupt through the deceiueable lustes,
23. और अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते जाओ।
23. And be renued in the spirit of your minde,
24. और नये मनुष्यत्व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धार्मिकता, और पवित्राता में सृजा गया है।।उत्पत्ति 1:26
24. And put on ye new man, which after God is created vnto righteousnes, and true holines.
25. इस कारण झूठ बोलना छोड़कर हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले, क्योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं।जकर्याह 8:16
25. Wherefore cast off lying, and speake euery man truth vnto his neighbour: for we are members one of another.
26. क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे।भजन संहिता 4:4
26. Bee angrie, but sinne not: let not the sunne goe downe vpon your wrath,
27. और न शैतान को अवसर दो।
27. Neither giue place to the deuill.
28. चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; बरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।
28. Let him that stole, steale no more: but let him rather labour, and worke with his handes the thing which is good, that hee may haue to giue vnto him that needeth.
29. कोई गन्दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुननेवालों पर अनुग्रह हो।
29. Let no corrupt comunication proceed out of your mouths: but that which is good, to ye vse of edifying, that it may minister grace vnto the hearers.
30. और परमेश्वर के पवित्रा आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है।यशायाह 63:10
30. And grieue not the holy Spirit of God, by whom ye are sealed vnto ye day of redemption.
31. सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।
31. Let all bitternesse, and anger, and wrath, crying, and euill speaking be put away from you, with all maliciousnesse.
32. और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।।
32. Be ye courteous one to another, and tender hearted, freely forgiuing one another, euen as God for Christes sake, freely forgaue you.