4. परन्तु हर बात में परमेश्वर के सेवकों की नाई अपने सद्गुणों को प्रगट करते हैं, बड़े धैर्य से, क्लेशों से, दरिद्रता से, संकटो से।
4. but in everything commending ourselves, as ministers of God, in much patience, in afflictions, in necessities, in distresses,