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1. यदि तुम मेरी थोड़ी मूर्खता सह लेते तो क्या ही भला होता; हां, मेरी सह भी लेते हो।
1. Would to God you could bear with some little of my folly: but do bear with me.
2. क्योंकि मैं तुम्हारे विषय मे ईश्वरीय धुन लगाए रहता हूं, इसलिये कि मैं ने एक ही पुरूष से तुम्हारी बात लगाई है, कि तुम्हें पवित्रा कुंवारी की नाई मसीह को सौंप दूं।
2. For I am jealous of you with the jealousy of God. For I have espoused you to one husband that I may present you as a chaste virgin to Christ.
3. परन्तु मैं डरता हूं कि जैसे सांप ने अपनी चतुराई से हव्वा को बहकाया, वैसे ही तुम्हारे मन उस सीधाई और पवित्राता से जो मसीह के साथ होनी चाहिए कहीं भ्रष्ट न किए जाएं।उत्पत्ति 3:13
3. But I fear lest, as the serpent seduced Eve by his subtilty, so your minds should be corrupted, and fall from the simplicity that is in Christ.
4. यदि कोई तुम्हारे पास आकर, किसी दूसरे यीशु को प्रचार करे, जिस का प्रचार हम ने नहीं किया: या कोई और आत्मा तुम्हें मिले; जो पहिले न मिला था; या और कोई सुसमाचार जिसे तुम ने पहिले न माना था, तो तुम्हारा सहना ठीक होता।
4. For if he that cometh preacheth another Christ, whom we have not preached; or if you receive another Spirit, whom you have not received; or another gospel which you have not received; you might well bear with him.
5. मैं तो समझता हमं, कि मैं किसी बात में बड़े से बड़े प्रेरितों से कम नहीं हूं।
5. For I suppose that I have done nothing less than the great apostles.
6. यदि मैं व्क्तवय में अनाड़ी हूं, तौभी ज्ञान में नहीं; बरन हम ने इस को हर बात में सब पर तुम्हारे लिये प्रगट किया है।
6. For although I be rude in speech, yet not in knowledge; but in all things we have been made manifest to you.
7. क्या इस में मैं ने कुछ पाप किया; कि मैं ने तुम्हें परमेश्वर का सुसमाचार सेंत मेंत सुनाया; और अपने आप को नीचा किया, कि तुम ऊंचे हो जाओ?
7. Or did I commit a fault, humbling myself, that you might be exalted? Because I preached unto you the gospel of God freely?
8. मैं ने और कलीसियाओं को लूटा अर्थात् मैं ने उन से मजदूरी ली, ताकि तुम्हारी सेवा करूं।
8. I have taken from other churches, receiving wages of them for your ministry.
9. ओर जब तुम्हारे साथ था, और मुझे घटी हुई, तो मैं ने किसी पर भार नहीं दिया, क्योंकि भाइयों ने, मकिदुनिया से आकर मेरी घटी को परी की: और मैं ने हर बात में अपने आप को तुम पर भार होने से रोका, और रोके रहूंगा।
9. And, when I was present with you, and wanted, I was chargeable to no man: for that which was wanting to me, the brethren supplied who came from Macedonia; and in all things I have kept myself from being burthensome to you, and so I will keep myself.
10. यदि मसीह की सच्चाई मुझ में है, तो अखया देश में कोई मुझे इस घमण्ड से न रोकेगा।
10. The truth of Christ is in me, that this glorying shall not be broken off in me in the regions of Achaia.
11. किस लिये? क्या इसलिये कि मैं तुम से प्रेम नहीं रखता? परमेश्वर यह जानता है।
11. Wherefore? Because I love you not? God knoweth it.
12. परन्तु जो मैं करता हूं, वही करता रहूंगा; कि जो लोग दांव ढूंढ़ते हैं, उन्हें मैं दांव पाने दूं, ताकि जिस बात में वे घमण्ड करते हैं, उस में वे हमारे ही समान ठहरें।
12. But what I do, that I will do, that I may cut off the occasion from them that desire occasion, that wherein they glory, they may be found even as we.
13. क्योंकि ऐसे लोग झूठे प्रेरित, और छल से काम करनेवाले, और मसीह के प्रेरितों का रूप धरनेवाले हैं।
13. For such false apostles are deceitful workmen, transforming themselves into the apostles of Christ.
14. और यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्योंकि शैतान आप भी ज्योतिमर्य स्वर्गदूत का रूप धारण करता है।
14. And no wonder: for Satan himself transformeth himself into an angel of light.
15. सो यदि उसके सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धरें, तो कुछ बड़ी बात नहीं परन्तु उन का अन्त उन के कामों के अनुसार होगा।
15. Therefore it is no great thing if his ministers be transformed as the ministers of justice, whose end shall be according to their works.
16. मैं फिर कहता हूं, कोई मुझे मूर्ख न समझे; नहीं तो मूर्ख ही समझकर मेरी सह लो, ताकि थोड़ा सा मैं भी घमण्ड करूं।
16. I say again, (let no man think me to be foolish, otherwise take me as one foolish, that I also may glory a little.)
17. इस बेधड़क घमण्ड से बोलने में जो कुछ मैं कहता हूं वह प्रभू की आज्ञा के अनुसार नहीं पर मानों मूर्खता से ही कहता हूं।
17. That which I speak, I speak not according to God, but as it were in foolishness, in this matter of glorying.
18. जब कि बहुत लोग शरीर के अनुसार घमण्ड करते हैं, तो मैं भी घमण्ड करूंगा।
18. Seeing that many glory according to the flesh, I will glory also.
19. तुम तो समझदार होकर आनन्द से मूर्खों की सह लेते हो।
19. For you gladly suffer the foolish; whereas yourselves are wise.
20. क्योंकि जब तुम्हें कोई दास बना लेता है, या खा जाता है, या फसा लेता है, या अपने आप को बड़ा बनाता है, या तुम्हारे मुंह पर थप्पड़ मारता है, तो तुम सह लेते हो।
20. For you suffer if a man bring you into bondage, if a man devour you, if a man take from you, if a man be lifted up, if a man strike you on the face.
21. मेरा कहता अनादर की रीति पर है, मानो कि हम निर्बल से थे; परन्तु जिस किसी बात में कोई हियाव करता है (मैं मूर्खता से कहता हूं) तो मैं भी हियाव करता हूं।
21. I speak according to dishonour, as if we had been weak in this part. Wherein if any man dare (I speak foolishly), I dare also.
22. क्या वे ही इब्रानी हैं? मैं भी हूं: क्या वे ही इब्राहीम के वंश के हैं? मैं भी हूं: क्या वे ही मसीह के सेवक हैं?
22. They are Hebrews: so am I. They are Israelites: so am I. They are the seed of Abraham: so am I.
23. (मैं पागल की नाई कहता हूं) मैं उन से बढ़कर हूं! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाते में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में।
23. They are the ministers of Christ (I speak as one less wise). I am more; in many more labours, in prisons more frequently, in stripes above measure, in deaths often.
24. पांच बार मैं ने यहूदियों के हाथ से उन्तालीस उन्तालीस कोड़े खाए।
24. Of the Jews five times did I receive forty stripes, save one.
25. तीन बार मैं ने बेंतेें खाई; एक बार पत्थरवाह किया गया; तीन बार जहाज जिन पर मैं चढ़ा था, टूट गए; एक राज दिन मैं ने समुद्र में काटा।
25. Thrice was I beaten with rods, once I was stoned, thrice I suffered shipwreck, a night and a day I was in the depth of the sea.
26. मैं बार बार यात्राओं में; नदियों के जोखिमों में; डाकुओं के जोखिमों में; अपने जातिवालों से जोखिमों में; अन्यजातियों से जोखिमों में; नगरों में के जाखिमों में; जंगल के जोखिमों में; समुद्र के जाखिमों में; झूठे भाइयों के बीच जोखिमों में;
26. In journeying often, in perils of waters, in perils of robbers, in perils from my own nation, in perils from the Gentiles, in perils in the city, in perils in the wilderness, in perils in the sea, in perils from false brethren.
27. परिश्रम और कष्ट में; बार बार जागते रहने में; भूख- पियास में; बार बार उपवास करते में; जाड़े में; उघाड़े रहने में।
27. In labour and painfulness, in much watchings, in hunger and thirst, in fastings often, in cold and nakedness.
28. और और बातों को छोड़कर जिन का वर्णन मैं नहीं करता सब कलीसियाओं की चिन्ता प्रतिदिन मुझे दबाती है।
28. Besides those things which are without: my daily instance, the solicitude for all the churches.
29. किस की निर्बलता से मैं निर्बल नहीं होता? किस के ठोकर खाने से मेरा जी नहीं दुखता?
29. Who is weak, and I am not weak? Who is scandalized, and I am not on fire?
30. यदि घमण्उ करना अवश्य है, तो मैं अपनी निर्बलता की बातों पर करूंगा।
30. If I must needs glory, I will glory of the things that concern my infirmity.
31. प्रभु यीशु का परमेश्वर और पिता जो सदा धन्य है, जानता है, कि मैं झूठ नहीं बोलता।
31. The God and Father of our Lord Jesus Christ, who is blessed for ever, knoweth that I lie not.
32. दमिश्क में अरितास राजा की ओर से जो हाकिम था, उस ने मेरे पकड़ने को दमिस्त्रििकशयों के नगर पर पहरा बैठा रखा था।
32. At Damascus, the governor of the nation under Aretas the king, guarded the city of the Damascenes, to apprehend me.
33. और मैं टोकरे में खिड़की से होकर भीत पर से उतारा गया, और उसके हाथ से बच निकला।।
33. And through a window in a basket was I let down by the wall, and so escaped his hands.