10. क्योंकि यदि कोई तुझ ज्ञानी को मूरत के मन्दिर में भोजन करते देखे, और वह निर्बल जन हो, तो क्या उसके विवेक में मूरत के साम्हने बलि की हुई वस्तु के खाने का हियाव न हो जाएगा।
10. For if ony man schal se hym, that hath kunnyng, etynge in a place where idols ben worschipid, whethir his conscience, sithen it is sijke, schal not be edified to ete thingis offrid to idols?