1 Corinthians - 1 कुरिन्थियों 6 | View All

1. क्या तुम में से किसी को यह हियाव है, कि जब दूसरे के साथ झगड़ा हो, तो फैसले के लिये अधिर्मियों के पास जाए; और पवित्रा लागों के पास न जाए?

1. তোমাদের মধ্যে কি কাহারও সাহস হয় যে, আর এক জনের বিরুদ্ধে কোন কথা থাকিলে তাহার বিচার পবিত্রগণের কাছে লইয়া না গিয়া অধার্ম্মিকদের কাছে লইয়া যায়?

2. क्या तुम नहीं जानते, कि पवित्रा लोग जगत का न्याय करेंगे? सो जब तुम्हें जगत का न्याय करना हे, तो क्या तुम छोटे से छोटे झगड़ों का भी निर्णय करने के योग्य नहीं?
दानिय्येल 7:22

2. অথবা তোমরা কি জান না যে, পবিত্রগণ জগতের বিচার করিবেন? আর জগতের বিচার যদি তোমাদের দ্বারা হয়, তবে তোমরা কি যৎসামান্য বিষয়ের বিচার করিবার অযোগ্য?

3. क्या तुम नहीं जानते, कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे? तो क्या सांसारिक बातों का निर्णय करना हो, तो क्या उन्हीं को बैठाओगे जो कलीसिया में कुछ नहीं समझे जाते हैं?

3. তোমরা কি জান না যে, আমরা দূতগণের বিচার করিব? ইহজীবন সংক্রান্ত বিষয় ত সামান্য কথা।

4. सो यदि तुम्हें सांसारिक बातों का निर्णय करना हो, तो क्या उन्हीं को बैठाओगे जो कलीसिया में कुछ नहीं समझे जाते हैं?

4. অতএব তোমাদের দ্বারা যদি ইহজীবন সংক্রান্ত বিষয়ের বিচার হয়, তবে মণ্ডলীতে যাহারা কিছুরই মধ্যে গণ্য নয়, তাহাদিগকেই কি বিচারে বসাইয়া থাক?

5. मैं तुम्हें लज्जित करने के लिये यह कहता हूं: क्या सचमुच तुम में से एक भी बुद्धिमान नहीं मिलता, जो अपने भाइयों का निर्णय कर सके?

5. আমি তোমাদের লজ্জার নিমিত্ত এই কথা কহিতেছি। এ কেমন? তোমাদের মধ্যে কি এমন জ্ঞানবান্‌ এক জনও নাই যে, ভ্রাতায় ভ্রাতায় বিবাদ হইলে তাহার নিষ্পত্তি করিয়া দিতে পারে?

6. बरन भाई भाई में मुक मा होता है, और वह भी अविश्वासियों के साम्हने।

6. কিন্তু ভ্রাতার সহিত ভ্রাতা বিচার-স্থানে বিবাদ করে, তাহা আবার অবিশ্বাসীদের কাছে।

7. परन्तु सचमुच तुम में बड़ा दोष तो यह है, कि आपस में मुक मा करते हो: बरन अन्याय क्यों नहीं सहते? अपनी हानि क्यों नहीं सहते?

7. তোমরা যে পরস্পরের বিরুদ্ধে বিচার চাও, ইহাতে তোমাদের বিশেষ ক্ষতি হইতেছে। বরং অন্যায় সহ্য কর না কেন? বরং বঞ্চিত হও না কেন?

8. बरन अन्याय करते और हानि पहुंचाते हो, और वह भी भाइयों को।

8. কিন্তু তোমরাই অন্যায় করিতেছ, বঞ্চনা করিতেছ, আর তাহা ভ্রাতৃগণের প্রতিই করিতেছ।

9. क्या तुम नहीं जानते, कि अन्यायी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे? धोखा न खाओ, न वेश्यागामी, न मूत्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न लुच्चे, न पुरूषगामी।

9. অথবা তোমরা কি জান না যে, অধার্ম্মিকেরা ঈশ্বরের রাজ্যে অধিকার পাইবে না? ভ্রান্ত হইও না;

10. न चोर, न लोभी, न पियक्कड़, न गाली देनेवाले, न अन्धेर करनेवाले परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे।

10. যাহারা ব্যভিচারী কি প্রতিমাপূজক কি পারদারিক কি স্ত্রীবৎ আচারী কি পুঙ্গামী কি চোর কি লোভী কি মাতাল কি কটুভাষী কি পরধনগ্রাহী, তাহারা ঈশ্বরের রাজ্যে অধিকার পাইবে না।

11. और तुम में से कितने ऐसे ही थे, परन्तु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्वर के आत्मा से धोए गए, और पवित्रा हुए और धर्मी ठहरे।।

11. আর তোমরা কেহ কেহ সেই প্রকার লোক ছিলে; কিন্তু তোমরা প্রভু যীশু খ্রীষ্টের নামে ও আমাদের ঈশ্বরের আত্মায় আপনাদিগকে ধৌত করিয়াছ, পবিত্রীকৃত হইয়াছ, ধার্ম্মিক গণিত হইয়াছ।

12. सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएं लाभ की नहीं, सब वस्तुएं मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के आधीन न हूंगा।

12. সকলই আমার পক্ষে বিধেয়, কিন্তু সকলই যে হিতজনক, তাহা নয়; সকলই আমার পক্ষে বিধেয়, কিন্তু আমি কিছুরই কর্ত্তৃত্বাধীন হইব না।

13. भोजन पेट के लिये, और पेट भोजन के लिये है, परन्तु परमेश्वर इस को और उस को दोनों को नाश करेगा, परन्तु देह व्यभिचार के लिये नहीं, बरन प्रभु के लिये; और प्रभु देह के लिये है।

13. খাদ্য উদরের নিমিত্ত, এবং উদর খাদ্যের নিমিত্ত, কিন্তু ঈশ্বর উভয়ের লোপ করিবেন। দেহ ব্যভিচারের নিমিত্ত নয়, কিন্তু প্রভুর নিমিত্ত, এবং প্রভু দেহের নিমিত্ত।

14. और परमेश्वर ने अपनी सामर्थ से प्रभु को जिलाया, और हमें भी जिलाएगा।

14. আর ঈশ্বর আপন পরাক্রমের দ্বারা প্রভুকে উঠাইয়াছেন, আমাদিগকেও উঠাইবেন।

15. क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? सो क्या मैं मसीह के अंग लेकर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊं? कदापि नहीं।

15. তোমরা কি জান না যে, তোমাদের দেহ খ্রীষ্টের অঙ্গ? তবে আমি কি খ্রীষ্টের অঙ্গ লইয়া গিয়া বেশ্যার অঙ্গ করিব? তাহা দূরে থাকুক।

16. क्या तुम नहीं जानते, कि जो कोई वेश्या से संगति करता है, वह उसके साथ एक तन हो जाता है क्योंकि वह कहता है, कि वे दोनों एक तन होंगे।
उत्पत्ति 2:24

16. অথবা তোমরা কি জান না, যে ব্যক্তি বেশ্যাতে সংযুক্ত হয়, সে তাহার সহিত এক দেহ হয়? কারণ তিনি বলেন, “সে দুই জন একাঙ্গ হইবে।”

17. और जो प्रभु की संगति में रहता है, वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है।

17. কিন্তু যে ব্যক্তি প্রভুতে সংযুক্ত হয়, সে তাঁহার সহিত একাত্মা হয়।

18. व्यभिचार से बचे रहो: जितने और पाप मनुष्य करता है, वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करनेवाला अपनी ही देह के विरूद्ध पाप करता है।
यिर्मयाह 31:9

18. তোমরা ব্যভিচার হইতে পলায়ন কর। মনুষ্য অন্য যে কোন পাপ করে, তাহা তাহার দেহের বহির্ভূত; কিন্তু যে ব্যভিচার করে, সে নিজ দেহের বিরুদ্ধে পাপ করে।

19. क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो?

19. অথবা তোমরা কি জান যে, তোমাদের দেহ পবিত্র আত্মার মন্দির, যিনি তোমাদের অন্তরে থাকেন, যাঁহাকে তোমরা ঈশ্বর হইতে প্রাপ্ত হইয়াছ?

20. कयोंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिये अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो।।

20. আর তোমরা নিজের নও, কারণ মূল্য দ্বারা ক্রীত হইয়াছ। অতএব তোমাদের দেহে ঈশ্বরের গৌরব কর।



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