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1. मैं मसीह में सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्रा आत्मा में गवाही देता है।
1. I tell the truth in Christ, I do not lie, my conscience also bearing me witness in the Holy Spirit,
2. कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है।
2. that I have great heaviness and continual pain in my heart.
3. क्योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता।निर्गमन 32:32
3. For I myself was wishing to be accursed from Christ for my brothers, my kinsmen according to the flesh,
4. वे इस्त्राएली हैं; और लेपालकपन का हक्क और महिमा और वाचाएं और व्यवस्था और उपासना और प्रतिज्ञाएं उन्हीं की हैं।निर्गमन 4:22, व्यवस्थाविवरण 7:6, व्यवस्थाविवरण 14:1-2
4. who are Israelites; to whom belong the adoption, and the glory, and the covenants, and the giving of the Law, and the service of God, and the promises;
5. पुरखे भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन।भजन संहिता 41:13
5. whose are the fathers, and of whom is the Christ according to flesh, He being God over all, blessed forever. Amen.
6. परन्तु यह नहीं, कि परमेश्वर का वचन टल गया, इसलिये कि जो इस्त्राएल के वंश हैं, वे सब इस्त्राएली नहीं।गिनती 23:19
6. Not however that the Word of God has failed, for not all those of Israel are Israel;
7. और न इब्राहीम के वंश होने के कारण सब उस की सन्तान ठहरे, परन्तु (लिखा है) कि इसहाक ही से तेरा वंश कहलाएगा।उत्पत्ति 21:12
7. nor because they are the seed of Abraham are they all children. But, 'In Isaac shall your Seed be called.'
8. अर्थात् शरीर की सन्तान परमेश्वर की सन्तान नहीं, परन्तु प्रतिज्ञा के सन्तान वंश गिने जाते हैं।
8. That is, not the children of the flesh are children of God; but the children of the promise are counted for a seed.
9. क्योंकि प्रतिज्ञा का वचन यह है, कि मैं इस समय के अनुसार आऊंगा, और सारा के पुत्रा होगा।उत्पत्ति 18:10, उत्पत्ति 18:14
9. For this is the word of promise: 'At this time I will come and Sarah shall have a son.'
10. और केवल यही नहीं, परन्तु जब रिबका भी एक से अर्थात् हमारे पिता इसहाक से गर्भवती थी।उत्पत्ति 25:21
10. And not only this, but when Rebekah also had conceived by one, by our father Isaac
11. और अभी तक न तो बालक जन्मे थे, और न उन्हों ने कुछ भला या बुरा किया था कि उस ने कहा, कि जेठा छुटके का दास होगा।
11. (for the children had not yet been born, neither had done any good or evil; but that the purpose of God according to election might stand, not of works but of Him who called,)
12. इसलिये कि परमेश्वर की मनसा जो उसके चुन लेने के अनुसार है, कर्मों के कारण नहीं, परन्तु बुलानेवाले पर बनी रहे।उत्पत्ति 25:23
12. it was said to her, 'The elder shall serve the younger.'
13. जैसा लिखा है, कि मैं ने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसौ को अप्रिय जाना।।मलाकी 1:2-3
13. As it is written, 'Jacob have I loved, but Esau have I hated.'
14. सो हम क्या कहें? क्या परमेश्वर के यहां अन्याय है? कदापि नहीं!व्यवस्थाविवरण 32:4
14. What shall we say then? Is there not unrighteousness with God? Let it not be!
15. क्योंकि वह मूसा से कहता है, मैं जिस किसी पर दया करना चाहूं, उस पर दया करूंगा, और जिस किसी पर कृपा करना चाहूं उसी पर कृपा करूंगा।निर्गमन 33:19
15. For He said to Moses, 'I will have mercy on whom I will have mercy, and I will have compassion on whom I will have compassion.'
16. सो यह न तो चाहनेवाले की, न दौड़नेवाले की परन्तु दया करनेवाले परमेश्वर की बात है।
16. So then it is not of the one willing, nor of the one running, but of God, the One showing mercy.
17. क्योंकि पवित्रा शास्त्रा में फिरौन से कहा गया, कि मैं ने तुझे इसी लिये खड़ा किया है, कि तुझ में अपनी सामर्थ दिखाऊं, और मेरे नाम का प्रचार सारी पृथ्वी पर हो।
17. For the Scripture says to Pharaoh, 'Even for this same purpose I have raised you up, that I might show My power in you, and that My name might be declared throughout all the earth.'
18. सो वह जिस पर चाहता है, उस पर दया करता है; और जिसे चाहता है, उसे कठोर कर देता है।निर्गमन 4:21, निर्गमन 7:3, निर्गमन 9:12, निर्गमन 14:4, निर्गमन 14:17
18. Therefore He has mercy on whom He will have mercy, and whom He will, He hardens.
19. सो तू मुझ से कहेगा, वह फिर क्यों दोष लगाता है? कौन उस की इच्छा का साम्हना करता हैं?
19. You will then say to me, Why does He yet find fault? For who has resisted His will?
20. हे मनुष्य, भला तू कौन है, जो परमेश्वर का साम्हना करता है? क्या गढ़ी हुई वस्तु गढ़नेवाले से कह सकती है कि तू ने मुझे ऐसा क्यों बनाया है?यशायाह 29:16, यशायाह 45:9
20. No, but, O man, who are you who replies against God? Shall the thing formed say to Him who formed it, Why have you made me this way?
21. क्या कुम्हार को मिट्टी पर अधिकार नहीं, कि एक ही लौंदे मे से, एक बरतन आदर के लिये, और दूसरे को अनादर के लिये बनाए? तो इस में कौन सी अचम्भे की बात है?यिर्मयाह 18:6, यशायाह 29:16, यशायाह 45:9
21. Does not the potter have power over the clay, from the same lump to make one vessel to honor and another to dishonor?
22. कि परमेश्वर ने अपना क्रोध दिखाने और अपनी सामर्थ प्रगट करने की इच्छा से क्रोध के बरतनों की, जो विनाश के लिये तैयार किए गए थे बड़े धीरज से सही।यशायाह 54:16, यिर्मयाह 50:25
22. What if God, willing to show His wrath and to make His power known, endured with much long-suffering the vessels of wrath fitted to destruction;
23. और दया के बरतनों पर जिन्हें उस ने महिमा के लिये पहिले से तैयार किया, अपने महिमा के धन को प्रगट करने की इच्छा की?
23. and that He might make known the riches of His glory on the vessels of mercy which He had before prepared to glory;
24. अर्थात् हम पर जिन्हें उस ने न केवल यहूदियों में से बरन अन्यजातियों में से भी बुलाया।
24. whom He also called, not only us, of Jews, but also of the nations?
25. जैसा वह होशे की पुस्तक में भी कहता है, कि जो मेरी प्रजा न थी, उन्हें मैं अपनी प्रजा कहूंगा, और जो प्रिया न थी, उसे प्रिया कहूंगा।होशे 2:23
25. As He also says in Hosea, 'I will call those not My people, My people; and those not beloved, Beloved.'
26. और ऐसा होगा कि जिस जगह में उन से यह कहा गया था, कि तुम मेरी प्रजा नहीं हो, उसी जगह वे जीवते परमेश्वर की सन्तान कहलाएंगे।होशे 1:10
26. And it shall be, in the place where it was said to them. 'You are not My people; there they shall be called sons of the living God.'
27. और यशायाह इस्त्राएल के विषय में पुकारकर कहता है, कि चाहे इस्त्राएल की सन्तानों की गिनती समुद्र के बालू के बारबर हो, तौभी उन में से थोड़े ही बचेंगे।यशायाह 10:22-23
27. Isaiah also cries concerning Israel, 'Though the number of the sons of Israel is as the sands of the sea, a remnant shall be saved.
28. क्योंकि प्रभु अपना वचन पृथ्वी पर पूरा करके, धार्मिकता से शीघ्र उसे सिद्ध करेगा।यशायाह 10:22-23
28. For He is bringing the matter to an end, and cutting short in righteousness, because the Lord will make a short work on the earth.'
29. जैसा यशायाह ने पहिले भी कहा था, कि यदि सेनाओं का प्रभु हमारे लिये कुछ वंश न छोड़ता, तो हम सदोम की नाईं हो जाते, और अमोरा के सरीखे ठहरते।।यशायाह 1:9
29. And as Isaiah said before, 'Unless the Lord of hosts had left us a seed, we would have been as Sodom, and would have been like Gomorrah.'
30. सो हम क्या कहें? यह कि अन्यजातियों ने जो धार्मिकता की खोज नहीं करते थे, धार्मिकता प्राप्त की अर्थात् उस धार्मिकता को जो विश्वास से है।
30. What shall we say then? That the nations, who did not follow after righteousness have taken on righteousness, but a righteousness of faith.
31. परन्तु इस्त्राएली; जो धर्म की व्यवस्था की खोज करते हुए उस व्यवस्था तक नहीं पहुंचे।
31. But Israel, who followed after a law of righteousness did not arrive at a law of righteousness.
32. किस लिये? इसलिये कि वे विश्वास से नहीं, परन्तु मानों कर्मों से उस की खोज करते थे: उन्हों ने उस ठोकर के पत्थर पर ठोकर खाई।यशायाह 8:14
32. Why? Because it was not of faith, but as it were by the works of the Law. For they stumbled at that Stumbling-stone;
33. जैसा लिखा है; देखो मैं सिरयोन में एक ठेस लगने का पत्थर, और ठोकर खाने की चटान रखता हूं; और जो उस पर विश्वास करेगा, वह लज्जित न होगा।।यशायाह 28:16
33. as it is written, 'Behold, I lay in Zion a Stumbling-stone and a Rock-of-offense, and everyone believing on Him shall not be put to shame.'