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1. निदान हम बलवानों को चाहिए, कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें; न कि अपने आप को प्रसन्न करें।
1. It is for us who are strong to bear with the susceptibilities of the weaker ones, and not please ourselves.
2. हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित्त प्रसन्न करे।
2. Each of us must consider his neighbour's good, so that we support one another.
3. क्योंकि मसीह ने अपने आप को प्रसन्न नहीं किया, पर जैसा लिखा है, कि तेरे निन्दकों की निन्दा मुझ पर आ पड़ी।भजन संहिता 69:9
3. Christ did not indulge his own feelings, either; indeed, as scripture says: The insults of those who insult you fall on me.
4. जितनी बातें पहिले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्रा शास्त्रा की शान्ति के द्वारा आशा रखें।
4. And all these things which were written so long ago were written so that we, learning perseverance and the encouragement which the scriptures give, should have hope.
5. और धीरज, और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह बरदान दे, कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो।
5. Now the God of perseverance and encouragement give you all the same purpose, following the example of Christ Jesus,
6. ताकि तुम एक मन औश्र एक मुंह होकर हमारे प्रभु यीशु मसीह कि पिता परमेश्वर की बड़ाई करो।
6. so that you may together give glory to the God and Father of our Lord Jesus Christ with one heart.
7. इसलिये, जैसा मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो।
7. Accept one another, then, for the sake of God's glory, as Christ accepted you.
8. मैं कहता हूं, कि जो प्रतिज्ञाएं बापदादों को दी गई थीं, उन्हें दृढ़ करने के लिये मसीह, परमेश्वर की सच्चाई का प्रमाण देने के लिये खतना किए हुए लोगों का सेवक बना।मीका 7:20
8. I tell you that Christ's work was to serve the circumcised, fulfilling the truthfulness of God by carrying out the promises made to the fathers,
9. और अन्यजाति भी दया के कारण परमेश्वर की बड़ाई करें, जैसा लिखा है, कि इसलिये मैं जाति जाति में तेरा धन्यवाद करूंगा, और तेरे नाम के भजन गाऊंगा।2 शमूएल 22:50, भजन संहिता 18:49
9. and his work was also for the gentiles, so that they should give glory to God for his faithful love; as scripture says: For this I shall praise you among the nations and sing praise to your name.
10. फिर कहा है, हे जाति जाति के सब लोगों, उस की प्रजा के साथ आनन्द करो।व्यवस्थाविवरण 32:43
10. And in another place it says: Nations, rejoice, with his people,
11. और फिर हे जाति जाति के सब लागो, प्रभु की स्तुति करो; और हे राज्य राज्य के सब लोगो; उसे सराहो।भजन संहिता 117:1
11. and in another place again: Praise the Lord, all nations, extol him, all peoples.
12. और फिर यशायाह कहता है, कि यिशै की एक जड़ प्रगट होगी, और अन्यजातियों का हाकिम होने के लिये एक उठेगा, उस पर अन्यजातियां आशा रखेंगी।यशायाह 11:10
12. And in Isaiah, it says: The root of Jesse will appear, he who rises up to rule the nations, and in him the nations will put their hope.
13. सो परमेश्वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्राआत्मा की सामर्थ से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए।।
13. May the God of hope fill you with all joy and peace in your faith, so that in the power of the Holy Spirit you may be rich in hope.
14. हे मेरे भाइयो; मैं आप भी तुम्हारे विषय में निश्चय जानता हूं, कि तुम भी आप ही भलाई से भरे और ईश्वरीय ज्ञान से भरपूर हो और एक दूसरे को चिता सकते हो।
14. My brothers, I am quite sure that you, in particular, are full of goodness, fully instructed and capable of correcting each other.
15. तौभी मैं ने कहीं कहीं याद दिलाने के लिये तुम्हें जो बहुत हियाव करके लिखा, यह उस अनुग्रह के कारण हुआ, जो परमेश्वर ने मुझे दिया है।
15. But I have special confidence in writing on some points to you, to refresh your memories, because of the grace that was given to me by God.
16. कि मैं अन्याजातियों के लिये मसीह यीशु का सेवक होकर परमेश्वर के सुसमाचार की सेवा याजक की नाई करूं; जिस से अन्यजातियों का मानों चढ़ाया जाना, पवित्रा आत्मा से पवित्रा बनकर ग्रहण किया जाए।
16. I was given grace to be a minister of Christ Jesus to the gentiles, dedicated to offer them the gospel of God, so that gentiles might become an acceptable offering, sanctified by the Holy Spirit.
17. सो उन बातों के विषय में जो परमेश्वर से सम्बन्ध रखती हैं, मैं मसीह यीशु में बड़ाई कर सकता हूं।
17. So I can be proud, in Christ Jesus, of what I have done for God.
18. क्योंकि उन बातों को छोड़ मुझे और किसी बात के विषय में कहने का हियाव नहीं, जो मसीह ने अन्यजातियों की अधीनता के लिये वचन, और कर्म।
18. Of course I can dare to speak only of the things which Christ has done through me to win the allegiance of the gentiles, using what I have said and done,
19. और चिन्हों और अदभुत् कामों की सामर्थ से, और पवित्रा आत्मा की सामर्थ से मेरे ही द्वारा किए : यहां तक कि मैं ने यरूशलेम से लेकर चारों ओर इल्लुरिकुस तक मसीह के सुसमाचार का पूरा पूरा प्रचार किया।
19. by the power of signs and wonders, by the power of the Spirit of God. In this way, from Jerusalem and all round, even as far as Illyricum, I have fully carried out the preaching of the gospel of Christ;
20. पर मेरे मन की उमंग यह है, कि जहां जहां मसीह का नाम नहीं लिया गया, वहीं सुसमाचार सुनाऊं; ऐसा न हो, कि जिन्हें उसका सुसमाचार नहीं पहुंचा, वे ही देखेंगे और जिन्हों ने नहीं सुना वे ही समझेंगे।।
20. and what is more, it has been my rule to preach the gospel only where the name of Christ has not already been heard, for I do not build on another's foundations;
21. परन्तु जैसा लिखा है, वैसा ही हो, कि जिन्हें उसका सुसमाचार नहीं पहुंचा, वे ही देखेंगे और जिन्हों ने नहीं सुना वे ही समझेंगे।।यशायाह 52:15
21. in accordance with scripture: Those who have never been told about him will see him, and those who have never heard about him will understand.
22. इसी लिये मैं तुम्हारे पास आने से बार बार रूका रहा।
22. That is why I have been so often prevented from coming to see you;
23. परन्तु अब मुझे इन देशों में और जगह नहीं रही, और बहुत वर्षों से मुझे तुम्हारे पास आने की लालसा है।
23. now, however, as there is nothing more to keep me in these parts, I hope, after longing for many years past to visit you, to see you when I am on the way to Spain-
24. इसलिये जब इसपानिया को जाऊंगा तो तुम्हारे पास होता हुआ जाऊंगा क्योंकि मुझे आशा है, कि उस यात्रा में तुम से भेंट करूं, और जब तुम्हारी संगति से मेरा जी कुछ भर जाए, तो तुम मुझे कुछ दूर आगे पहुंचा दो।
24. and after enjoying at least something of your company, to be sent on my way with your support.
25. परन्तु अभी तो पवित्रा लोगों की सेवा करने के लिये यरूशलेम को जाता हूं।
25. But now I have undertaken to go to Jerusalem in the service of the holy people of God there,
26. क्योंकि मकिदुनिया और अखया के लोगों को यह अच्छा लगा, कि यरूशलेम के पवित्रा लोगों के कंगालों के लिये कुछ चन्दा करें।
26. since Macedonia and Achaia have chosen to make a generous contribution to the poor among God's holy people at Jerusalem.
27. अच्छा तो लगा, परन्तु वे उन के कर्जदार भी हैं, क्योंकि यदि अन्यजाति उन की आत्मिक बातों में भागी हुए, तो उन्हें भी उचित है, कि शारीरिक बातों में उन की सेवा करें।
27. Yes, they chose to; not that they did not owe it to them. For if the gentiles have been given a share in their spiritual possessions, then in return to give them help with material possessions is repaying a debt to them.
28. सो मैं यह काम पूरा करके और उन को यह चन्दा सौंपकर तुम्हारे पास होता हुआ इसपानिया को जाऊंगा।
28. So when I have done this, and given this harvest into their possession, I shall visit you on the way to Spain.
29. और मैं जानता हूं, कि जब मैं तुम्हारे पास आऊंगा, तो मसीह की पूरी आशीष के साथ आऊंगा।।
29. I am sure that, when I do come to you, I shall come with the fullest blessing of Christ.
30. और हे भाइयों; मैं यीशु मसीह का जो हमारा प्रभु है और पवित्रा आत्मा के प्रेम का स्मरण दिला कर, तुम से बिनती करता हूं, कि मेरे लिये परमेश्वर से प्रार्थना करने में मेरे साथ मिलकर लौलीन रहो।
30. Meanwhile I urge you, brothers, by our Lord Jesus Christ and by the love of the Spirit, that in your prayers to God for me you exert yourselves to help me;
31. कि मैं यहूदिया के अविश्वासियों से बचा रहूं, और मेरी वह सेवा जो यरूशलेम के लिये है, पवित्रा लोगों को भाए।
31. praying that I may escape the unbelievers in Judaea, and that the aid I am carrying to Jerusalem will be acceptable to God's holy people.
32. और मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आनन्द के साथ आकर तुम्हारे साथ विश्राम पाऊं।
32. Then I shall come to you, if God wills, for a happy time of relaxation in your company.
33. शान्ति का परमेश्वर तुम सब के साथ रहे। आमीन।।
33. The God of peace be with you all. Amen.