29. सो वे सब प्रकार के अधर्म, और दुष्टता, और लोभ, और बैरभाव, से भर गए; और डाह, और हत्या, और झगड़े, और छल, और ईर्षा से भरपूर हो गए, और चुगलखोर।
29. Being full of all wrongdoing, evil, desire for the goods of others, hate, envy, putting to death, fighting, deceit, cruel ways, evil talk, and false statements about others;