John - यूहन्ना 6 | View All

1. इन बातों के बाद यीशु गलील की झील अर्थात् तिबिरियास की झील के पास गया।

1. ইহার পরে যীশু গালীল-সাগরের, অর্থাৎ তিবিরিয়া-সাগরের, অন্য পারে প্রস্থান করিলেন।

2. और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली कयोंकि जो आश्चर्य कर्म वह बीमारों पर दिखाता था वे उन को देखते थे।

2. আর বিস্তর লোক তাঁহার পশ্চাৎ পশ্চাৎ যাইতে লাগিল, কেননা তিনি রোগীদের উপরে যে সকল চিহ্নকার্য্য করিতেন, সে সকল তাহারা দেখিত।

3. तब यीशु पहाड़ पर चढ़कर अपने चेलों के साथ वहां बैठा।

3. আর যীশু পর্ব্বতে উঠিলেন, এবং সেখানে আপন শিষ্যদের সহিত বসিলেন।

4. और यहूदियों के फसह के पर्ब्ब निकट था।

4. তখন নিস্তারপর্ব্ব, যিহূদীদের পর্ব্ব, সন্নিকট ছিল।

5. तब यीशु ने अपनी आंखे उठाकर एक बड़ी भीड़ को अपने पास आते देखा, और फिलिप्पुस से कहा, कि हम इन के भोजन के लिये कहां से रोटी मोल लाएं?

5. আর যীশু চক্ষু তুলিয়া, বিস্তর লোক তাঁহার নিকটে আসিতেছে দেখিয়া, ফিলিপকে বলিলেন, উহাদের আহারার্থে আমরা কোথায় রুটী কিনিতে পাইব?

6. परन्तु उस ने यह बात उसे परखने के लिये कही; क्योंकि वह आप जानता था कि मैं क्या करूंगा।

6. এ কথা তিনি তাঁহার পরীক্ষার নিমিত্ত বলিলেন? কেননা কি করিবেন, তাহা তিনি আপনি জানিতেন।

7. फिलिप्पुस ने उस को उत्तर दिया, कि दो सौ दीनार की रोटी उन के लिये पूरी भी न होंगी कि उन में से हर एक को थोड़ी थोड़ी मिल जाए।

7. ফিলিপ তাঁহাকে উত্তর করিলেন, উহাদের জন্য দুই শত সিকির রুটীও এরূপ যথেষ্ট নয় যে, প্রত্যেক জন কিছু কিছু পাইতে পারে।

8. उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्द्रियास ने उस से कहा।

8. তাঁহার শিষ্যদের মধ্যে এক জন, শিমোন পিতরের ভ্রাতা আন্দ্রিয়,

9. यहां एक लड़का है जिस के पास जव की पांच रोटी और दो मछलियां हैं परन्तु इतने लोगों के लिये वे क्या हैं।

9. তাঁহাকে কহিলেন, এখানে একটী বালক আছে, তাহার কাছে যবের পাঁচখানা রুটী এবং দুইটী মাছ আছে; কিন্তু এত লোকের মধ্যে তাহাতে কি হইবে?

10. यीशु ने कहा, कि लोगों को बैठा दो। उस जगह बहुत घास थी: तब वे लोग जो गिनती में लगभग पांच हजार के थे, बैठ गए:

10. যীশু বলিলেন, লোকদিগকে বসাইয়া দেও। সে স্থানে অনেক ঘাস ছিল। তাহাতে পুরুষেরা, সংখ্যায় অনুমান পাঁচ হাজার লোক, বসিয়া গেল।

11. तब यीशु ने रोटियां लीं, और धन्यवाद करके बैठनेवालों को बांट दी: और वैसे ही मछलियों में से जितनी वे चाहते थे बांट दिया।

11. তখন যীশু সেই রুটী কয়খানি লইলেন, ও ধন্যবাদ করিলেন, এবং যাহারা বসিয়াছিল, তাহাদিগকে ভাগ করিয়া দিলেন; সেইরূপে মাছ কয়টী হইতেও, তাহারা যত ইচ্ছা করিল, দিলেন।

12. जब वे खाकर तृप्त हो गए तो उस ने अपने चेलों से कहा, कि बचे हुए टुकड़े बटोर लो, कि कुछ फेंका न जाए।

12. আর তাহারা তৃপ্ত হইলে তিনি আপন শিষ্যদিগকে কহিলেন, অবশিষ্ট গুঁড়াগাঁড়া সকল সংগ্রহ কর, যেন কিছুই নষ্ট না হয়।

13. सो उन्हों ने बटोरा, और जव की पांच रोटियों के टुकड़े जो खानेवालों से बच रहे थे उन की बारह टोकरियां भरीं।

13. তাহাতে তাঁহারা সংগ্রহ করিলেন, আর ঐ পাঁচখানা যবের রুটীর গুঁড়াগাঁড়ায় সেই লোকদের ভোজনের পর যাহা বাঁচিয়াছিল, তাহাতে বারো ডালা পূর্ণ করিলেন।

14. तब जो आश्चर्य कर्म उस ने कर दिखाया उसे वे लोग देखकर कहने लगे; कि वह भविष्यद्वक्ता जो जगत में आनेवाला था निश्चय यही है।
व्यवस्थाविवरण 18:15, व्यवस्थाविवरण 18:18

14. অতএব সেই লোকেরা তাঁহার কৃত চিহ্ন-কার্য্য দেখিয়া বলিতে লাগিল, উনি সত্যই সেই ভাববাদী, যিনি জগতে আসিতেছেন।

15. यीशु यह जानकर कि वे मुझे राजा बनाने के लिये आकर पकड़ना चाहते हैं, फिर पहाड़ पर अकेला चला गया।

15. তখন যীশু বুঝিতে পারিলেন যে, তাহারা আসিয়া রাজা করিবার জন্য তাঁহাকে ধরিতে উদ্যত হইয়াছে, তাই আবার নিজে একাকী পর্ব্বতে চলিয়া গেলেন।

16. फिर जब संध्या हुई, तो उसके चेले झील के किनारे गए।

16. সন্ধ্যা হইলে তাঁহার শিষ্যেরা সমুদ্রতীরে নামিয়া গেলেন,

17. और नाव पर चढ़कर झील के पार कफरनहूम को जाने लगे: उस समय अन्धेरा हो गया था, और यीशु अभी तक उन के पास नहीं आया था।

17. এবং একখানি নৌকায় উঠিয়া সমুদ্রপারে কফরনাহূমের দিকে গমন করিতে লাগিলেন। সে সময় অন্ধকার হইয়াছিল, এবং যীশু তখনও তাঁহাদের নিকটে আইসেন নাই।

18. और आन्धी के कारण झील में लहरे उठने लगीं।

18. আর প্রবল বায়ু প্রবাহিত হওয়ায় সমুদ্রে ঢেউ উঠিয়াছিল।

19. सो जब वे खेते खेते तीन चार मील के लगभग निकल गए, तो उन्हों ने यीशु को झील पर चलते, और नाव के निकट आते देखा, और डर गए।

19. এইরূপে দেড় বা দুই ক্রোশ বাহিয়া গেলে পর তাঁহারা যীশুকে দেখিতে পাইলেন, তিনি সমুদ্রের উপর দিয়া হাঁটিয়া নৌকার নিকটে আসিতেছেন; ইহাতে তাঁহারা ভয় পাইলেন।

20. परन्तु उस ने उन से कहा, कि मैं हूं; डरो मत।

20. কিন্তু তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, এ আমি, ভয় করিও না।

21. सो वे उसे नाव पर चढ़ा लेने के लिये तैयार हुए और तुरन्त वह नाव के स्थान पर जा पहुंची जहां वह जाते थे।

21. তখন তাঁহারা তাঁহাকে নৌকাতে গ্রহণ করিতে ইচ্ছুক হইলেন; আর তাঁহারা যেখানে যাইতেছিলেন, নৌকা তৎক্ষণাৎ সেই স্থলে উপস্থিত হইল।

22. दूसरे दिन उस भीड़ ने, जो झील के पार खड़ी थी, यह देखा, कि यहां एक को छोड़कर और कोई छोटी नाव न थी, और यीशु अपने चेलों के साथ उस नाव पर न चढ़ा, परन्तु केवल उसके चेले चले गए थे।

22. পর দিন, যে জনসমূহ সমুদ্রের পরপারে দাঁড়াইয়াছিল, তাহারা দেখিয়াছিল যে, সেখানে একখানি বই আর নৌকা নাই, এবং যীশু শিষ্যদের সহিত সেই নৌকাতে উঠেন নাই, কেবল তাঁহার শিষ্যেরা প্রস্থান করিয়াছিলেন।

23. (तौभी और छोटी नावें तिबिरियास से उस जगह के निकट आई, जहां उन्हों ने प्रभु के धन्यवाद करने के बाद रोटी खाई थी।)

23. —কিন্তু তিবিরিয়া হইতে কয়েকখানি নৌকা, যেখানে প্রভু ধন্যবাদ করিলে লোকেরা রুটী খাইয়াছিল, সেই স্থানের নিকটে আসিয়াছিল।

24. सो जब भीड़ ने देखा, कि यहां न यीशु है, और न उसके चेले, तो वे भी छोटी छोटी नावों पर चढ़ के यीशु को ढूंढ़ते हुए कफरनहूम को पहुंचे।

24. —অতএব লোকেরা যখন দেখিল, যীশু সেখানে নাই, তাঁহার শিষ্যেরাও নাই, তখন তাহারা সেই সকল নৌকায় চড়িয়া যীশুর অন্বেষণে কফরনাহূমে আসিল।

25. और झील के पार उस से मिलकर कहा, हे रब्बी, तू यहां कब आया?

25. আর সমুদ্রের পারে তাঁহাকে পাইয়া কহিল, রব্বি, আপনি এখানে কখন্‌ আসিয়াছেন?

26. यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच सच कहता हूं, तुम मुझे इसलिये नहीं ढूंढ़ते हो कि तुम ने अचम्भित काम देखे, परन्तु इसलिये कि तुम रोटियां खाकर तृप्त हुए।

26. যীশু তাহাদিগকে উত্তর করিয়া কহিলেন, সত্য, সত্য, আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, তোমরা চিহ্ন-কার্য্য দেখিয়াছ বলিয়া আমার অন্বেষণ করিতেছ, তাহা নয়; কিন্তু সেই রুটী খাইয়াছিলে ও তৃপ্ত হইয়াছিলে বলিয়া।

27. नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्रा तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात् परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।

27. নশ্বর ভক্ষ্যের নিমিত্ত শ্রম করিও না, কিন্তু সেই ভক্ষ্যের জন্য শ্রম কর, যাহা অনন্ত জীবন পর্য্যন্ত থাকে, যাহা মনুষ্যপুত্র তোমাদিগকে দিবেন, কেননা পিতা —ঈশ্বর—তাঁহাকেই মুদ্রাঙ্কিত করিয়াছেন।

28. उन्हों ने उस से कहा, परमेश्वर के कारर्य करने के लिये हम क्या करें?

28. তখন তাহারা তাঁহাকে কহিল, আমরা যেন ঈশ্বরের কার্য্য করিতে পারি, এ জন্য আমাদিগকে কি করিতে হইবে?

29. यीशु ने उन्हें उत्तर दिया; परमेश्वर का कारर्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उस ने भेजा है, विश्वास करो।

29. যীশু উত্তর করিয়া তাহাদিগকে কহিলেন, ঈশ্বরের কার্য্য এই, যেন তাঁহাতে তোমরা বিশ্বাস কর, যাঁহাকে তিনি প্রেরণ করিয়াছেন।

30. तब उन्हों ने उस से कहा, फिर तू कौन का चिन्ह दिखाता है कि हम उसे देखकर तेरी प्रतीति करें, तू कौन सा काम दिखाता है?

30. তাহারা তাঁহাকে কহিল, ভাল, আপনি এমন কি চিহ্ন-কার্য্য করিতেছেন, যাহা দেখিয়া আমরা আপনাকে বিশ্বাস করিব? আপনি কি কার্য্য করিতেছেন?

31. हमारे बापदादों ने जंगल में मन्ना खाया; जैसा लिखा है; कि उस ने उन्हें खाने के लिये स्वर्ग से रोटी दी।
निर्गमन 16:4-15, गिनती 11:7-9, Neh-h 9 15, भजन संहिता 78:24, भजन संहिता 105:40

31. আমাদের পিতৃপুরুষেরা প্রান্তরে মান্না খাইয়াছিলেন, যেমন লেখা আছে, “তিনি ভোজনের জন্য তাহাদিগকে স্বর্গ হইতে খাদ্য দিলেন।”

32. यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि मूसा ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है।

32. যীশু তাহাদিগকে কহিলেন, সত্য, সত্য, আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, মোশি তোমাদিগকে স্বর্গ হইতে সেই খাদ্য দেন নাই, কিন্তু আমার পিতাই তোমাদিগকে স্বর্গ হইতে প্রকৃত খাদ্য দেন।

33. क्योकि परमेश्वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है।

33. কেননা ঈশ্বরীয় খাদ্য তাহাই, যাহা স্বর্গ হইতে নামিয়া আইসে, ও জগৎকে জীবন দান করে।

34. तब उन्हों ने उस से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर।

34. তখন তাহারা তাঁহাকে কহিল, প্রভু, চিরকাল সেই খাদ্য আমাদিগকে দিউন।

35. यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी पियासा न होगा।

35. যীশু তাহাদিগকে বলিলেন, আমিই সেই জীবন-খাদ্য। যে ব্যক্তি আমার কাছে আইসে, সে ক্ষুধার্ত্ত হইবে না, এবং যে আমাতে বিশ্বাস করে, সে তৃষ্ণার্ত্ত হইবে না, কখনও না।

36. परन्तु मैं ने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तोभी विश्वास नहीं करते।

36. কিন্তু আমি তোমাদিগকে বলিয়াছি যে, তোমরা আমাকে দেখিয়াছ, আর বিশ্বাস কর না।

37. जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा।

37. পিতা যে সমস্ত আমাকে দেন, সে সমস্ত আমারই কাছে আসিবে; এবং যে আমার কাছে আসিবে, তাহাকে আমি কোন মতে বাহিরে ফেলিয়া দিব না।

38. क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, बरन अपने भेजनेवाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं।

38. কেননা আমার ইচ্ছা সাধন করিবার জন্য আমি স্বর্গ হইতে নামিয়া আসি নাই; কিন্তু যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, তাঁহারই ইচ্ছা সাধন করিবার জন্য।

39. और मेरे भेजनेवाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उस ने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं।

39. আর যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, তাঁহার ইচ্ছা এই, তিনি আমাকে যে সমস্ত দিয়াছেন, তাহার কিছুই যেন না হারাই, কিন্তু শেষ দিনে যেন তাহা উঠাই।

40. क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्रा को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।

40. কারণ আমার পিতার ইচ্ছা এই, যে কেহ পুত্রকে দর্শন করে ও তাঁহাকে বিশ্বাস করে, সে যেন অনন্ত জীবন পায়; আর আমিই তাহাকে শেষ দিনে উঠাইব।

41. सो यहूदी उस पर कुड़कुड़ाने लगे, इसलिये कि उस ने कहा था; कि जो रोटी स्वर्ग से उतरी, वह मैं हूं।

41. অতএব যিহূদীরা তাঁহার বিষয়ে বচসা করিতে লাগিল, কেননা তিনি বলিয়াছিলেন, আমিই সেই খাদ্য, যাহা স্বর্গ হইতে নামিয়া আসিয়াছে।

42. और उन्हों ने कहा; क्या यह यूसुफ का पुत्रा यीशु नहीं, जिस के माता पिता को हम जानते हैं? तो वह क्योंकर कहता है कि मैं स्वर्ग से उतरा हूं।

42. তাহারা বলিল, এ কি যোষেফের পুত্র সেই যীশু নয়, যাহার পিতা মাতাকে আমরা জানি? এখন এ কেমন করিয়া বলে, আমি স্বর্গ হইতে নামিয়া আসিয়াছি?

43. यीशु ने उन को उत्तर दिया, कि आपस में मत कुड़कुड़ाओ।

43. যীশু উত্তর করিয়া তাহাদিগকে কহিলেন, তোমরা পরস্পর বচসা করিও না।

44. कोई मेरे पास नहीं आ सकता, जब तक पिता, जिस ने मुझे भेजा है, उसे खींच न ले; और मैं उस को अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।

44. পিতা, যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, তিনি আকর্ষণ না করিলে কেহ আমার কাছে আসিতে পারে না, আর আমি তাহাকে শেষ দিনে উঠাইব।

45. भविष्यद्वक्ताओं के लेखों में यह लिखा है, कि वे सब परमेश्वर की ओर से सिखाए हुए होंगे। जिस किसी ने पिता से सुना और सीखा है, वह मेरे पास आता है।
यशायाह 54:13

45. ভাববাদিগণের গ্রন্থে লেখা আছে, “তাহারা সকলে ঈশ্বরের কাছে শিক্ষা পাইবে।” যে কেহ পিতার নিকটে শুনিয়া শিক্ষা পাইয়াছে, সেই আমার কাছে আইসে।

46. यह नहीं, कि किसी ने पिता को देखा परन्तु जो परमेश्वर की ओर से है, केवल उसी ने पिता को देखा है।

46. কেহ যে পিতাকে দেখিয়াছে, তাহা নয়; যিনি ঈশ্বর হইতে আসিয়াছেন, কেবল তিনিই পিতাকে দেখিয়াছেন।

47. मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है।

47. সত্য, সত্য, আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, যে বিশ্বাস করে, সে অনন্ত জীবন পাইয়াছে।

48. जीवन की रोटी मैं हूं।

48. আমিই জীবন-খাদ্য।

49. तुम्हारे बापदादों ने जंगल में मन्ना खाया और मर गए।

49. তোমাদের পিতৃপুরুষেরা প্রান্তরে মান্না খাইয়াছিল, আর তাহারা মরিয়া গিয়াছে।

50. यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरती है ताकि मनुष्य उस में से खाए और न मरे।

50. এ সেই খাদ্য, যাহা স্বর্গ হইতে নামিয়া আইসে, যেন লোকে তাহা খায়, ও না মরে।

51. जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूंगा, वह मेरा मांस है।

51. আমিই সেই জীবন্ত খাদ্য, যাহা স্বর্গ হইতে নামিয়া আসিয়াছে। কেহ যদি এই খাদ্য খায়, তবে সে অনন্তকাল জীবিত থাকিবে, আর আমি যে খাদ্য দিব, সে আমার মাংস, জগতের জীবনের জন্য।

52. इस पर यहूदी यह कहकर आपस में झगड़ने लगे, कि यह मनुष्य क्योंकर हमें अपना मांस खाने को दे सकता है?

52. অতএব যিহূদীরা পরস্পর বাগ্‌যুদ্ধ করিয়া বলিতে লাগিল, এ ব্যক্তি কেমন করিয়া আমাদিগকে ভোজনের জন্য আপনার মাংস দিতে পারে?

53. यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं जब तक मनुष्य के पुत्रा का मांस न खाओ, और उसका लोहू न पीओ, तुम में जीवन नहीं।

53. যীশু তাহাদিগকে কহিলেন, সত্য, সত্য, আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, তোমরা যদি মনুষ্যপুত্রের মাংস ভোজন ও তাঁহার রক্ত পান না কর, তোমাদিগেতে জীবন নাই।

54. जो मेरा मांस खाता, और मेरा लोहू पीता हे, अनन्त जीवन उसी का है, और मैं अंतिम दिन फिर उसे जिला उठाऊंगा।

54. যে আমার মাংস ভোজন ও আমার রক্ত পান করে, সে অনন্ত জীবন পাইয়াছে, এবং আমি তাহাকে শেষ দিনে উঠাইব।

55. क्योंकि मेरा मांस वास्तव में खाने की वस्तु है और मेरा लोहू वास्तव में पीन की वस्तु है।

55. কারণ আমার মাংস প্রকৃত ভক্ষ্য, এবং আমার রক্ত প্রকৃত পানীয়।

56. जो मेरा मांस खाता और मेरा लोहू पीता है, वह मुझ में स्थिर बना रहता है, और मैं उस में।

56. যে আমার মাংস ভোজন ও আমার রক্ত পান করে, সে আমাতে থাকে, এবং আমি তাহাতে থাকি।

57. जैसा जीवते पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूं वैसा ही वह भी जो मुझे खाएगा मेरे कारण जीवित रहेगा।

57. যেমন জীবন্ত পিতা আমাকে প্রেরণ করিয়াছেন, এবং পিতা হেতু আমি জীবিত আছি, সেইরূপ যে কেহ আমাকে ভোজন করে, সেও আমা হেতু জীবিত থাকিবে।

58. जो रोटी स्वर्ग से उतरी यही है, बापदादों के समान नहीं कि खाया, और मर गए: जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा।

58. এ সেই খাদ্য, যাহা স্বর্গ হইতে নামিয়া আসিয়াছে; পিতৃপুরুষেরা যেমন খাইয়াছিল, এবং মরিয়াছিল, সেইরূপ নয়; এই খাদ্য যে ভোজন করে, সে অনন্তকাল জীবিত থাকিবে।

59. ये बातें उस ने कफरनहूम के एक आराधनालय में उपदेश देते समय कहीं।

59. এই সকল কথা তিনি কফরনাহূমে উপদেশ দিবার সময়ে সমাজ-গৃহে কহিলেন।

60. इसलिये उसके चेलों में से बहुतों ने यह सुनकर कहा, कि यह बात नागवार है; इसे कौन सुन सकता है?

60. তাঁহার শিষ্যদের মধ্যে অনেকে এ কথা শুনিয়া বলিল, এ কঠিন কথা, কে ইহা শুনিতে পারে?

61. यीशु ने अपने मन में यह जान कर कि मेरे चेले आपस में इस बात पर कुड़कुड़ाते हैं, उन से पूछा, क्या इस बात से तुम्हें ठोकर लगती है?

61. কিন্তু তাঁহার শিষ্যেরা এই বিষয়ে বচসা করিতেছে, যীশু তাহা অন্তরে জ্ঞাত হইয়া তাহাদিগকে বলিলেন, এই কথায় কি তোমাদের বিঘ্ন জন্মে?

62. और यदि तुम मनुष्य के पुत्रा को जहां वह पहिले था, वहां ऊपर जाते देखोगे, तो क्या होगा?
भजन संहिता 47:5

62. তবে মনুষ্যপুত্র পূর্ব্বে যেখানে ছিলেন, সেখানে তোমরা তাঁহাকে উঠিতে দেখিলে কি বলিবে?

63. आत्मा तो जीवनदायक है, शरीर से कुछ लाभ नहीं: जो बातें मैं ने तुम से कहीं हैं वे आत्मा है, और जीवन भी हैं।

63. আত্মাই জীবনদায়ক, মাংস কিছু উপকারী নয়; আমি তোমাদিগকে যে সকল কথা বলিয়াছি, তাহা আত্মা ও জীবন;

64. परन्तु तुम में से कितने ऐसे हैं जो विश्वास नहीं करते: क्योंकि यीशु तो पहिले ही से जानता था कि जो विश्वास नहीं करते, वे कौन हैं? और कौन मुझे पकड़वाएगा।

64. কিন্তু তোমাদের মধ্যে কেহ কেহ আছে, যাহারা বিশ্বাস করে না। কেননা যীশু প্রথম হইতে জানিতেন, কে কে বিশ্বাস করে না, এবং কেই বা তাঁহাকে শত্রুহস্তে সমর্পণ করিবে।

65. और उस ने कहा, इसी लिये मैं ने तुम से कहा था कि जब तक किसी को पिता की ओर यह बरदान न दिया जाए तक तक वह मेरे पास नहीं आ सकता।

65. তিনি আরও কহিলেন, এই জন্য আমি তোমাদিগকে বলিয়াছি, যদি পিতা হইতে ক্ষমতা দত্ত না হয়, তবে কেহই আমার নিকটে আসিতে পারে না।

66. इस पर उसके चेलों में से बहुतेरे उल्टे फिर गए और उसके बाद उसके साथ न चले।

66. ইহাতে তাঁহার অনেক শিষ্য পিছাইয়া পড়িল, তাঁহার সঙ্গে আর যাতায়াত করিল না।

67. तब यीशु ने उन बारहों से कहा, क्या तुम भी चले जाना चाहते हो?

67. অতএব যীশু সেই বারো জনকে কহিলেন, তোমরাও কি চলিয়া যাইতে ইচ্ছা করিতেছ?

68. शमौन पतरस ने उस को उत्तर दिया, कि हे प्रभु हम किस के पास जाएं? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं।

68. শিমোন পিতর তাঁহাকে উত্তর করিলেন, প্রভু, কাহার কাছে যাইব? আপনার নিকটে অনন্ত জীবনের কথা আছে;

69. और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्वर का पवित्रा जन तू ही है।

69. আর আমরা বিশ্বাস করিয়াছি এবং জ্ঞাত হইয়াছি যে, আপনিই ঈশ্বরের সেই পবিত্র ব্যক্তি।

70. यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, क्या मैं ने तुम बारहों को नहीं चुन लिया? तौभी तुम में से एक व्यक्ति शैतान है।

70. যীশু তাঁহাদিগকে উত্তর করিলেন, তোমরা এই যে বারো জন, আমি কি তোমাদিগকে মনোনীত করি নাই? আর তোমাদের মধ্যেও এক জন দিয়াবল আছে।

71. यह उस ने शमौन इस्करियोती के पुत्रा यहूदाह के विषय में कहा, क्योंकि यही जो उन बारहों में से था, उसे पकड़वाने को था।।

71. এই কথা তিনি ঈষ্করিয়োতীয় শিমোনের পুত্র যিহূদার বিষয়ে কহিলেন, কারণ সেই ব্যক্তি তাঁহাকে সমর্পণ করিবে, সে বারো জনের মধ্যে এক জন।



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