51. जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूंगा, वह मेरा मांस है।
51. I, am the living bread, which, out of heaven, came down: If one eat of this bread, he shall live unto times age-abiding; and, the bread, moreover, which, I, will give, is, my flesh for the world's life.