16. तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।
16. You+ did not choose me, but I chose you+, and appointed you+, that you+ should go and bear fruit, and [that] your+ fruit should stay: that whatever you+ will ask of the Father in my name, he may give it you+.