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Cross Reference Bible
1. सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है।
1. 'I am the true vine. My Father is the gardener.
2. जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले।
2. He cuts off every branch joined to me that does not bear fruit. He trims every branch that does bear fruit. Then it will bear even more fruit.
3. तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो।
3. 'You are already clean because of the word I have spoken to you.
4. तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते।
4. Remain joined to me, and I will remain joined to you. No branch can bear fruit by itself. It must remain joined to the vine. In the same way, you can't bear fruit unless you remain joined to me.
5. में दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
5. 'I am the vine. You are the branches. If anyone remains joined to me, and I to him, he will bear a lot of fruit. You can't do anything without me.
6. यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाई फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
6. If anyone does not remain joined to me, he is like a branch that is thrown away and dries up. Branches like those are picked up. They are thrown into the fire and burned.
7. यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
7. 'If you remain joined to me and my words remain in you, ask for anything you wish. And it will be given to you.
8. मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।
8. When you bear a lot of fruit, it brings glory to my Father. It shows that you are my disciples.
9. जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो।
9. 'Just as the Father has loved me, I have loved you. Now remain in my love.
10. यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं।
10. If you obey my commands, you will remain in my love. In the same way, I have obeyed my Father's commands and remain in his love.
11. मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।
11. I have told you this so that my joy will be in you. I also want your joy to be complete.
12. मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।
12. 'Here is my command. Love each other, just as I have loved you.
13. इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।
13. No one has greater love than the one who gives his life for his friends.
14. जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्रा हो।
14. You are my friends if you do what I command.
15. अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्रा कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं।
15. 'I do not call you servants anymore. Servants do not know their master's business. Instead, I have called you friends. I have told you everything I learned from my Father.
16. तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।
16. 'You did not choose me. Instead, I chose you. I appointed you to go and bear fruit. It is fruit that will last. Then the Father will give you anything you ask for in my name.
17. इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।
17. 'Here is my command. Love each other.
18. यदि संसार तुम से बैर रखता है, तो तुम जानते हो, कि उस ने तुम से पहिले मुझ से भी बैर रखा।
18. 'Does the world hate you? Remember that it hated me first.
19. यदि तुम संसार के होते, तो संसार अपनों से प्रीति रखता, परन्तु इस कारण कि तुम संसार में से चुन लिया है इसी लिये संसार तुम से बैर रखता है।
19. If you belonged to the world, it would love you like one of its own. But you do not belong to the world. I have chosen you out of the world. That is why the world hates you.
20. जो बात मै। ने तुम से कही थी, कि दास अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता, उसको याद रखो: यदि उन्हों ने मुझे सताया, तो तुम्हें भी सताएंगे; यदि उन्हों ने मेरी बात मानी, तो तुम्हारी भी मानेंगे।
20. 'Remember the words I spoke to you. I said, 'A servant is not more important than his master.'--(John 13:16) If people hated me and tried to hurt me, they will do the same to you. If they obeyed my teaching, they will obey yours also.
21. परन्तु यह सब कुछ वे मेरे नाम के कारण तुम्हारे साथ करेंगे क्योंकि वे मेरे भेजनेवाले को नहीं जानते।
21. They will treat you like that because of my name. They do not know the One who sent me.
22. यदि मैं न आता और उन से बातें न करता, तो वे पापी न ठहरते परन्तु अब उन्हें उन के पाप के लिये कोई बहाना नहीं।
22. 'If I had not come and spoken to them, they would not be guilty of sin. But now they have no excuse for their sin.
23. जो मुझ से बैर रखता है, वह मेरे पिता से भी बैर रखता है।
23. Those who hate me hate my Father also.
24. यदि मैं उन में वे काम न करता, जो और किसी ने नहीं किए तो वे पापी नहीं ठहरते, परन्तु अब तो उन्हों ने मुझे और मेरे पिता दोनों को देखा, और दोनों से बैर किया।
24. 'I did miracles among them that no one else did. If I hadn't, they would not be guilty of sin. But now they have seen those miracles. And still they have hated both me and my Father.
25. और यह इसलिये हुआ, कि वहि वचन पूरा हो, जो उन की व्यवस्था में लिखा है, कि उन्हों ने मुझ से व्यर्थ बैर किया।भजन संहिता 25:19, भजन संहिता 35:19, भजन संहिता 69:4, भजन संहिता 109:3, भजन संहिता 119:161, विलापगीत 3:52
25. This has happened so that what is written in their Law would come true. It says, 'They hated me without any reason.'--(Psalms 35:19; 69:4)
26. परन्तु जब वह सहायक आएगा, जिसे मैं तुम्हारे पास भेजूंगा, अर्थात् सत्य का आत्मा जो पिता की ओर से निकलता है, तो वह मेरी गवाही देगा।
26. 'I will send the Friend to you from the Father. He is the Spirit of truth, who comes out from the Father. When the Friend comes to help you, he will give witness about me.
27. और तुम भी गवाह हो क्योंकि तुम आरम्भ से मेरे साथ रहे हो।।
27. 'You also must give witness. This is because you have been with me from the beginning.