2. सब्त के दिन वह आराधनालय में उपदेश करने लगा; और बहुत लोग सुनकर चकित हुए और कहने लगे, इस को ये बातें कहां से आ गई? और यह कौन सा ज्ञान है जो उस को दिया गया है? और कैसे सामर्थ के काम इसके हाथों से प्रगट होते हैं?
2. And having become Sabbath, he began to teach in the synagogue. And many who heard him were astonished, saying, How are these things in this man? and, What is the wisdom that was given to him, and such mighty works happen by his hands?