Mark - मरकुस 10 | View All

1. फिर वह वहां से उठकर यहूदिया के सिवानों में और यरदन के पार आया, और भीड़ उसके पास फिर इकट्ठी हो गई, और वह अपनी रीति के अनुसार उन्हें फिर उपदेश देने लगा।

1. Jesus went away from the city of Capernaum. He came to the country of Judea and to the other side of the Jordan River. Again the people gathered around Him. He began to teach them as He had been doing.

2. तब फरीसियों ने उसके पास आकर उस की परीक्षा करने को उस से पूछा, क्या यह उचित है, कि पुरूष अपनी पत्नी को त्यागे?

2. The proud religious law-keepers came to Him. They tried to trap Him and asked, 'Does the Law say a man can divorce his wife?'

3. उस ने उन को उत्तर दिया, कि मूसा ने तुम्हें क्या आज्ञा दी है?

3. He said to them, 'What did the Law of Moses say?'

4. उन्हों ने कहा, मूसा ने त्याग पत्रा लिखने और त्यागने की आज्ञा दी है।
व्यवस्थाविवरण 24:1-3

4. They said, 'Moses allowed a man to divorce his wife, if he put it in writing and gave it to her.'

5. यीशु ने उन से कहा, कि तुम्हारे मन की कठोरता के कारण उस ने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी।

5. Jesus said to them, 'Because of your hard hearts, Moses gave you this Law.

6. पर सृष्टि के आरम्भ से परमेश्वर ने नर और नारी करके उन को बनाया है।
उत्पत्ति 1:27, उत्पत्ति 5:2

6. From the beginning of the world, God made them man and woman.

7. इस कारण मनुष्य अपने माता- पिता से अलग होकर अपनी पत्नी के साथ रहेगा, और वे दोनों एक तन होंगे।
उत्पत्ति 2:24

7. Because of this, a man is to leave his father and mother and is to live with his wife.

8. इसलिये वे अब दो नहीं पर एक तन हैं।
उत्पत्ति 2:24

8. The two will become one. So they are no longer two, but one.

9. इसलिये जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है उसे मनुष्य अलग न करे।

9. Let no man divide what God has put together.'

10. और घर में चेलों ने इस के विषय में उस से फिर पूछा।

10. In the house the followers asked Jesus about this again.

11. उस ने उन से कहा, जो कोई अपनी पत्नी को त्यागकर दूसरी से ब्याह करे तो वह उस पहिली के विरोध में व्यभिचार करता है।

11. He said to them, 'Whoever divorces his wife and marries another is not faithful to her and is guilty of a sex sin.

12. और यदि पत्नी अपने पति को छोड़कर दूसरे से ब्याह करे, तो वह व्यभिचार करता है।

12. If a wo-man divorces her husband and marries another, she is not faithful to her husband and is guilty of a sex sin.'

13. फिर लोग बालकों को उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे, पर चेलों ने उनको डांटा।

13. They brought little children to Jesus that He might put His hand on them. The followers spoke sharp words to those who brought them.

14. यीशु ने यह देख क्रुध होकर उन से कहा, बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है।

14. Jesus saw this and was angry with the followers. He said, 'Let the little children come to Me. Do not stop them. The holy nation of God is made up of ones like these.

15. मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमेश्वर के राज्य को बालक की नाई ग्रहण न करे, वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा।

15. For sure, I tell you, whoever does not receive the holy nation of God as a little child does not go into it.'

16. और उस ने उन्हें गोद में लिया, और उन पर हाथ रखकर उन्हें आशीष दी।।

16. He took the children in His arms. He put His hands on them and prayed that good would come to them.

17. और जब वह निकलकर मार्ग में जाता था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उस से पूछा? हे उत्तम गुरू, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्यां करूं?

17. Jesus was going on His way. A man ran to Him and got down on his knees. He said, 'Good Teacher, what must I do to have life that lasts forever?'

18. यीशु ने उस से कहा, तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक अर्थात् परमेश्वर।

18. Jesus said to him, 'Why do you call Me good? There is only One Who is good. That is God.

19. तू आज्ञाओं को तो जानता है; हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना।
निर्गमन 20:12, निर्गमन 20:13-16, व्यवस्थाविवरण 5:16, व्यवस्थाविवरण 5:17-20, व्यवस्थाविवरण 24:14

19. You know the Laws, 'Do not be guilty of sex sins in marriage. Do not kill another person. Do not take things from people in wrong ways. Do not steal. Do not lie. Respect your father and mother.' '

20. उस ने उस से कहा, हे गुरू, इन सब को मैं लड़कपन से मानता आया हूं।

20. The man said to Jesus, 'Teacher, I have obeyed all these Laws since I was a boy.'

21. यीशु ने उस पर दृष्टि करके उस से प्रेम किया, और उस से कहा, तुझ में एक बात की घटी है; जा, जो कुछ तेरा है, उसे बेच कर कंगालों को दे, और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले।

21. Jesus looked at him with love and said, 'There is one thing for you to do yet. Go and sell everything you have and give the money to poor people. You will have riches in heaven. Then come and follow Me.'

22. इस बात से उसके चिहरे पर उदासी छा गई, और वह शोक करता हुआ चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था।

22. When the man heard these words, he was sad. He walked away with sorrow because he had many riches here on earth.

23. यीशु ने चारों ओर देखकर अपने चेलों से कहा, धनवानों को परमेश्वरके राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है!

23. Jesus looked around Him. He said to His followers, 'How hard it is for rich people to get into the holy nation of God!'

24. यीशु ने चारों और देखकर अपने चेलों से कहा, धनवानों को परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है!
यशायाह 52:14

24. The followers were surprised and wondered about His words. But Jesus said to them again, 'Children! How hard it is for those who put their trust in riches to get into the holy nation of God!

25. चेले उस की बातों से अचम्भित हुए, इस पर यीशु ने फिर उन को उत्तर दिया, हे बालको, जो धन पर भरोसा रखते हैं, उन के लिये परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है!

25. It is easier for a camel to go through the eye of a needle than for a rich man to go to heaven.'

26. वे बहुत ही चकित होकर आपस में कहने लगे तो फिर किस का उद्धार हो सकता है।

26. They were very surprised and wondered, saying to themselves, 'Then who can be saved from the punishment of sin?'

27. यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है।
उत्पत्ति 18:14, अय्यूब 42:2, जकर्याह 8:6

27. Jesus looked at them and said, 'This cannot be done by men but God can do anything.'

28. पतरस उस से कहने लगा, कि देख, हम तो सब कुछ छोड़कर तेरे पीछे हो लिये हैं।

28. Then Peter began to say to Him, 'We have given up everything we had and have followed You.'

29. यीशु ने कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि ऐसा कोई नहीं, जिस ने मेरे और सुसमाचार के लिये घर या भाइयों या बहिनों या माता या पिता या लड़के- बालों या खेतों को छोड़ दिया हो।

29. Jesus said, 'For sure, I tell you, there are those who have given up houses or brothers or sisters or father or mother or wife or children or lands because of Me, and the Good News.

30. और अब इस समय सौ गुणा न पाए, घरों और भाइयों और बहिनों और माताओं और लड़के- बालों और खेतों को पर उपद्रव के साथ और परलोक में अनन्त जीवन।

30. They will get back one hundred times as much now at this time in houses and brothers and sisters and mothers and children and lands. Along with this, they will have very much trouble. And they will have life that lasts forever in the world to come.

31. पर बहुतेरे जो पहिले हैं, पिछले होंगे; और जो पिछले हैं, वे पहिले होंगे।

31. Many who are first will be last. Many who are last will be first.'

32. और वे यरूशलेम को जाते हुए मार्ग में थे, और यीशु उन के आगे आगे जा रहा था: और वे अचम्भा करने लगे और जो उसके पीछे पीछे चलते थे डरने लगे, तब वह फिर उन बारहों को लेकर उन से वे बातें कहने लगा, जो उस पर आनेवाली थीं।

32. They were on their way to Jerusalem. Jesus walked in front of them. Those who followed were surprised and afraid. Then Jesus took the twelve followers by themselves. He told them what would happen to Him.

33. कि देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और मनुष्य का पुत्रा महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा, और वे उस को घात के योग्य ठहराएंगे, और अन्यजातियों के हाथ में सौंपेंगे।

33. He said, 'Listen, we are going to Jerusalem. The Son of Man will be handed over to the religious leaders of the Jews and to the teachers of the Law. They will say that He must be put to death. They will hand Him over to the people who are not Jews.

34. और वे उस को ठट्ठों में उड़ाएंगे, और उस पर थूकेंगे, और उसे कोड़े मारेंगे, और उसे घात करेंगे, और तीन दिन के बाद वह जी उठेगा।।

34. They will make fun of Him and will beat Him. They will spit on Him and will kill Him. But three days later He will be raised from the dead.'

35. तब जब्दी के पुत्रा याकूब और यूहन्ना ने उसके पास आकर कहा, हे गुरू, हम चाहते हैं, कि जो कुछ हम तुझ से मांगे, वही तू हमारे लिये करे।

35. James and John, the sons of Zebedee, came to Jesus. They said, 'Teacher, we would like to have You do for us whatever we ask You.'

36. उस ने उन से कहा, तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूं?

36. He said to them, 'What would you like to have Me do for you?'

37. उन्हों ने उस से कहा, कि हमें यह दे, कि तेरी महिमा में हम में से एक तेरे दहिने और दूसरा तेरे बांए बैठे।

37. They said to Him, 'Let one of us sit by Your right side and the other by Your left side when You receive Your great honor in heaven.'

38. यीशु न उन से कहा, तुम नहीं जानते, कि क्या मांगते हो? जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्या पी सकते हो? और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, क्या ले सकते हो?

38. Jesus said to them, 'You do not know what you ask. Can you take the suffering I am about to take? Can you be baptized with the baptism that I am baptized with?'

39. उन्हों ने उस से कहा, हम से हो सकता है: यीशु ने उन से कहा: जो कटोरा मैं पीने पर हूं, तुम पीओंगे; और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, उसे लोगे।

39. They said to Him, 'Yes, we can.' Jesus said to them, 'You will, for sure, suffer the way I will suffer. You will be baptized with the baptism that I am baptized with.

40. पर जिन के लिये तैयार किया गया है, उन्हें छोड़ और किसी को अपने दहिने और अपने बाएं बिठाना मेरा काम नहीं।

40. But to sit on My right side or on My left side is not for Me to give. It will be given to those for whom it has been made ready.'

41. यह सुनकर दसों याकूब और यूहन्ना पर रिसियाने लगे।

41. The other ten followers heard it. They were angry with James and John.

42. और यीशु ने उन को पास बुला कर उन से कहा, तुम जानते हो, कि जो अन्यजातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं; और उन में जो बड़ें हैं, उन पर अधिकार जताते हैं।

42. Jesus called them to Him and said, 'You know that those who are made leaders over the nations show their power to the people. Important leaders use their power over the people.

43. पर तुम में ऐसा नहीं है, बरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने।

43. It must not be that way with you. Whoever wants to be great among you, let him care for you.

44. और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने।

44. Whoever wants to be first among you, must be the one who is owned and cares for all.

45. क्योंकि मनुष्य का पुत्रा इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा अहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे।।

45. For the Son of Man did not come to be cared for. He came to care for others. He came to give His life so that many could be bought by His blood and be made free from sin.'

46. और वे यरीहो में आए, और जब वह और उसके चेले, और एक बड़ी भीड़ यरीहो से निकलती थी, तो तिमाई का पुत्रा बरतिमाई एक अन्धा भिखारी सड़क के किनारे बैठा था।

46. Then they came to the city of Jericho. When He was leaving the city with His followers and many people, a blind man was sitting by the road. He was asking people for food or money as they passed by. His name was Bartimaeus, the son of Timaeus.

47. वह यह सुनकर कि यीशु नासरी है, पुकार पुकार कर कहने लगा; कि हे दाऊद की सन्तान, यीशु मुझ पर दया कर।

47. He heard that Jesus of Nazareth was passing by. He began to speak with a loud voice, saying, 'Jesus, Son of David, take pity on me!'

48. बहुतों ने उसे डांटा कि चुप रहे, पर वह और भी पुकारने लगा, कि हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।

48. Many people spoke sharp words to the blind man telling him not to call out like that. But he spoke all the more. He said, 'Son of David, take pity on me.'

49. तब यीशु ने ठहरकर कहा, उसे बुलाओ; और लोगों ने उस अन्धे को बुलाकर उस से कहा, ढाढ़स बान्ध, उठ, वह तुझे बुलाता है।

49. Jesus stopped and told them to call the blind man. They called to him and said, 'Take hope! Stand up, He is calling for you!'

50. वह अपना कपड़ा फेंककर शीघ्र उठा, और यीशु के पास आया।

50. As he jumped up, he threw off his coat and came to Jesus.

51. इस पर यीशु ने उस से कहा; तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिये करूं? अन्धे ने उस से कहा, हे रब्बी, यह कि मैं देखने लगूं।

51. Jesus said to him, 'What do you want Me to do for you?' The blind man said to Him, 'Lord, I want to see!'

52. यीशु ने उस से कहा; चला जा, तेरे विश्वास ने तुझे चंगा कर दिया है: और वह तुरन्त देखने लगा, और मार्ग में उसके पीछे हो लिया।।

52. Jesus said, 'Go! Your faith has healed you.' At once he could see and he followed Jesus down the road.



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