32. तब उसके स्वामी ने उस को बुलाकर उस से कहा, हे दुष्ट दास, तू ने जो मुझ से बिनती की, तो मैं ने तो तेरा वह पूरा कर्ज क्षमा किया।
32. Then his lord, after he had called him, said unto him, `O thou wicked servant, I forgave thee all that debt, because thou desiredst me.