8. यदि तेरा हाथ या तेरा पांव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्डा या लंगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो हाथ या दो पांव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए।
8. Wherefore, if thy hand or thy foot causeth thee to sin, cut them off, and cast {them} from thee: it is better for thee to enter into life halt or maimed, rather than having two hands or two feet, to be cast into everlasting fire.