Matthew - मत्ती 16 | View All

1. और फरीसियों और सदूकियों ने पास आकर उसे परखने के लिये उस से कहा, कि हमें आकाश का कोई चिन्ह दिखा।

1. পরে ফরীশীরা ও সদ্দূকীরা নিকটে আসিয়া পরীক্ষা ভাবে তাঁহাকে নিবেদন করিল, যেন তিনি তাহাদিগকে আকাশ হইতে কোন চিহ্ন দেখান।

2. उस ने उन को उत्तर दिया, कि सांझ को तुम कहते हो कि खुला रहेगा क्योंकि आकाश लाल है।

2. কিন্তু তিনি উত্তর করিয়া তাহাদিগকে কহিলেন, সন্ধ্যা হইলে তোমরা বলিয়া থাক, পরিষ্কার দিন হইবে, কারণ আকাশ লাল হইয়াছে।

3. और भोर को कहते हो, कि आज आन्धी आएगी क्योंकि आकाश लाल और धुमला है; तुम आकाश का लक्षण देखकर भेद बता सकते हो पर समयों के चिन्हों को भेद नहीं बता सकते?

3. আর প্রাতঃকালে বলিয়া থাক, আজ ঝড় হইবে, কারণ আকাশ লাল ও ঘোর হইয়াছে। তোমরা আকাশের লক্ষণ বুঝিতে পার, কিন্তু কালের চিহ্ন সকল বুঝিতে পার না।

4. इस युग के बुरे और व्यभिचारी लोग चिन्ह ढूंढ़ते हैं पर यूनुस के चिन्ह को छोड़ कोई और चिन्ह उन्हें न दिया जाएगा, और वह उन्हें छोड़कर चला गया।।

4. এই কালের দুষ্ট ও ব্যভিচারী লোকেরা চিহ্নের অন্বেষণ করে, কিন্তু যোনার চিহ্ন ব্যতিরেকে আর কোন চিহ্ন তাহাদিগকে দেওয়া যাইবে না। তখন তিনি তাহাদিগকে ত্যাগ করিয়া চলিয়া গেলেন।

5. और चेले पार जाते समय रोटी लेना भूल गए थे।

5. শিষ্যেরা অন্য পারে যাইবার সময়ে রুটী লইতে ভুলিয়া গিয়াছিলেন।

6. यीशु ने उन से कहा, देखो; फरीसियों और सदूकियों के खमीर से चौकस रहना।

6. যীশু তাঁহাদিগকে কহিলেন, তোমরা সতর্ক হও, ফরীশী ও সদ্দূকীদের তাড়ী হইতে সাবধান থাক।

7. वे आपस में विचार करने लगे, कि हम तो रोटी नहीं लाए।

7. তখন তাঁহারা পরস্পর তর্ক করিয়া কহিতে লাগিলেন, আমরা যে রুটী আনি নাই।

8. यह जानकर, यीशु ने उन से कहा, हे अल्पविश्वासियों, तुम आपस में क्यों विचार करते हो कि हमारे पास रोटी नहीं?

8. তাহা বুঝিয়া যীশু কহিলেন, হে অল্পবিশ্বাসীরা, তোমাদের রুটী নাই বলিয়া কেন পরস্পর তর্ক করিতেছ?

9. क्या तुम अब तक नहीं समझे? और उन पांच हजार की पांच रोटी स्मरण नहीं करते, और न यह कि कितनी टोकरियां उठाईं थीं?

9. এখনও কি বুঝ না, মনেও কি পড়ে না, সেই পাঁচ সহস্রের খাদ্য পাঁচখানি রুটী, আর কত ডালা তুলিয়া লইয়াছিলে?

10. और न उन चार हजार की सात रोटी; और न यह कि कितने टोकरे उठाए गए थे?

10. এবং সেই চারি সহস্রের খাদ্য সাতখানি রুটী, আর কত ঝুড়ি তুলিয়া লইয়াছিলে?

11. तुम क्यों नहीं समझते कि मैं ने तुम से रोटियों के विषय में नहीं कहा? फरीसियों और सदूकियों के खमीर से चौकस रहना।

11. তোমরা কেন বুঝ না যে, আমি তোমাদিগকে রুটীর বিষয় বলি নাই? কিন্তু তোমরা ফরীশী ও সদ্দূকীদের তাড়ী হইতে সাবধান থাক।

12. तब उन को समझ में आया, कि उस ने रोटी के खमीर से नहीं, पर फरीसियों और सदूकियों की शिक्षा से चौकस रहने को कहा था।

12. তখন তাঁহারা বুঝিলেন, তিনি রুটীর তাড়ী হইতে নয়, কিন্তু ফরীশী ও সদ্দূকীদের শিক্ষা হইতে সাবধান থাকিবার কথা বলিয়াছেন।

13. यीशु कैसरिया फिलिप्पी के देश में आकर अपने चेलों से पूछने लगा, कि लोग मनुष्य के पुत्रा को क्या कहते हैं?

13. পরে যীশু কৈসরিয়া-ফিলিপীর অঞ্চলে গিয়া আপন শিষ্যদিগকে জিজ্ঞাসা করিলেন, মনুষ্যপুত্র কে, এ বিষয়ে লোকে কি বলে?

14. उन्हों ने कहा, कितने तो यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला कहते हैं और कितने एलिरयाह, और कितने यिर्मयाह या भविष्यद्वक्ताओं में से कोई एक कहते हैं।

14. তাঁহারা কহিলেন, কেহ কেহ বলে, আপনি যোহন বাপ্তাইজক; কেহ কেহ বলে, আপনি এলিয়; আর কেহ কেহ বলে, আপনি যিরমিয় কিম্বা ভাববাদিগণের কোন এক জন।

15. उस ने उन से कहा; परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?

15. তিনি তাঁহাদিগকে বলিলেন, কিন্তু তোমরা কি বল, আমি কে?

16. शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्रा मसीह है।
दानिय्येल 9:25

16. শিমোন পিতর উত্তর করিয়া কহিলেন, আপনি সেই খ্রীষ্ট, জীবন্ত ঈশ্বরের পুত্র।

17. यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि हे शमौन योना के पुत्रा, तू धन्य है; क्योंकि मांस और लोहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है।

17. যীশু উত্তর করিয়া তাঁহাকে কহিলেন, হে যোনার পুত্র শিমোন, ধন্য তুমি! কেননা রক্তমাংস তোমার নিকটে ইহা প্রকাশ করে নাই, কিন্তু আমার স্বর্গস্থ পিতা প্রকাশ করিয়াছেন।

18. और मैं भी तुझ से कहता हूं, कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।
उत्पत्ति 22:17, अय्यूब 38:17, यशायाह 38:10

18. আর আমিও তোমাকে কহিতেছি, তুমি পিতর, আর এই পাথরের উপরে আমি আপন মণ্ডলী গাঁথিব, আর পাতালের পুরদ্বার সকল তাহার বিপক্ষে প্রবল হইবে না।

19. मैं तुझे स्वर्ग के राज्य की कुंजियां दूंगा: और जो कुछ तू पृथ्वी पर बान्धेगा, वह स्वर्ग में बन्धेगा; और जो कुछ तू पृथ्वी पर खोलेगा, वह स्वर्ग में खुलेगा।

19. আমি তোমাকে স্বর্গ-রাজ্যের চাবিগুলিন দিব; আর তুমি পৃথিবীতে যাহা কিছু বদ্ধ করিবে, তাহা স্বর্গে বদ্ধ হইবে, এবং পৃথিবীতে যাহা কিছু মুক্ত করিবে, তাহা স্বর্গে মুক্ত হইবে।

20. तब उस ने चेलों को चिताया, कि किसी से न कहना! कि मैं मसीह हूं।

20. তখন তিনি শিষ্যদিগকে এই আজ্ঞা দিলেন, আমি যে সেই খ্রীষ্ট, এ কথা কাহাকেও বলিও না।

21. उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं।

21. সেই সময় অবধি যীশু আপন শিষ্যদিগকে স্পষ্টই বলিতে লাগিলেন যে, তাঁহাকে যিরূশালেমে যাইতে হইবে, এবং প্রাচীনবর্গের, প্রধান যাজকদের ও অধ্যাপকদের হইতে অনেক দুঃখ ভোগ করিতে হইবে, ও হত হইতে হইবে, আর তৃতীয় দিবসে উঠিতে হইবে।

22. इस पर पतरस उसे अलग ले जाकर झिड़कने लगा कि हे प्रभु, परमेश्वर न करे; तुझ पर ऐसा कभी न होगा।

22. ইহাতে পিতর তাঁহাকে কাছে লইয়া অনুযোগ করিতে লাগিলেন, বলিলেন, প্রভু, ইহা আপনা হইতে দূরে থাকুক, ইহা আপনার প্রতি কখনও ঘটিবে না।

23. उस ने फिरकर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।

23. কিন্তু তিনি মুখ ফিরাইয়া পিতরকে কহিলেন, আমার সম্মুখ হইতে দূর হও, শয়তান, তুমি আমার বিঘ্নস্বরূপ; কেননা যাহা ঈশ্বরের, তাহা নয়, কিন্তু যাহা মনুষ্যের তাহাই তুমি ভাবিতেছ।

24. तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।

24. তখন যীশু আপন শিষ্যদিগকে কহিলেন, কেহ যদি আমার পশ্চাৎ আসিতে ইচ্ছা করে, তবে সে আপনাকে অস্বীকার করুক, আপন ক্রুশ তুলিয়া লউক, এবং আমার পশ্চাদগামী হউক।

25. क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा।

25. কেননা যে কেহ আপন প্রাণ রক্ষা করিতে ইচ্ছা করে, সে তাহা হারাইবে, আর যে কেহ আমার নিমিত্তে আপন প্রাণ হারায়, সে তাহা পাইবে।

26. यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपने प्राण की हाति उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले में क्या देगा?

26. বস্তুতঃ মনুষ্য যদি সমুদয় জগৎ লাভ করিয়া আপন প্রাণ হারায়, তবে তাহার কি লাভ হইবে? কিম্বা মনুষ্য আপন প্রাণের পরিবর্ত্তে কি দিবে?

27. मनुष्य का पुत्रा अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, और उस समय वह हर एक को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा।
भजन संहिता 28:4, भजन संहिता 62:12, नीतिवचन 24:12, यशायाह 63:1

27. কেননা মনুষ্যপুত্র আপন দূতগণের সহিত আপন পিতার প্রতাপে আসিবেন, আর তখন প্রত্যেক ব্যক্তিকে তাহার ক্রিয়ানুসারে প্রতিফল দিবেন।

28. मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कितने ऐसे हैं; कि जब तक मनुष्य के पुत्रा को उसके राज्य में आते हुए न देख लेंगे, तब तक मृत्यु का स्वाद कभी न चखेंगे।

28. আমি তোমাদিগকে সত্য কহিতেছি, যাহারা এখানে দাঁড়াইয়া রহিয়াছে, তাহাদের মধ্যে এমন কয়েক জন আছে, যাহারা কোন মতে মৃত্যুর আস্বাদ পাইবে না, যে পর্য্যন্ত মনুষ্যপুত্রকে আপনার রাজ্যে আসিতে না দেখিবে।



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